अश्वगंधा, अश्वगंधा के फायदे, अश्वगंधा पाउडर, ashvgandha kya hai, Ashwagandha benefits, ashvgandha powder, side effect of ashvagandha अश्वगंधा एक पौधा है जो 3 से 5 फुट लंबा होता है । जिसको असगंध के नाम से भी जाना जाता है
आज की इस पोस्ट में आयुर्वेदिक से रिलेटेड अश्वगंधा ( Ashwagandha ) के रिव्यु के रूप में आज इस पोस्ट को आप देख सकते हैं अश्वगंधा बेनिफिट्स ( Ashwagandha benefit ) के बारे में पूरी डिटेल में मैं बताने की आज कोशिश करूंगा ।
Ashvgandha kya hai अश्वगंधा क्या है
Ashwagandha benefits अश्वगंधा के फायदे हिंदी
अश्वगंधा के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेट्री लिवर में होने वाली सूजन की समस्या दूर करने में सहायक होता है . यह सूजन कम करता है. अगर रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन किया जाए तो काफी फायदेमंद होगा.
अश्वगंधा के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होने लगेगा.
अश्वगंधा के इस्तेमाल से यौन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
एक गिलास दूध में एक चम्मच अश्वगंधा और एक चम्मच शहद मिलाकर शाम को सोते समय पीने से आपकी समस्या दूर हो जाएगी.
असगंध के इस्तेमाल से गठिया और लकवा जैसे समस्या को भी दूर किया जा सकता है.
औरतों के लिए अश्वगंधा लिकोरिया को रोकने के लिए किया जाता है.
अश्वगंधा से वजन भी घटा सकतें है इसका तरीका मेने इस पोस्ट में बताया है
आंखों की ज्योति बढ़ाए अश्वगंधा Ashwagandha benefit in increase eyesight in Hindi
गरभ धारण करने में अश्वगंधा के लाभ (Ashwagandha powder helps in pregnancy problem in Hindi)
अश्वगंधा चूर्ण के फायदे गर्भधारण की समस्या मैं भी मिलते हैं। अश्वगंधा पाउडर को गाय के घी में मिला ले। मासिक धर्म खत्म होने के बाद हर दिन गाय के दूध के साथ या ताजा पानी के साथ 4 से 6 ग्राम की मात्रा में इसका सेवन लगातार एक माह तक करें। यह गरबा धारण में काफी हद तक सहायक होता है।
अश्वगंधा और सफेद कटेरी की जड़ ले। इन दोनों में से आपको 10 10 मिलीग्राम रस निकालना है। इसका सेवन पहले महीने से लेकर पांचवे महीने तक की गर्भवती स्त्रियों को करने से गर्भपात नहीं होता है। यह काफी मजबूत तरीका है। हमारा भी आजमाया हुआ है।
लिकोरिया के इलाज में अश्वगंधा पाउडर के फायदे (Ashwagandha powder root benefit to likoria in Hindi)
अश्वगंधा की जड़ को आप बारीक पीस लें और उसका चूर्ण बना लें। अगर आपके पास पहले से ही अश्वगंधा पाउडर है (Ashwagandha powder benefits) है तो उसमें से दो से 4 ग्राम की मात्रा में ले। इसी के बराबर मिश्री भी लें। इसे आप गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लिकोरिया में लाभ होता है।
लिंग की कमजोरी दूर करें अश्वगंधा से (ashvgandha)
अश्वगंधा के चूर्ण को कपड़े से छानकर। उसमें उतनी ही मात्रा में खांड मिलाकर रख लें। एक चम्मच की मात्रा में लेकर गाय के ताजे दूध के साथ सुबह और शाम भोजन के 3 घंटा पहले सेवन करें।
अश्वगंधा की जड़ है बारीक पीस लें और उसका चूर्ण बना लें। रात के समय चूर्ण को चमेली के तेल में मिलाकर अच्छी तरह से घोट कर पेस्ट बना लें। इसको लिंग पर लेप करें। इससे नसों में फुर्ती और एनर्जी पैदा होती है।
अश्वगंधा दालचीनी और कोर्ट को बराबर मात्रा में मिलाकर कूटकर छान लें। इसे गाय के मक्खन में मिलाकर सुबह और शाम शिशन (लिंग) के आगे का भाग छोड़कर शेष लिंग पर लगाएं। इसको 2 से 3 घंटे बाद धो लें पानी से गुनगुने से। इस विधि को आप 2 महीने तक करिए। अगर इसमें फास्ट रिजल्ट चाहते हैं तो टाइगर मेवाती ऑयल का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं यहां क्लिक कर।
अश्वगंधा शरीर की कमजोरी को दूर करता है (Ashwagandha removes weakness of the body)
2-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को निर्धारित विधि से एक वर्ष तक सेवन करने से शरीर रोगमुक्त और बलवान बनता है।
10-10 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण, तिल और घी लें। इसमें तीन ग्राम आंवला मिलाकर सर्दियों में रोजाना 1-2 ग्राम सेवन करने से शरीर बलवान बनता है।
6 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री और शहद मिलाएं। इसमें 10 ग्राम गाय का घी मिलाएं। इस मिश्रण को 2-4 ग्राम सुबह-शाम सर्दियों में 4 महीने तक सेवन करने से शरीर को पोषण मिलता है।
पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को 3 ग्राम अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण ताजे दूध (कच्चे / धरोषना) के साथ लेना चाहिए। वात प्रकृति को शुद्ध तिल के साथ और कफ प्रकृति वाले व्यक्ति को एक वर्ष तक गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे शारीरिक दुर्बलता दूर होती है (अश्वगंधा की मुख्य क्रिया) और सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।
20 ग्राम असगंधा चूर्ण, 40 ग्राम तिल और 160 ग्राम उड़द लें। इन तीनों को बारीक पीसकर बड़ा करके एक महीने तक ताजा सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है।
अश्वगंधा और चिरायता की जड़ को बराबर भागों में मिलाकर अच्छी तरह मिला लें। इस चूर्ण को 2-4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ लेने से शरीर की कमजोरी (अश्वगंधा की मुख्य क्रिया) समाप्त हो जाती है।
एक ग्राम असगंधा चूर्ण में 125 मिलीग्राम मिश्री मिलाकर गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से वीर्य विकार दूर होता है और वीर्य मजबूत होता है और शक्ति बढ़ती है।
the side effect of ashvagandha hindi
अश्वगंधा एक इतनी बड़ी औषधि है तो जाहिर सी बात है कि इसके साइड इफेक्ट भी जरुर होते होंगे। (Side effect of ashvagandha) क्योंकि हर एक दवाई का कोई ना कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है। इसी तरह अश्वगंधा (ashvagandha) के भी कई साइड इफेक्ट है।
गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का लगातार सेवन नहीं करना चाहिए इससे गर्व खराब होने का चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं।
रक्तचाप के मरीजों को भी अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह पहले से ही गर्म मिजाज का होता है और उनका तो पहले से ही हाई रहता ही है।
अश्वगंधा के लगातार सेवन से आपको दस्त लग सकते हैं।
अश्वगंधा का ज्यादा सेवन आपको बुखार या मलेरिया जैसी बीमारी से ग्रस्त कर सकता है।
इसके लगातार सेवन से आपमें चिड़चिड़ापन आ सकता है।
इनके अलावा अश्वगंधा से और कोई भी साइड इफेक्ट देखने को मिलता नहीं है
मैं उम्मीद करता हूं. आप मेरे द्वारा दी गई इस जानकारी से संतुष्ट जरूर हुए होंगे जिसके लिए आप इस ब्लॉग पर आए थे| अगर आपके मन में फिर भी कोई सवाल है तो आप मुझे कमेंट करके पूछ सकते हैं मैं जरूर कोशिश करूंगा आपको उत्तर देने की