Sunday, October 10, 2021

 अश्वगंधा, अश्वगंधा के फायदे, अश्वगंधा पाउडर, ashvgandha kya hai, Ashwagandha benefits, ashvgandha powder, side effect of ashvagandha अश्वगंधा एक पौधा है जो 3 से 5 फुट लंबा होता है । जिसको असगंध के नाम से भी जाना जाता है



आज की इस पोस्ट में आयुर्वेदिक से रिलेटेड अश्वगंधा ( Ashwagandha ) के रिव्यु के रूप में आज इस पोस्ट को आप देख सकते हैं अश्वगंधा बेनिफिट्स ( Ashwagandha benefit )  के बारे में पूरी डिटेल में मैं बताने की आज कोशिश करूंगा ।


Ashvgandha kya hai अश्वगंधा क्या है


अश्वगंधा एक पौधा है जो 3 से 5 फुट लंबा होता है । जिसको असगंध के नाम से भी जाना जाता है । यह आयुर्वेदिक का एक औषधीय पौधा है ‌। हिंदी में असगंध या अश्वगंधा मराठी में असंग बंगाली में अश्वगंधा तेलुगु में पनेरु गुजराती में आसन के नाम से यह पौधा जाना जाता है ‌। यह पौधा हिंदुस्तान के कुछ इलाकों में काफी मात्रा में पाया जाता है ‌। नगरा बीहिंद के तमाम इलाकों में मिलता है लेकिन बंगाल और असम में इसकी पैदावार नहीं मिलती ‌। इसकी जड़ काफी लंबी लंबी होती हैं इसकी टेनिया गोल होती है और पत्ते 3 इंच से 5 इंच तक लंबे होते हैं ‌। 2 इंच के आसपास चौड़ाई तक होते हैं ‌। इसके फूल गोल होते हैं ‌। इसके बीज रसभरी की तरह ही होते हैं यानी इसमें छोटी-छोटी गोल गोल गोली की तरह ‌।



Ashwagandha benefits अश्वगंधा के फायदे ‌ हिंदी


अश्वगंधा के बहुत सारे फायदे हैं ‌। यह एक औषधीय पौधा जो है ‌। इसको हर बीमारी में इस्तेमाल किया जा सकता है ‌। अश्वगंधा को और रसायन भी कहा जाता है ‌। रसायन उसको कहते हैं जो शरीर के हर हिस्से पर काम करती है ‌।

अश्वगंधा के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेट्री लिवर में होने वाली सूजन की समस्या दूर करने में सहायक होता है . यह सूजन कम करता है. अगर रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन किया जाए तो काफी फायदेमंद होगा. 

अश्वगंधा के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होने लगेगा.

अश्वगंधा के इस्तेमाल से यौन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. 

एक गिलास दूध में एक चम्मच अश्वगंधा और एक चम्मच शहद मिलाकर शाम को सोते समय पीने से आपकी समस्या दूर हो जाएगी. 

असगंध के इस्तेमाल से गठिया और लकवा जैसे समस्या को भी दूर किया जा सकता है. 
औरतों के लिए अश्वगंधा लिकोरिया को रोकने के लिए किया जाता है. 

अश्वगंधा से वजन भी घटा सकतें है इसका तरीका मेने इस पोस्ट में बताया है 


आंखों की ज्योति बढ़ाए अश्वगंधा Ashwagandha benefit in increase eyesight in Hindi


2 ग्राम अश्वगंधा 2 ग्राम आंवला और 1 ग्राम मुलेठी को आपस में मिलाकर पीसकर पाउडर बना लें । अब इसमें से एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को सुबह-शाम गर्म पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है । अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha benefits) के कारण आंखों को आराम मिलता है। इसके साथ आप एलो ज्योति प्लस Aloe Jyoti Plus IMC  ड्रॉप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 




गरभ  धारण करने में अश्वगंधा के लाभ (Ashwagandha powder helps in pregnancy problem in Hindi)


20 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 1 लीटर पानी तथा 250 मिलीग्राम गाय के दूध में मिला लें। इसे कम आंच पर पकाएं। जब इसमें केवल दूध बचा रह जाए तब इसमें 6 ग्राम मिश्री और 6 ग्राम गाय का घी मिला लें। इस क्रिया को आप मासिक धर्म के खत्म होने के बाद नहा धोकर अच्छी तरह 3 दिन बाद। लगातार तीन दिन तक ही करने से यह गरबा धारण में सहायक ( ashvgandha powder) होता है।

अश्वगंधा चूर्ण के फायदे गर्भधारण की समस्या मैं भी मिलते हैं। अश्वगंधा पाउडर को गाय के घी में मिला ले। मासिक धर्म खत्म होने के बाद हर दिन गाय के दूध के साथ या ताजा पानी के साथ 4 से 6 ग्राम की मात्रा में इसका सेवन लगातार एक माह तक करें। यह गरबा धारण में काफी हद तक सहायक होता है। 

अश्वगंधा और सफेद कटेरी की जड़ ले। इन दोनों में से आपको 10 10 मिलीग्राम रस निकालना है। इसका सेवन पहले महीने से लेकर पांचवे महीने तक की गर्भवती स्त्रियों को करने से गर्भपात नहीं होता है। यह काफी मजबूत तरीका है। हमारा भी आजमाया हुआ है।



लिकोरिया के इलाज में अश्वगंधा पाउडर के फायदे (Ashwagandha powder root benefit to likoria in Hindi)


अश्वगंधा की जड़ को आप बारीक पीस लें और उसका चूर्ण बना लें। अगर आपके पास पहले से ही अश्वगंधा पाउडर है (Ashwagandha powder benefits) है तो उसमें से दो से 4 ग्राम की मात्रा में ले। इसी के बराबर मिश्री भी लें। इसे आप गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लिकोरिया में लाभ होता है।



लिंग की कमजोरी दूर करें अश्वगंधा से (ashvgandha)


अश्वगंधा के चूर्ण को कपड़े से छानकर। उसमें उतनी ही मात्रा में खांड मिलाकर रख लें। एक चम्मच की मात्रा में लेकर गाय के ताजे दूध के साथ सुबह और शाम भोजन के 3 घंटा पहले सेवन करें।


अश्वगंधा की जड़ है बारीक पीस लें और उसका चूर्ण बना लें। रात के समय चूर्ण को चमेली के तेल में मिलाकर अच्छी तरह से घोट कर पेस्ट बना लें। इसको लिंग पर लेप करें। इससे नसों में फुर्ती और एनर्जी पैदा होती है। 


अश्वगंधा दालचीनी और कोर्ट को बराबर मात्रा में मिलाकर कूटकर छान लें। इसे गाय के मक्खन में मिलाकर सुबह और शाम शिशन (लिंग) के आगे का भाग छोड़कर शेष लिंग पर लगाएं‌। इसको 2 से 3 घंटे बाद धो लें पानी से गुनगुने से। इस विधि को आप 2 महीने तक करिए। अगर इसमें फास्ट रिजल्ट चाहते हैं तो टाइगर मेवाती ऑयल का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं यहां क्लिक कर।

यदि आप लिंग वृद्धि विधि या उत्पाद की कोशिश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसका तरीका इस ब्लॉग पर मिलेगा 



अश्वगंधा शरीर की कमजोरी को दूर करता है (Ashwagandha removes weakness of the body)


2-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को निर्धारित विधि से एक वर्ष तक सेवन करने से शरीर रोगमुक्त और बलवान बनता है।

10-10 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण, तिल और घी लें। इसमें तीन ग्राम आंवला मिलाकर सर्दियों में रोजाना 1-2 ग्राम सेवन करने से शरीर बलवान बनता है।

6 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री और शहद मिलाएं। इसमें 10 ग्राम गाय का घी मिलाएं। इस मिश्रण को 2-4 ग्राम सुबह-शाम सर्दियों में 4 महीने तक सेवन करने से शरीर को पोषण मिलता है।

पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को 3 ग्राम अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण ताजे दूध (कच्चे / धरोषना) के साथ लेना चाहिए। वात प्रकृति को शुद्ध तिल के साथ और कफ प्रकृति वाले व्यक्ति को एक वर्ष तक गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे शारीरिक दुर्बलता दूर होती है (अश्वगंधा की मुख्य क्रिया) और सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।

20 ग्राम असगंधा चूर्ण, 40 ग्राम तिल और 160 ग्राम उड़द लें। इन तीनों को बारीक पीसकर बड़ा करके एक महीने तक ताजा सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है।

अश्वगंधा और चिरायता की जड़ को बराबर भागों में मिलाकर अच्छी तरह मिला लें। इस चूर्ण को 2-4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ लेने से शरीर की कमजोरी (अश्वगंधा की मुख्य क्रिया) समाप्त हो जाती है।

एक ग्राम असगंधा चूर्ण में 125 मिलीग्राम मिश्री मिलाकर गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से वीर्य विकार दूर होता है और वीर्य मजबूत होता है और शक्ति बढ़ती है।


the side effect of ashvagandha hindi 


अश्वगंधा एक इतनी बड़ी औषधि है तो जाहिर सी बात है कि इसके साइड इफेक्ट भी जरुर होते होंगे। (Side effect of ashvagandha)  क्योंकि हर एक दवाई का कोई ना कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है। इसी तरह अश्वगंधा (ashvagandha) के भी कई साइड इफेक्ट है।


गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का लगातार सेवन नहीं करना चाहिए इससे गर्व खराब होने का चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं।


रक्तचाप के मरीजों को भी अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह पहले से ही गर्म मिजाज का होता है और उनका तो पहले से ही हाई रहता ही है।


अश्वगंधा के लगातार सेवन से आपको दस्त लग सकते हैं।

अश्वगंधा का ज्यादा सेवन आपको बुखार या मलेरिया जैसी बीमारी से ग्रस्त कर सकता है।

इसके लगातार सेवन से आपमें चिड़चिड़ापन आ सकता है।

इनके अलावा अश्वगंधा से और कोई भी साइड इफेक्ट देखने को मिलता नहीं है



मैं उम्मीद करता हूं. आप मेरे द्वारा दी गई इस जानकारी से संतुष्ट जरूर हुए होंगे जिसके लिए आप इस ब्लॉग पर आए थे|  अगर आपके मन में फिर भी कोई सवाल है तो आप मुझे कमेंट करके पूछ सकते हैं मैं जरूर कोशिश करूंगा आपको उत्तर देने की



Sunday, October 3, 2021

 Apricot kya hai खुबानी या (एप्रीकॉट हिंदी नेम) आडू या प्लम जैसा होता है, apricot fruit , apricot khane se kya hota hai, apricot scrub kya hai, आज की इस पोस्ट में हम यह सब  जानेंगे आज.

Apricot fruit



हाय मैं नासिर हुसैन और आप पढ़ रहे हैं हिंदी मेवाती ब्लॉग. इस पोस्ट में मैं आपको apricot के बारे में विस्तार से समझाने की कोशिश करूंगा. जैसे खूबानी की तासीर प्रेगनेंसी में खूबानी खाने के फायदे. खूबानी का दूसरा नाम.  खुबानी खाने का सही तरीका क्या है. खुबानी की कीमत क्या है. और खुबानी फल के फायदे क्या है. और खुबानी क्या है.


Apricot fruit benefits

Apricot आडू या पल्म जैसा होता है जिसका छिलका थोड़ा खुदरा और मुलायम जैसा होता है। आयुर्वेद के अनुसार एप्रीकॉट मीठा और गर्म तासीर का होता है। एप्रीकॉट के गुणों के कारण यह बात और कब को कम करने में काफी मददगार साबित होता है और साथ ही साथ कमजोरी को दूर करने में भी यह जबरदस्त माना जाता है।  एप्रीकॉट को स्किन के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। एप्रीकॉट की मदद से आप अपनी sex लाइफ को काफी मजबूत कर सकते हैं इसका तरीका मैं आपको आर्टिकल के लास्ट में बताऊंगा जो मैं भी यूज़ करता हूं. इसका मेरे पास बहुत से तजुर्बे। 


Abuot Apricot in hindi


हमारे आयुर्वेदिक आचार्य ने कुछ ऐसे विशिष्ट और लाभकारी पलों की खोज की है जिनमें अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। एप्रीकॉट (Apricot)  भी उन्हीं फलों में से एक फल है एप्रीकॉट (Apricotऔषधीय गुणों से भरपूर फल है। Apricot के नाम से आप इसको शायद बहुत कम जानते होंगे लेकिन खुबानी के नाम से यह बहुत ज्यादा फेमस है. इसी के नाम से ज्यादातर जाना जाता है। यह एक बीच युक्त फल है. इसके अंदर एक बीज निकलता है, जो बेर के जैसे दिखाई देता है.


 फोटो में देख सकते हैं यह यही है एप्रीकॉट (Apricot) का फल इसके अंदर छोटा सा बीज निकलता है इस बीच को आप मेवे के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लगभग 3000 वर्ष पुराना यह फल औषधीय गुणों के कारण पूरे विश्व में अपना नाम जमा चुका है इस पर बहुत सारे शोध (research) भी चलें हैं।



एप्रीकॉट फल और पौधा 


एप्रीकॉट (Apricot खुबानी ) का फल आडू या बेर की भांति दिखता है। एप्रीकॉट के फल का रंग हल्का लाल पीला नारंगी रंग का होता है। इस फल का स्वाद हल्का खट्टा मीठा होता है किंतु कभी-कभी इसका स्वाद तीखा भी देखने को मिलता है।Apricot की तासीर गर्म (hot) होती है इसलिए इसका उपयोग ठंडे मौसम में अधिक किया जाता है। 


Apricot fruit


एप्रीकॉट की पौधे की बात करें तो यह पौधा छोटा और आकर्षक होता है। इसकी लंबाई 8 से 10 मीटर होती है। ईस की पत्तियों की बात वह 5 से 9 सेंटीमीटर अंडाकार होती है। एप्रीकॉट के पौधे में गुच्छे दार फूल लगते हैं जो सफेद और गुलाबी रंग के होते हैं और देखने में काफी आकर्षक (Attractive) लगते हैं।



Apricot name all


Sanskrit-उरुमाण;


Hindi-जरदालू, खुबानी, चिलू;


Urdu-खुबानी (Khubani);


Kashmiri-गरडालू (Gardalu), जर्दालु (Jardalu), चेरकिश (Cherkish);


Nepali-खुर्पानी (Khurpani);


Panjabi-हरी (Hari), सरी (Sari), चुली (Chuli)।


English-कौमन एप्रीकोट (Common apricot);


Arbi-बिनकफक (Binkuk), किशानिश (Kishanish);


Persian-मिश-मिश (Mish-Mish), जरदालु (Zardalu)।



एप्रीकॉट सबसे पहले कहां मिला (Where was Apricot first found?) 


Apricot fruit की शुरुआती पैदावार और यह कहां पर मिला इसके बारे में काफी विवादित वरण सामने आए हैं। प्राचीन काल में आर्मेनिया में लंबे समय तक एप्रीकॉट की खेती की गई थी| 

इसलिए Apricot fruit की उत्पत्ति का श्रेय आर्मेनिया को दिया गया है। आर्मेनिया के गाने क्षेत्र में खुदाई के दौरान Apricot  के बीज मिले थे इसलिए एप्रीकॉट का वैज्ञानिक नाम पूर्नस आर्मेनियाका यानी (आर्मीनियाई बेर) रखा गया है। 

इसी तरह कुछ विदेशी वैज्ञानिकों का मानना है कि एप्रीकॉट की शुरुआत चीन में हुई थी तथा एप्रीकॉट का मूल केंद्र चीन ही है। कुछ अन्य तत्वों से ज्ञात हुआ है कि एप्रीकॉट की शुरुआत 3000 ईशा पूर्व भारत में हुई थी। 

इसके अलावा मिस्र इंग्लैंड तुर्की और पारस जैसे देश भी एप्रीकॉट के शुरुआत के बारे में अलग-अलग अपनी राय रखते हैं।



खुबानी (Apricot fruit) की पैदावार सबसे ज्यादा कहां होती है


एप्रीकॉट अर्थात खुबानी आर्मेनिया का राष्ट्रीय फल है किंतु विश्व भर में Apricot fruit का सर्वाधिक उत्पादन तुर्की में किया जाता है। तुर्की के अलावा ईरान एप्रीकॉट का उत्पाद के मामले में दूसरे नंबर पर आता है। 

इन दोनों देशों के अलावा यूरोप मिश्र चीन तथा भारत में भी अपरिकोट का उत्पादन किया जाता है। भारत में Apricot fruit फल हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड और कश्मीर के जैसे ठंडे इलाकों में पाया जाता है। इन पहाड़ी और ठंडे इलाकों में इन की पैदावार भी काफी ज्यादा मात्रा में होती है।



एप्रीकॉट में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in Apricot fruit)


एप्रीकॉट खुबानी अपने औषधीय गुणों के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है एवं अपरिकोट की प्रसिद्ध का कारण है वह सही है क्योंकि इसमें बहुत सारे विटामिंस मिनरल्स एक साथ पाए जाते हैं।

Apricot fruit में पाए जाने वाले खनिज मिनरल्स विटामिंस व विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व। बता दें कि एप्रीकॉट में पाए जाने वाले तत्व हैं, विटामिन ए,  विटामिन बी,  विटामिन सी,  विटामिन ई,  विटामिन के,  प्रोटीन, तांबा, (copper) कैल्शियम,  विटामिन बी 6,  मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, फाइबर, आयरन, सोडियम, क्लोराइड, कार्बोहाइड्रेट,  वसा,  नियासिन,  कैलोरी,  मैग्नीज,  जिंक, लोहा, यह सब पोषक तत्व एप्रीकॉट में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं| 

या आप कह सकते हैं कि यह इन सब का भरपूर भंडार है। आप अंदाजा लगा लो इतनी सारे पोषक तत्व अगर एक चीज में मिल रहे हैं| तो उसकी कीमत और उसका महत्व क्या होगा | इसीलिए इसका उपयोग आयुर्वेदिक में औषधि के रूप में किया जाता है।



एप्रीकॉट से खून की कमी को दूर करें (Remove anemia with Apricot)


शरीर में खून की कमी का होना एनीमिया रोग कहा जाता है। सरल भाषा में अगर मैं आपको समझाऊं तो anemia यानी खून का कम होना| किशोरावस्था और गर्भावस्था के दौरान सबसे ज्यादा पाया जाता है। खून की कमी के कारण महिलाओं में प्रसव के दौरान मृत्यु की सबसे अधिक संभावना होती है। खून की कमी के कई कारण होते हैं लेकिन सबसे जो मेन कारण होता है वह होता है लौह तत्व (iron) की कमी और calcium की कमी का होना।


Apricot frui anemia treament


iron और विटामिन ए तथ्य युक्त चीजों का सेवन करने से anemia रोग को ठीक किया जाता है। अगर आप किसी डॉक्टर के पास भी जाएंगे तो वह भी आपको यही दो चीजों की दवा देगा। 

इसके विपरीत एप्रीकॉट में लोह,  विटामिन ए,  तांबा, भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो खून की कमी को दूर करने में समर्थ होते हैं। एप्रीकॉट खून में मौजूद विषैले पदार्थों को भी नष्ट कर देता है। Apricot से खून साफ और स्वच्छ बनता है।


इन सबके अलावा Apricot में कैल्शियम की मात्रा भी काफी भरपूर मात्रा में मिलती है। एनीमिया के रोगी को Apricot के फल खिलाए पके हुए। एप्रीकॉट का जूस नहीं पिला सकते हैं। और उसके बीच का मेवा भी उसको खिला सकते हैं। इससे उसके अंदर विटामिन कैल्शियम और लौह तत्वों की पूर्ति हो जाएगी। जिससे उनकी खून की कमी दूर हो जाती है।



मोटापा कम करने के लिए एप्रीकॉट का सेवन। Consuming Apricot for Weight Loss

Consuming Apricot for Weight Loss


कई बार गलत खान-पान के कारण शरीर में वजन और चर्बी बढ़ जाती है। जिस को कम करने के लिए हम कई तरह के योगा या दवाई का सहारा लेते हैं। मोटापा कम करने के लिए चिकित्सक कम कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने की सलाह देते हैं, क्योंकि शरीर में कैलरी की मात्रा कम होने से वजन संतुलित हो जाता है। एप्रीकॉट में कैलरी की मात्रा अत्यंत कम होती है जो मोटापे को कम करने के लिए बेहद लाभकारी है। 

इसके विपरीत Apricot में पर्याप्त मात्रा में fiber पाया जाता है जो शरीर में होने वाले पानी के अवशोषण को बढ़ाता है। शरीर में जब पानी का लेवल बढ़ता है तो भूख कम लगती है। 

जिसकी वजह से बिना किसी दवाई योग या जिम करें आप अपना वजन धीरे-धीरे घटा सकते हैं। Weight Loss किस तरह से कम करना है इसके ऊपर मैंने स्पेशलिस्ट एक आर्टिकल लिखा है जो आप यहां से पढ़ सकते हैं।



एप्रीकॉट से आंखों का इलाज करें (treat eyes with apricot)


एप्रीकॉट से आंखों का इलाज भी किया जाता है। लेकिन उससे पहले मैं आपको बता दूं eyes में क्या क्या बीमारी होती है और वह किस कारण होती है। 


इंसान की सबसे बेशकीमती चीज और नाजुक अंग जो होती है वह होते हैं आंख। इसलिए इस कीमती उनका ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। eyes का सबसे कोमल हिस्सा होता है रेटीना। जिसकी मदद से हम दुनिया की इस चकाचौंध को देख पाते हैं। आंखों के अंदर ज्यादातर बीमारी इसी रेटीना के खराब होने की वजह से होती है। अगर बात की जाए विज्ञान की तो विज्ञान कहता है कि eyes को विटामिंस और पौष्टिक तत्वों से आंखों को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है।

आत्मविश्वास जोखिम लेने की क्षमता में क्या अंतर है हिंदी में,


आंखों में बीमारी क्यों होती है (Why does eye disease happen?)


आज के समय में अगर बात की जाए तो उम्र से पहले ही लोगों की आंखों में कई रोग होने लग जाते हैं। जैसे आंखों की रोशनी कम होना।  आंखों में सूजन होना । आंखों में जलन होना।  आंखों में लाल पन होना।  आंखों में फुला टाइप होना।  और बीमारी होती है।


मेरे डॉक्टर के अनुभव या कैरियर में जो मैंने एक्सपीरियंस किया है। इन बीमारियों के जो होने के मुख्य कारण होते हैं वह यह है। आंखों में धूल मिट्टी का जाना। रातों को देर तक जगना। पूरी नींद ना सोना। लंबे समय तक मोबाइल का देखना। किसी चीज को सरसरी तौर पर लंबे समय तक देखना और लगातार देखना। यह सब इसके आज के टाइम में मुख्य कारण है।


आंखों के इलाज की दवा (eye medicine)


आंखों से रिलेटेड इलाज में जिन दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है उनमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, पैरोडी नाइट, जैसे पोषक तत्व से बनी eye medicine का इस्तेमाल किया जाता है। एप्रीकॉट apricot में वही यह सब चीजें एक ही जगह पाई जाती हैं। पाई जाती नहीं बल्कि भरपूर मात्रा में पाई जाती हैं जो आंखों की समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं।



एप्रीकॉट से इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाएं (Increase apricot immunity system)


apricot fruit में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी इन्फ्लेमेटरी, गुण शरीर को जरूरी vitamin देते हैं। इसलिए कमजोर immunity system को मजबूत और बढ़ाने के लिए एप्रीकॉट का इस्तेमाल  जरूर । apricot के साथ-साथ आप हिमालय बेरी का अगर इस्तेमाल करेंगे.  तो आपकी इम्यूनिटी सिस्टम तो मजबूत होगी साथ में आपके शरीर के अंदर इतनी ताकत और फुर्ती देखने को मिलेगी जिसको मैं यहां बयां नहीं कर सकता हूं। इसका उपयोग मैंने कई अपने मरीजों पर किया है। यहां तक एक बार मैंने खुद भी इसका इस्तेमाल किया था। इनका इस्तेमाल कैसे करना है आप यहां से पढ़ सकते हैं।



एप्रीकॉट को स्किन केयर में भी किया जाता है इस्तेमाल


एप्रीकॉट में लगभग सभी आवश्यक तत्वों से भरपूर होती है। जो हमारी त्वचा को पहले से अधिक स्वास्थ्य बना सकती है। एंटी ऑक्सीडेंट स्किन के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। apricot fruit में anti oxidant की अच्छी मात्रा पाई जाती है। विटामिन सी, बी, एप्रीकॉट में पाया जाता है जो त्वचा के लिए काफी अच्छा होता है। अगर आप स्किन के लिए apricot का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसका प्रोडक्ट आप मेरी वेबसाइट से खरीद सकते हैं.  यहां से।




एप्रीकॉट के साइड इफेक्ट क्या है (Apricot fruit has side effects.)


कई ऐसे मामले हैं जिनमें Apricot fruit  नुकसानदायक हो सकता है।

एलर्जी:  अगर किसी को इस से एलर्जी है तो Apricot का सेवन नहीं करना चाहिए इससे त्वचा संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।

मधुमेह :  अगर कोई मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त है तो उन रोगियों को सूखे Apricot खुबानी का सेवन नहीं करना चाहिए एप्रीकॉट खाना उनके लिए हानिकारक होता है।

लो ब्लड प्रेशर: लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को Apricot का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

याद रखें एप्रीकॉट के बीजों में साइनाइड (cyanide) होता है जो अधिक मात्रा लेने पर बेहद हानिकारक (side effects) होता है। एप्रीकॉट खुबानी के केवल 30 बीजों का ही 1 दिन में खाया जा सकता है। इससे ज्यादा आप ना खाएं नहीं तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।


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