5 Top Best Travel Places in Mewat (2025 Guide)

Mewat, जिसे आज Nuh district के नाम से भी जाना जाता है, हरियाणा के दक्षिणी हिस्से में बसा है। यह क्षेत्र अपनी अनोखी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर है। कई लोग इस जगह को गलत समझते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि Mewat में ऐसी जगहें हैं जो हर यात्री के दिल को छू लेती हैं। दिल्ली, जयपुर, आगरा और रेवाड़ी जैसे बड़े शहरों के बीच होने की वजह से यह एक बेहतरीन यात्रा स्थल बन जाता है।
आइए जानते हैं 5 Top Best Travel Places in Mewat

1. Sheikh Musa Dargah, Nuh City

 

5 Top Best Travel Places in Mewat

Mewat का नाम आते ही जो धार्मिक और सांस्कृतिक जगह सबसे पहले याद आती है, वह है Sheikh Musa Dargah। यह दरगाह Nuh शहर में स्थित है और इसे Mewat का दिल कहा जा सकता है। यहाँ हर साल हज़ारों लोग अपने मन की मुरादें लेकर आते हैं। चाहे आप किसी भी धर्म या जाति से क्यों न हों, इस दरगाह का माहौल और यहाँ की आध्यात्मिक शांति हर व्यक्ति को अपनी ओर खींच लेती है।

इस दरगाह का इतिहास काफी पुराना है। इसे मुग़ल काल में बनाया गया था और इसकी वास्तुकला (architecture) आज भी पर्यटकों और इतिहासकारों को आकर्षित करती है। बड़े-बड़े गुंबद, नक्काशीदार दीवारें और मुख्य द्वार पर की गई सुंदर कलाकृतियाँ इस दरगाह को खास बनाती हैं। कहते हैं कि यह जगह सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रही है।

Sheikh Musa Dargah का महत्व सिर्फ एक मज़ार तक सीमित नहीं है। यहाँ होने वाले सालाना मेलों और उर्स में दूर-दूर से लोग शामिल होते हैं। इन आयोजनों में धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ संगीत, कव्वालियाँ और लोक परंपराओं की झलक भी देखने को मिलती है। यहाँ आने वाले लोग मानते हैं कि दरगाह में दुआ करने से उनकी मुरादें पूरी होती हैं और मन को शांति मिलती है।

अगर आप इतिहास और संस्कृति में रुचि रखते हैं तो यह जगह आपके लिए बिल्कुल सही है। दरगाह के आस-पास का माहौल इतना शांत और सुकून भरा है कि यहाँ बैठकर कुछ देर बिताना अपने आप में एक अलग अनुभव है। यहाँ की स्थानीय जनता भी बहुत मेहमाननवाज़ है और यात्रियों का दिल से स्वागत करती है।

यात्रा की दृष्टि से देखें तो Sheikh Musa Dargah दिल्ली से लगभग 70–80 किलोमीटर की दूरी पर है, इसलिए यह जगह weekend trip के लिए भी बढ़िया विकल्प है। यहाँ आने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का है, जब मौसम ठंडा और सुहावना होता है।

कुल मिलाकर, Sheikh Musa Dargah Nuh City न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि यह Mewat की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। अगर आप Mewat की यात्रा कर रहे हैं, तो इस जगह को अपनी सूची में ज़रूर शामिल करें। यकीन मानिए, यहाँ का अनुभव आपकी यादों में हमेशा जिंदा रहेगा।

 

2. Ferozepur Jhirka, (Mewat ka itihaas)

 


अगर हम 5 Top Best Travel Places in Mewat की बात करें तो Ferozepur Jhirka का नाम हमेशा टॉप लिस्ट में आता है। यह शहर Mewat के इतिहास और संस्कृति की पहचान है। कहा जाता है कि इस शहर की स्थापना फ़िरोज़ शाह तुगलक़ के शासनकाल में हुई थी और तभी से यह जगह अपनी खास पहचान बनाए हुए है।

Ferozepur Jhirka का नाम सुनते ही दिमाग़ में पुराने किले, झीलें और धार्मिक स्थलों की तस्वीर उभरती है। यहाँ का पांडव काली मंदिर प्राचीनता का प्रतीक है, जिसकी मान्यता है कि यह पांडवों के समय का है। इसी तरह अरावली पहाड़ियों से होकर गुजरती सड़क इस शहर की खूबसूरती को और भी निखार देती है। प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व का ऐसा मेल विरले ही देखने को मिलता है।

धार्मिक दृष्टि से भी यह जगह बेहद खास है। यहाँ हिंदू, मुस्लिम, जैन और ईसाई धर्मों के पूजा स्थल मौजूद हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि Mewat हमेशा से सांस्कृतिक एकता का प्रतीक रहा है। दरगाहें, मंदिर, गिरजाघर और जैन मंदिर – सब कुछ इस छोटे से शहर में देखने को मिलता है। यही वजह है कि इसे Mewat का “Mini India” भी कहा जाता है।

Ferozepur Jhirka सिर्फ इतिहास प्रेमियों के लिए ही नहीं बल्कि प्रकृति प्रेमियों और धार्मिक यात्रियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है। यहाँ के पुराने किलों और झीलों की सैर करने पर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप समय की गलियों में घूम रहे हों।

5 Top Best Travel Places in Mewat का यह दूसरा स्थान इसलिए भी खास है क्योंकि यह दिल्ली, जयपुर और रेवाड़ी से जुड़ा हुआ है, यानी यहाँ पहुँचना आसान है। स्थानीय लोग यात्रियों का दिल से स्वागत करते हैं और आपको Mewati संस्कृति और खानपान का भी अनुभव करवाते हैं।

अगर आप Mewat की यात्रा कर रहे हैं तो Ferozepur Jhirka को मिस करना बिल्कुल भी ठीक नहीं होगा। यह जगह आपको न सिर्फ इतिहास और धर्म की झलक दिखाएगी, बल्कि आपको यह भी एहसास दिलाएगी कि Mewat कितना समृद्ध क्षेत्र है। सच कहें तो, Ferozepur Jhirka वाकई में 5 Top Best Travel Places in Mewat में शामिल होने के काबिल है।

 

3. Saad Ki Baithak, Ibrahim Bas 

 


अगर आप Mewat की यात्रा पर हैं और 5 Top Best Travel Places in Mewat को देखना चाहते हैं, तो Saad Ki Baithak ज़रूर शामिल करें। यह जगह धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक – तीनों ही दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। Ibrahim Bas गाँव के पास स्थित यह स्थल एक पहाड़ी की चोटी पर बना है, जहाँ से पूरे क्षेत्र का नज़ारा दिखाई देता है।

कहा जाता है कि लगभग 450 साल पहले एक व्यक्ति “साद” ने इसे बनवाया था। उस समय वह 16 गाँवों का मुखिया था और इस जगह का निर्माण लोगों को जोड़ने के लिए किया गया था। आज भी यह जगह उन्हीं 16 गाँवों की एकता और पहचान का प्रतीक है। Saad Ki Baithak न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि यहाँ आने वाले हर यात्री के लिए आत्मिक शांति का केंद्र भी है।

यहाँ का वातावरण इतना शांत और सुकूनभरा है कि लोग दूर-दूर से सिर्फ मानसिक शांति पाने और ध्यान लगाने आते हैं। पहाड़ी की ऊँचाई से दिखने वाला नज़ारा इस स्थान को और भी खास बना देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस जगह पर की गई दुआएँ और प्रार्थनाएँ जल्दी पूरी होती हैं।

इतिहास प्रेमियों के लिए भी Saad Ki Baithak किसी खजाने से कम नहीं है। यहाँ की वास्तुकला साधारण होते हुए भी बेहद अनोखी है। यह इस बात का प्रमाण है कि Mewat के लोग सादगी और आध्यात्मिकता को कितना महत्व देते थे।

अगर आप 5 Top Best Travel Places in Mewat की तलाश कर रहे हैं, तो Saad Ki Baithak आपको निराश नहीं करेगी। यहाँ का अनुभव आपको यह एहसास दिलाएगा कि यात्रा सिर्फ घूमने का साधन नहीं है, बल्कि आत्मिक शांति पाने का एक तरीका भी है।

Mewat का यह स्थल धार्मिक यात्रियों के साथ-साथ उन लोगों के लिए भी खास है, जो प्रकृति और शांति से प्यार करते हैं। तो अगली बार जब आप Mewat आएँ, तो Saad Ki Baithak को अपनी लिस्ट में ज़रूर शामिल करें। यह जगह न सिर्फ आपकी यात्रा को यादगार बनाएगी, बल्कि आपको Mewati संस्कृति और इतिहास से भी गहराई से जोड़ देगी।


4. Chokha Dargah, Pinangwan 

 


5 Top Best Travel Places in Mewat की सूची में अगला नाम है Chokha Baba की दरगाह, जो Pinangwan कस्बे के पास स्थित है। यह जगह अपनी आध्यात्मिक शांति और धार्मिक महत्व के लिए मशहूर है।

Chokha Baba एक प्रसिद्ध सूफी संत थे और उनकी याद में यह दरगाह बनाई गई थी। आज भी यहाँ हर साल उर्स का आयोजन होता है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं। उस दौरान दरगाह में सूफी संगीत, कव्वालियाँ और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, जो वातावरण को और भी पवित्र और आकर्षक बना देते हैं।

दरगाह एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है, जिसकी वजह से इसका दृश्य बेहद सुंदर दिखाई देता है। यहाँ पहुँचने के बाद आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी और ही दुनिया में आ गए हों – जहाँ सिर्फ शांति, भक्ति और सुकून है।

यह दरगाह केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए खुली रहती है। यही वजह है कि यहाँ हिंदू, सिख, जैन और ईसाई श्रद्धालु भी आते हैं। यह जगह Mewat की उस सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है, जो इसे औरों से अलग बनाती है।

5 Top Best Travel Places in Mewat में Chokha Dargah का नाम इसलिए भी लिया जाता है क्योंकि यहाँ का वातावरण यात्रियों को आत्मिक शांति प्रदान करता है। कई लोग कहते हैं कि यहाँ आने के बाद उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया।

अगर आप Mewat की यात्रा कर रहे हैं और धार्मिक एवं आध्यात्मिक अनुभव लेना चाहते हैं, तो Chokha Dargah को मिस न करें। यह जगह आपकी यात्रा को खास बना देगी और आपको यह एहसास दिलाएगी कि Mewat केवल एक जिला नहीं, बल्कि संस्कृति और अध्यात्म का खज़ाना है।

 

5. Chiumal Lake, Nuh

 


Mewat की खूबसूरती सिर्फ पहाड़ियों और धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ के पुराने जलस्रोत भी उतने ही खास हैं। इन्हीं में से एक है Chiumal Lake, जिसे हम छुईम्मल तालाब के नाम से जानते हैं। जब बात आती है 5 Top Best Travel Places in Mewat की, तो यह झील उस सूची में हमेशा शामिल रहती है।

छुईम्मल तालाब का इतिहास लगभग 200 साल पुराना है। इसे छुईमल सेठ ने बनवाया था, जो उस समय नूह में नमक का बड़ा व्यापारी था। पुराने समय में नूह और आसपास का इलाका नमक के व्यापार के लिए मशहूर था। नमक बनाने की प्रक्रिया में पानी की बहुत ज्यादा ज़रूरत होती थी। यही कारण था कि छुईमल सेठ ने इस तालाब का निर्माण कराया।

इस तालाब के निर्माण से दो बड़े फायदे हुए। पहला, नमक उद्योग को पर्याप्त पानी मिल गया, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिला। दूसरा, नूह के आम लोगों के लिए पीने के पानी की समस्या भी काफी हद तक खत्म हो गई। यानी यह तालाब व्यापार और जनकल्याण – दोनों उद्देश्यों के लिए बनाया गया था। यही कारण है कि इसे केवल एक झील नहीं, बल्कि Mewat की सामाजिक और आर्थिक धरोहर माना जाता है।

छुईमल सेठ की मृत्यु के बाद, उनके बेटे ने इस तालाब के किनारे एक खूबसूरत छतरी बनवाई, जिसे आज भी छुईम्मल छतरी कहा जाता है। यह छतरी इस परिवार की याद और योगदान का प्रतीक है। हालाँकि वक्त के साथ नमक का व्यापार यहाँ पूरी तरह खत्म हो चुका है, लेकिन छुईम्मल तालाब और छतरी आज भी इस इतिहास की गवाही देते हैं।

आज यह झील नूह शहर के बीचों-बीच एक आकर्षक स्थान बन चुकी है। यहाँ की हरियाली, शांत वातावरण और साफ़ पानी यात्रियों को अपनी ओर खींचता है। परिवार या दोस्तों के साथ घूमने-फिरने, पिकनिक मनाने या सिर्फ शांति से समय बिताने के लिए यह जगह एकदम सही है।

5 Top Best Travel Places in Mewat में Chiumal Lake को शामिल करना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि यह सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य का स्थल नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ा इतिहास भी यात्रियों को रोमांचित करता है। यहाँ आकर न सिर्फ आप प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेंगे, बल्कि Mewat के आर्थिक और सामाजिक अतीत को भी करीब से महसूस करेंगे।

तो अगर आप Mewat घूमने जा रहे हैं, तो Chiumal Lake (छुईम्मल तालाब और छुईम्मल छतरी) को अपनी लिस्ट में ज़रूर शामिल करें। यह अनुभव आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देगा।

 

Pinangwan का इतिहास और पुरानी धरोहर

 


अगर आप Mewat ka Itihaas समझना चाहते हैं, तो पिनानवा (Pinangwan) एक ऐसी जगह है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह कस्बा न केवल अपने प्राचीन मकबरों और बावड़ियों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी स्थापना और विकास की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।

पिनानवा नाम को लेकर कई कथाएँ प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि यहाँ सबसे पहले पीगन खान नाम का व्यक्ति आकर बसा था, जबकि कुछ इसे बहलाल खान से जोड़ते हैं। कहा जाता है कि उनके परिवार और बाहर से आने वाले लोगों के बस जाने से यह इलाका धीरे-धीरे एक बड़ा कस्बा बन गया। चूँकि यह इलाका सेरहता और कोटला नूह जैसे प्रमुख स्थानों के क़रीब पड़ता था, इसलिए आगे चलकर यह दिल्ली सल्तनत, फिरोज़पुर झिरका की सल्तनत और मेवात के शासकों के लिए दिल्ली–आगरा मार्ग का अहम पड़ाव बन गया।

पिनानवा में आज भी तीन–चार प्राचीन मकबरे और तीन बावड़ियाँ मौजूद हैं। इनमें से एक बावड़ी का निर्माण 1723 में हुआ था, जिसे हाल ही में खोजा गया है। इसकी खोज का श्रेय World Wide History के संस्थापक Nasir Buchiya को जाता है। इतिहासकारों के अनुसार, इस बावड़ी का निर्माण लाला राम भीक और सुरगाणा लाल ने कराया था।

यहाँ स्थित मकबरों में सबसे प्रमुख हैं नूर खान का मकबरा और बहलोल खान का मकबरा। यह बहलोल खान वह सेनापति नहीं था जो मुग़ल साम्राज्य से जुड़ा था, बल्कि यह शासक झीमरावट (Jhimrawat) सल्तनत का व्यक्ति था। कहा जाता है कि नूर खान के बाद इसी बहलोल खान ने पिनानवा क्षेत्र को खूब विकसित किया। यद्यपि इसका नाम बड़े इतिहास में उतना दर्ज नहीं हुआ, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसका महत्व बहुत बड़ा माना जाता है।

पिनानवा में मौजूद प्राचीन मस्जिदें आज भी मुग़लकालीन वास्तुकला की मिसाल पेश करती हैं। इनके ऊँचे गुंबद, मजबूत दीवारें और खूबसूरत कंगूरे यह दर्शाते हैं कि उस समय निर्माण कला कितनी विकसित थी। समय की मार झेलने के बावजूद ये ढाँचे आज भी मजबूती और खूबसूरती से खड़े हैं।

अगर आप 5 Top Best Travel Places in Mewat घूम रहे हैं, तो पिनानवा को एक बोनस स्थल के रूप में ज़रूर शामिल करें। यहाँ की बावड़ियाँ, मकबरे और प्राचीन मस्जिदें न सिर्फ़ स्थापत्य कला का उदाहरण हैं बल्कि यह Mewat ka Itihaas का जीवंत हिस्सा भी हैं।

इतिहास, संस्कृति और धार्मिक धरोहर में रुचि रखने वालों के लिए पिनानवा किसी खजाने से कम नहीं है। यहाँ आकर आपको यह एहसास होगा कि Mewat सिर्फ़ दरगाहों और प्राकृतिक स्थलों के लिए ही मशहूर नहीं है, बल्कि इसके कस्बों में भी ऐसी अनकही कहानियाँ छुपी हुई हैं जो इसे भारत के Best Travel Places में एक अलग पहचान दिलाती हैं।

तो अगर आप अगली बार मेवात की यात्रा पर निकलें, तो Pinangwan Tombs और Stepwells को ज़रूर देखें। यह जगह आपको न सिर्फ़ वास्तुकला और इतिहास से जोड़ती है बल्कि यह भी बताती है कि Mewat की असली पहचान उसकी विरासत और उसकी ज़मीन से जुड़ी कहानियों में छिपी हुई है।

 

Travel Tips for 5 Top Best Travel Places in Mewat

🕌 Sheikh Musa Dargah, Nuh

  • Entry: यहां entry पूरी तरह free है। पर जूते–चप्पल बाहर निकालना अनिवार्य है।

  • Photography: वीडियो और फोटो की अनुमति है, लेकिन पहले साइट इंचार्ज से अनुमति लेना ज़रूरी है।

  • Best Time to Visit: बरसात का मौसम सबसे अच्छा है। गर्मियों में भी ठंडी हवा चलती है क्योंकि दरगाह पहाड़ी की चोटी पर है। सर्दियों में धुंध की वजह से दृश्यता कम हो जाती है।

  • How to Reach:

    • दिल्ली, अलवर और रेवाड़ी से सीधी बसें नूह तक आती हैं।

    • मथुरा से आने पर होडल उतरना पड़ता है और वहाँ से नूह की बस मिलती है।

    • नूह बस स्टैंड से ऑटो लेकर दरगाह पहुँचा जा सकता है।

  • Auto Charges:

    • स्थानीय लोगों से ₹200

    • बाहर से आए यात्रियों से ₹300–₹400

    • विदेशी पर्यटकों से ₹500–₹700 तक

  • Foreign Visitors Advice: कोशिश करें कि English बोलने वाला गाइड साथ ले लें, क्योंकि अधिकतर लोग हिंदी बोलते हैं।


🏯 Ferozepur Jhirka

  • Entry: मंदिर और मस्जिद दोनों में जूते–चप्पल बाहर निकालना अनिवार्य है।

  • Photography: मंदिर में पुजारी और मस्जिद में इमाम से अनुमति लेकर ही फोटो/वीडियो लें।

  • Best Time to Visit: सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा है। बरसात में यहाँ की वादियाँ और भी खूबसूरत लगती हैं। गर्मियों में यहाँ गर्मी अधिक पड़ती है।

  • Local Transport:

    • झील शहर से लगभग 3 किमी दूर है।

    • Special auto: ₹200 (स्थानीय), ₹300 (बाहर के), ₹500–₹700 (विदेशी)।

    • Shared auto: ₹20 प्रति व्यक्ति।

  • Parking:

    • दोपहिया/कार पार्किंग के लिए दुकान वालों को ₹20–₹30 देने पर वे ध्यान रखते हैं।


🪔 Saad Ki Baithak, Ibrahim Bas

  • Best Time to Visit: बरसात का मौसम सबसे अच्छा है।

  • How to Reach:

    • दिल्ली से अलवर और फिर अलवर से Ferozepur Jhirka तक बस।

    • रेवाड़ी से तिजारा होते हुए सीधी बस Ferozepur Jhirka।

    • राजस्थान साइड से छपरा–गंगोरा गाँव से सड़क द्वारा पहुँचा जा सकता है।

    • हरियाणा साइड से रामबाग → तोड़ी गाँव → मदरसा। यहाँ गाड़ी/बाइक मुफ्त में खड़ी की जा सकती है और आगे पैदल जाना पड़ता है।

  • Steps: पहाड़ी पर चढ़ाई के दौरान लगभग 700–800 सीढ़ियाँ हैं।

  • Tips:

    • पानी और खाने का सामान साथ रखें क्योंकि ऊपर कोई दुकान नहीं है।

    • जूते–चप्पल निकालना ज़रूरी नहीं है।


🌊 Chiumal Lake, Nuh

  • History Tip: यह झील छुईमल सेठ (नमक व्यापारी) ने लगभग 200 साल पहले बनवाई थी। बाद में उनके बेटे ने यहाँ छुईम्मल छतरी बनवाई।

  • Best Time to Visit:

    • गर्मियों का मौसम सबसे अच्छा है।

    • बरसात में पानी बहुत भर जाता है, जिससे घूमना मुश्किल होता है।

    • सर्दियों में भी आ सकते हैं, लेकिन पानी थोड़ा कम हो जाता है।

  • Parking/Safety:

    • मंदिर साइड: पुजारी से बात करके गाड़ी खड़ी कर सकते हैं (कभी-कभी फ्री, कभी पैसे लेते हैं)।

    • गाँव साइड: लोग बिना पैसे लिए आपकी गाड़ी की सुरक्षा कर देते हैं और पानी/खाना भी ऑफर कर देते हैं।

  • Transport:

    • Nuh बस स्टैंड से सीधा ऑटो लेना पड़ता है।

    • Local: ₹100–₹150

    • Outsiders: ₹300–₹500

    • Foreigners: ₹500–₹700

  • Photography: फोटो/वीडियो पूरी तरह free हैं।


🕋 Chokha Dargah, Pinangwan

  • Entry: दरगाह में जूते–चप्पल उतारना अनिवार्य है।

  • Photography:

    • बाहर से फोटो और वीडियो ले सकते हैं।

    • अंदर फोटो लेना मना है।

  • Offerings: फूल, चादर आदि चढ़ा सकते हैं, पर यह वैकल्पिक है।

  • Nearby: इसके पास 2 और दरगाहें भी हैं, उन्हें भी देखना चाहिए।

  • How to Reach:

    • मथुरा साइड से: होडल → पुन्हाना → पिनानवा → चोखा।

    • दिल्ली साइड से: दिल्ली → बड़की → पिनानवा → चोखा।

  • Local Help: यहाँ के लोग बहुत मददगार हैं, भाषा की समस्या नहीं होगी।

  • Foreigners: 100 में से 1 गाइड टूटी-फूटी इंग्लिश जानता है, उसे साथ ले सकते हैं।


🏛 Pinangwan Tombs & Stepwells

  • Sites:

    • लगभग 3–4 मकबरे और 3 बावड़ियाँ।

    • एक बावड़ी 1723 में बनी थी (Nasir Buchiya ने खोजी)।

    • नूर खान और बहलोल खान के मकबरे प्रमुख हैं।

  • Best Time to Visit: सर्दियों और बरसात का मौसम सबसे अच्छा है।

  • Parking:

    • Stepwell (सीकरावर रोड) – पास की दुकानों पर ₹20–₹30 देकर गाड़ी सुरक्षित रख सकते हैं।

    • Tombs (पुन्हाना रोड) – बाइक डायरेक्ट जा सकती है, कार थोड़ा दूर खड़ी करनी होगी।

  • Transport:

    • Pinangwan से Auto करके सभी जगह घूमने पर ₹400–₹500 (स्थानीय),

    • Foreigners से ₹500–₹1000 तक चार्ज कर सकते हैं।

  • Cleanliness: Stepwell के पास थोड़ी गंदगी रहती है, पर देखने लायक बहुत खूबसूरत है।

  • Photography: सभी जगह free है।


🌍 Common Advice for Foreign Tourists

  • मेवात के सभी धार्मिक स्थलों पर जूते–चप्पल बाहर निकालना ज़रूरी है।

  • English बोलने वाला local guide खोजें।

  • Auto वालों से पहले bargain करें।

  • Locals हिंदी बोलते हैं, कुछ लोग टूटी-फूटी इंग्लिश जानते हैं।

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