Sunday, November 11, 2018

दूध ka दूध aur Pani Ka पानी Hindi kahani ~ Akbar Birbal ki Hindi stories ~ bandar ki kahani ~ bacchon ki Hindi kahaniya.. हिंदी कहानी अकबर ‌। बच्चों की हिंदी स्टोरीज




हाय मैं नासिर हुसैन एक बार और हाजिर हूं हिंदी कहानी लेकर ‌। आज की hindi stories में । आपका भाई आपको बताएगा दूध का दूध और पानी का पानी ‌। बाबर के बारे में जाने| history of baber king of baber


 ""यानी दूध का दूध और पानी का पानी""




यह कहानी हिंदी में है पुराने जमाने से ही कहावत चली आ रही हैैै‌।‌ दूध का दूध और पानी का पानी ‌। इसी कहानी पर मैं यह पोस्ट लिख रहा हूं । लेकिन उसे पहले आपका भाई आपको बताना चाहताा है‌। क्या आप जानतेेे हैं‌‌। गाय का दूध पवित्र क्यों

गाय का दूध पवित्र कियें माना जाता है



दूध का दूध और पानी का पानी हिंदी कहानी

चले दोस्तों शुरूआत करते हैंं‌।‌  आज से कई 100 साल पहले एक बादशाह रहता था ‌। जिसका नाम था अकबर बादशाह ‌। अकबर बादशाह एक बेहतरीन बादशाहो था वह नेक दिल और सुपर पावर बादशाह था ‌। वह मुगलों की सल्तनत का वारिस था ‌। लास्ट में उसको इसलिए  कह रहा हूं क्योंकि अकबर बादशाह ऐसा पहला मुगल साम्राज्य का बादशाह था‌। जो हिंदुस्तान में ही पैदा हुआ था ‌।



 अकबर बादशाह ने एक दिन बीरबल से पूछा हमारे राज्य की जनता बहुत सुखी है‌। राज्य समृद्धि है मेरा ऐसा मानना है‌। कि पूरे राज्य के लोग ईमानदार होंगे इस बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है ‌।

 बीरबल : राजनीति के अनुसार राजदंड के डर से ही जनता इमानदार रहती है‌। अन्यथा उसे जब भी अवसर मिले बेईमान होने से नहीं चूकती
बादशाह : मैं नहीं मानता



बीरबल: आजमा कर देख लीजिए‌। अकबर बादशाह: तुम साबित करो‌। बीरबल: आप एक फरमान लिख कर दे,  मैं ढिंढोरा पिटवा दे देता हूं , कि एक भोज आयोजित करने के लिए हुकूमत की ओर से दूध का प्रबंध किया जाना है,  हर किसी को हुक्म दिया जाता है कि हम उस जगह के हौज में रात 8:00 बजे से सुबह 4:00 बजे तक हर कोई एक लोटा दूध लाकर डालें ।  और हौज को दूध से भर दे बादशाह ने फरमान जारी कर दिया |  फरमान के मुताबिक राजदरबारी भी एक एक लोटा दूध में डालने एक साथ गए |

जनता लोटा लेकर अंधेरे में होज में दूध डालने आने लगी । आने वालों में से हर किसी ने सोचा कि लोग तो दूध डालेंगे ही ऐसे में अगर वह अपनी ओर से एक लोटा पानी डाल देगा | तो किसको पता चलेगा‌। नतीजा यह हुआ कि जब होज देखी गई |  तो वह भरी हुई तो थी मगर दूध से नहीं पानी से |  पानी में हल्की सफेदी थी |
 वह भी इसलिए कि दरबारियों ने एक साथ जाकर आगे पीछे दूध ही डाला था |
 ‎बादशाह ने देखा तो दंग रह गए |  
बीरबल:  ने कहा बादशाह सलामत सफेद सफेद इमेज दरबारियों के दूध की है |  और यदि मैं कहूं दरबारियों के बजा सागर दूध डालने की तो ज्यादा  मुनासिब होगा । अगर दरबारियों को भी अलग-अलग दूध डालने का मौका मिलता तो शायद उसमें एक भी बूंद दूध ना होता |  सब पानी पानी होता |
मेरा फिर कहना है कि बिना राजदंड के कानून नहीं चल  सकता



बीरबल की बुद्धिमता की बादशाह ने प्रशंसा की और बादशाह बीरबल से बहुत खुश हुऐ‌।

यह थी आज की एक छोटी सी हिंदी कहानी ‌।मैं आशा करता हूं कि आपको यह पढ़कर अच्छा लगा होगा ‌।आप कमेंट में बता सकते हैं कि आपको कौन सी कहानी और हिस्ट्री की जानकारी चाहिए ‌।

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