इस पोस्ट में मैं आपको वही जानकारी देने जा रहा हूं जो डॉ. अशरफ मेवाती (Mevati Dawakhana) अपने अनुभव और शोध के आधार पर बताते हैं। डॉ. अशरफ ने यूनानी और हिकमत के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है, और उन्होंने कई तरह की दवाओं के निर्माण और प्रयोग का अनुभव हासिल किया है।
अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि कुश्ता शिंगरफ आखिर है क्या, इसे कैसे बनाया जाता है, इसके क्या फायदे हैं, और इसे इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद काम का साबित होगा। ध्यान रहे कि कुश्ता शिंगरफ जैसी दवाएं बहुत ताकतवर होती हैं और इनका गलत इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
Kushta Shingraf Ashraf kya hai?
यह तीनों चीजें ही अलग-अलग हैं। सिंगरफ जो है वह एक पत्थर है इसकी भी दो क्वालिटी होती है। वह मैं आगे चर्चा करूंगा। यहां पर ऊपर मैंने लिखा है। Kushta Shingraf Ashraf kya hai यह तीनों ही अलग-अलग हैं। कुस्ता Kushta तो उसको कहा जाता है जब सिंगरफ Shingraf को तैयार कर लिया जाता है। यानी जो इसका बनाने का तरीका है उसको कुस्ता Kushta कहते हैं। क्योंकि मैं इसको डॉक्टर अशरफ मेवाती के तरीके से आप को बनाने का तरीका बताऊंगा इसलिए उनका नाम यहां पर लिखना जरूरी था।
Kushta Shingraf को कई बीमारियों में भी इस्तेमाल किया जाता है। जैसे नामर्दी, नामर्दी का टाइम कम, नसों में ढीलापन, या तनाव ना आना, कुस्ता सिंगरफ Kushta Shingraf Qalai काफी ज्यादा गर्म मिजाज होता है यानी यह काफी गर्म hot होता है। इसका सही इस्तेमाल और सही तरीका ही इसको यूज़ करने का जो है वही आपको फायदा देता है। अगर इसको आप ज्यादा मात्रा में लेंगे तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसलिए मैं आपको बताऊंगा डॉक्टर अशरफ मेवाती Dr Ashraf Mewati के तरीके में इस के बेनिफिट Benefits और इसका तरीका जानेंगे। इससे पहले मैं थोड़ी जानकारी आपको बता दूं कि डॉक्टर अशरफ कौन है।
Dr Ashraf Mewati Kon hai
अब बात करते हैं उस शख्स की जिनसे यह पूरी जानकारी ली गई है – डॉ. अशरफ मेवाती।
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डॉ. अशरफ मेवाती एक मशहूर यूनानी और आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं।
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लोग उन्हें हकीम अशरफ के नाम से भी जानते हैं।
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वह हरियाणा के मेवात जिले, फिरोजपुर झिरका के रहने वाले हैं।
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उनके पास हिकमत और दवाओं के निर्माण का 15–16 साल का अनुभव है।
हिकमत उनके खून में है, क्योंकि यह काम उन्होंने अपने पिता और बड़े भाई से सीखा। उनके पिता जी और भाई दोनों दवाओं का काम करते थे और लोगों का इलाज करते थे। पिता और भाई के अनुभव से ही अशरफ साहब ने इस क्षेत्र में गहरी समझ बनाई।
आज उनके पास खुद का क्लिनिक है जहां वह मरीजों को इलाज देते हैं।
वह कई तरह की बीमारियों का इलाज करते हैं, जैसे:
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लकवा (Paralysis)
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पाइल्स (बवासीर)
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बीपी (High & Low)
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शुगर (Diabetes)
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और सबसे ज्यादा – यौन समस्याओं
उनका खास तजुर्बा यौन रोग और नसों से जुड़ी बीमारियों में है। उन्होंने कई तरह की दवाएं बनाई हैं जिनमें से कुश्ता शिंगरफ और कुश्ता कलई काफी मशहूर हैं।
Kushta Shingraf kiya hai
अब चलिए विस्तार से समझते हैं कि कुश्ता शिंगरफ क्या होता है। जैसा कि पहले बताया, यह सिंगरफ पत्थर का शुद्ध और तैयार रूप है। इसकी दो क्वालिटी होती हैं –
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सादा सिंगरफ – यह आसानी से उपलब्ध होता है लेकिन इसकी ताकत सीमित होती है।
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रूमी सिंगरफ – इसे सबसे बेहतर माना जाता है। यह विदेश से मंगाया जाता है और इसकी कीमत भी ज्यादा होती है।
रूमी सिंगरफ को दवा के रूप में इस्तेमाल करने से इसके फायदे सादा सिंगरफ से कई गुना ज्यादा होते हैं। इसीलिए बाजार में इसकी मांग भी बहुत ज्यादा रहती है।
डॉ. अशरफ बताते हैं कि कुश्ता शिंगरफ का इस्तेमाल 40 से ज्यादा बीमारियों में किया जाता है। इनमें से सबसे ज्यादा फायदा यौन समस्याओं में देखा गया है।
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नामर्दी (Erectile Dysfunction)
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नसों की कमजोरी
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समय से पहले स्खलन (Premature Ejaculation)
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शरीर में ढीलापन
इसके अलावा भी इसे कई और बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है।
Kushta Shingraf बनाने का तरीका
अब आते हैं सबसे महत्वपूर्ण हिस्से पर – कुश्ता शिंगरफ बनाने का तरीका।
डॉ. अशरफ मेवाती एक खास और आसान तरीका बताते हैं जिससे इसे शुद्ध और तैयार किया जाता है। आइए स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं:
ज़रूरी सामग्री
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10 ग्राम सिंगरफ (कुश्ता शिंगरफ)
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50 ग्राम शुद्ध देसी घी
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50 ग्राम शहद
बनाने की विधि
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सबसे पहले 10 ग्राम सिंगरफ को लोहे या पीतल की कड़ाही में डालें।
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गैस पर हल्की-धीमी आंच जलाकर कड़ाही को रख दें।
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अब इसमें 50-50 ग्राम घी और शहद डालें।
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धीरे-धीरे जब घी और शहद गर्म होंगे तो इनमें आग लग जाएगी।
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आग लगने के बाद ये दोनों जलकर पूरी तरह राख हो जाएंगे।
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बचा हुआ पदार्थ ही असली कुश्ता शिंगरफ है।
यही तैयार कुश्ता फिर अलग-अलग बीमारियों में दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
👉 ध्यान रहे कि यह केवल शुद्धिकरण का एक आसान तरीका है। डॉ. अशरफ मेवाती इसके अलावा और भी तरीके बताते हैं, जिनमें प्रक्रिया और भी गहराई से की जाती है।
Kushta Shingraf के फायदे
कुश्ता शिंगरफ एक बेहद ताकतवर दवा है जिसे यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में खास स्थान दिया गया है। इसका असर इतना गहरा और तेज़ होता है कि इसे अक्सर “पावर का खजाना” कहा जाता है। लेकिन इसके फायदे तभी मिलते हैं जब इसे सही तरीके और सही मात्रा में लिया जाए। अगर बिना जानकारी या डॉक्टर की सलाह के इसका इस्तेमाल किया गया तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए इसके फायदों को विस्तार से समझते हैं।
1. यौन समस्याओं में असरदार
आजकल सबसे बड़ी समस्या है यौन कमजोरी, नामर्दी और समय से पहले स्खलन। कुश्ता शिंगरफ इन सभी समस्याओं के लिए किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है।
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अगर किसी व्यक्ति की नसों में ढीलापन आ गया हो या तनाव (erection) पूरी तरह न आता हो तो कुश्ता शिंगरफ काफी मददगार है।
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नामर्दी (Erectile Dysfunction) जैसी गंभीर समस्या में इसका असर कुछ ही दिनों में देखने को मिलता है।
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जिन लोगों को जल्दी स्खलन (Premature Ejaculation) की समस्या है, उन्हें भी इससे काफी फायदा होता है।
2. नसों की मजबूती
कुश्ता शिंगरफ शरीर की नसों को मजबूती देता है। कई लोग नसों की कमजोरी के कारण थकान, कमजोरी और सुस्ती महसूस करते हैं। ऐसे मामलों में यह दवा नसों में नई जान डाल देती है।
3. लकवा और जोड़ों के दर्द में लाभ
यह दवा सिर्फ यौन समस्याओं तक सीमित नहीं है। जिन लोगों को लकवा (Paralysis) हो जाता है, उनके इलाज में भी इसका प्रयोग किया जाता है। साथ ही गठिया, जोड़ों का दर्द और नसों के दर्द में भी यह दवा असरदार साबित होती है।
4. महिलाओं की समस्याओं में फायदेमंद
महिलाओं के मासिक धर्म (Periods) से जुड़ी समस्याओं में भी कुश्ता शिंगरफ का प्रयोग किया जाता है। पीरियड्स का अनियमित होना, ज्यादा दर्द होना या रुक-रुक कर आना जैसी परेशानियों में यह फायदेमंद है।
5. अन्य फायदे
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शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक
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कमजोरी और थकान को दूर करता है
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पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है
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कुछ मामलों में यह शुगर और बीपी की समस्याओं में भी सहायक होता है
👉 लेकिन ध्यान रहे, कुश्ता शिंगरफ जितना फायदेमंद है उतना ही ज्यादा नुकसानदेह भी हो सकता है अगर इसे बिना परहेज और ज्यादा मात्रा में लिया जाए।
Kushta Shingraf के नुकसान
जहां फायदे हैं वहां नुकसान भी हो सकते हैं, खासकर तब जब दवा का सेवन गलत तरीके से किया जाए। कुश्ता शिंगरफ एक बहुत ही गर्म तासीर वाली दवा है। अगर कोई इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना करता है तो उसे नुकसान झेलना पड़ सकता है।
1. शरीर में ज्यादा गर्मी
कुश्ता शिंगरफ शरीर में इतनी ज्यादा गर्मी पैदा कर देता है कि कई बार व्यक्ति को बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है। यह गर्मी पेट और लिवर पर भी असर डाल सकती है।
2. उल्टी और दस्त
अगर इसकी मात्रा ज्यादा हो गई तो व्यक्ति को उल्टी और दस्त की समस्या हो सकती है। पेट खराब होना, जलन होना और डिहाइड्रेशन जैसे मामले देखने को मिलते हैं।
3. धातु रोग (Sperm Leakage)
डॉ. अशरफ बताते हैं कि अगर इसका गलत इस्तेमाल किया जाए तो यह उल्टा असर करके धातु रोग भी पैदा कर सकता है। यानी जहां यह यौन शक्ति बढ़ाने का काम करता है वहीं ज्यादा खुराक लेने पर यौन कमजोरी भी पैदा कर सकता है।
4. अन्य समस्याएं
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सिर दर्द और चक्कर आना
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पेट और सीने में जलन
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शरीर में बेचैनी और नींद न आना
👉 कुल मिलाकर इसका नुकसान तभी होता है जब खुराक ज्यादा ली जाए या फिर परहेज न किया जाए।
Kushta Shingraf को इस्तेमाल करने का तरीका
अब बात करते हैं सबसे अहम हिस्से की – आखिर इस दवा को लिया कैसे जाए?
क्योंकि यह दवा काफी गर्म तासीर वाली होती है, इसलिए इसका सेवन बहुत ही नापतोलकर करना पड़ता है। डॉ. अशरफ मेवाती के अनुसार, इसकी खुराक चावल के दानों से मापी जाती है।
सही खुराक
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सामान्य उपयोग में – 2 चावल के दानों के बराबर
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मध्यम समस्या में – 3–4 चावल के दानों के बराबर
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गंभीर समस्या में (डॉक्टर की देखरेख में) – 9 चावल के दानों के बराबर
इससे ज्यादा खुराक लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
कैसे लें?
कुश्ता शिंगरफ को आमतौर पर दूध या शहद के साथ लिया जाता है।
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अगर यह यौन समस्या के लिए लिया जा रहा है तो दूध सबसे अच्छा माध्यम है।
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अगर नसों की कमजोरी या लकवे जैसी समस्या है तो इसे शहद के साथ दिया जाता है।
डॉक्टर की सलाह जरूरी
डॉ. अशरफ हमेशा कहते हैं कि यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए। इसकी खुराक व्यक्ति की बीमारी, उम्र और शरीर की स्थिति के हिसाब से तय की जाती है।
कुश्ता शिंगरफ में परहेज
किसी भी दवा का असर तभी सही ढंग से दिखता है जब उसका इस्तेमाल परहेज के साथ किया जाए। चूंकि कुश्ता शिंगरफ गर्म मिजाज दवा है, इसलिए इसके साथ कुछ चीजों का सेवन पूरी तरह मना होता है।
क्या न खाएं?
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आलू – यह पेट में गैस और गर्मी पैदा करता है, इसलिए पूरी तरह मना है।
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बैंगन – इसकी तासीर भी गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन कुश्ता शिंगरफ के दौरान नुकसानदायक हो सकता है।
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गोभी – गोभी पचने में भारी होती है और दवा के असर को कम कर सकती है।
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उड़द की दाल – यह सबसे बड़ा परहेज माना जाता है। इसका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
अन्य परहेज
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शराब और नशे से दूर रहें
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ज्यादा मसालेदार खाना न खाएं
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शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजें खाएं, जैसे – खीरा, तरबूज, दूध आदि
👉 कुल मिलाकर परहेज दवा के असर को दोगुना कर देता है और बिना परहेज दवा का असर आधा भी नहीं रहता।
निष्कर्ष
कुश्ता शिंगरफ एक बेहद ताकतवर यूनानी और आयुर्वेदिक दवा है। इसे सही मात्रा और सही तरीके से लिया जाए तो यह यौन समस्याओं, नसों की कमजोरी, लकवे, पीरियड्स की गड़बड़ी और कई बीमारियों में बहुत फायदेमंद है। लेकिन अगर इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो यह नुकसान भी पहुंचा सकती है।
डॉ. अशरफ मेवाती जैसे अनुभवी हकीम इसे बनाने और उपयोग करने का सही तरीका जानते हैं। इसलिए अगर कोई इसका सेवन करना चाहता है तो उसे हमेशा किसी अनुभवी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
मेवाती दवाखाना यूट्यूब चैनल
आज के डिजिटल जमाने में हर इंसान इंटरनेट और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है। ऐसे में अगर किसी को कोई बीमारी या समस्या होती है तो वह सबसे पहले इंटरनेट पर सर्च करता है। इसीलिए अब बहुत से हकीम और डॉक्टर अपने ज्ञान और अनुभव को लोगों तक पहुंचाने के लिए यूट्यूब चैनल चलाते हैं। इन्हीं में से एक हैं डॉ. अशरफ मेवाती, जिन्होंने अपना चैनल "मेवाती दवाखाना" के नाम से शुरू किया है।
इस चैनल पर डॉ. अशरफ यूनानी और आयुर्वेदिक दवाओं से जुड़ी जानकारी साझा करते हैं। वह बताते हैं कि कौन सी बीमारी में कौन सी दवा असर करती है, किस दवा के क्या फायदे हैं और कौन-सी चीजें नुकसानदायक हो सकती हैं। उनका चैनल खासकर उन लोगों के लिए मददगार है जो दूर-दराज़ के गांवों में रहते हैं और शहरों तक जाकर डॉक्टर से मिलना उनके लिए मुश्किल होता है।
इस चैनल की खास बातें
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आसान भाषा में समझाना – डॉ. अशरफ जटिल चीजों को भी आम भाषा में समझाते हैं, ताकि कोई भी आसानी से समझ सके।
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प्रैक्टिकल नॉलेज – सिर्फ किताबों की बात नहीं, बल्कि वह अपने अनुभव से जुड़ी बातें भी बताते हैं।
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लाइव इलाज की झलक – कई वीडियो में वह अपने क्लिनिक में मरीजों का इलाज करते हुए दिखाते हैं, जिससे लोगों को भरोसा होता है।
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दवा बनाने का तरीका – खासकर कुश्ता शिंगरफ, कुश्ता कलई और अन्य यूनानी दवाओं को बनाने का आसान तरीका बताते हैं।
लोगों का विश्वास
हजारों लोग उनके वीडियो देखकर अपनी समस्याओं का हल ढूंढ चुके हैं। बहुत से लोग कमेंट करके बताते हैं कि उन्हें उनकी बताई हुई दवाओं से बहुत फायदा हुआ। यही कारण है कि उनका चैनल धीरे-धीरे बहुत लोकप्रिय होता जा रहा है।
👉 अगर आप भी कुश्ता शिंगरफ या यूनानी दवाओं के बारे में और जानकारी चाहते हैं तो "Mevati Dawakhana" YouTube चैनल ज़रूर देखें।
डॉ. अशरफ का कांटेक्ट नंबर
हर इंसान चाहता है कि जब उसे कोई गंभीर समस्या हो तो वह सीधे डॉक्टर या हकीम से बात कर सके। खासकर जब मामला यौन समस्याओं, नसों की कमजोरी या लकवे जैसा हो तो लोग चाहते हैं कि डॉक्टर से व्यक्तिगत रूप से काउंसलिंग हो।
डॉ. अशरफ मेवाती का क्लिनिक फिरोजपुर झिरका (जिला मेवात, हरियाणा) में है। यहां पर वह रोजाना मरीजों का इलाज करते हैं। जो लोग आसपास के इलाके से हैं, वे आसानी से क्लिनिक जाकर मिल सकते हैं।
लेकिन दूर-दराज़ से आने वाले लोग फोन पर या ऑनलाइन भी उनसे संपर्क कर सकते हैं। डॉ. अशरफ का नंबर उनके यूट्यूब चैनल और Facebook दोनों जगह उपलब्ध है।
संपर्क करने के फायदे
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मरीज अपनी बीमारी को खुलकर बता सकता है।
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सही बीमारी के अनुसार खुराक और दवा दी जाती है।
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डॉक्टर पहले शरीर की तासीर (गर्मी/ठंडक) को देखकर इलाज बताते हैं।
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परहेज और दवा की सही जानकारी मिलती है।
👉 अगर आप भी कुश्ता शिंगरफ या अन्य यूनानी दवाओं के बारे में सही जानकारी चाहते हैं तो सीधे डॉ. अशरफ मेवाती से संपर्क करें।
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