सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए | Dr. A P J Abdul Kalam ने कहा है -

Assalamu Alaikum dosto aaj ki is post Mein Main aapko bataunga ke career ki Sahi Disha Mein Aage bhadne ke liye kya kare|  Aur Kya Na Kare | job ke liye kya kar main is post main aapko kuch Aasan se tips Bataun ga | Jinse aap apne career ki Sahi Disha kar sakte hain,  Pichli hipost mein main aap ko bataya tha Bada banne ke liye Bada Socho | PM MODI ki tarah | jaisa ki mene ekpost mein aapako bataaya tha ki hamari risk teking hai woh bahut kam h | kiya aapki risk teking kam h | jane yaha job ke liye



यह पोस्ट भी आपके बहुत काम ही आएगी और काम ही आने वाली है इस पोस्ट को आप पूरा और लास्ट तक पड़ेगा तो आपको समझ में आ जाएगा मैं इसमें आपको कुछ टिप्स और कुछ एग्जांपल बता रहा हूं आप को समझाने के लिए ताकि आपको अच्छी तरह से दिमाग में यह बात बैठ जाए तो चले बिना समय गंवाए अब मैं मुद्दे की बात करता हूं









1. सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए

जब आप सुबह घर से निकलते हैं तो आपको पता होता है कि आपको कहाँ जाना है और आप वहां पहुँचते हैं , सोचिये अगर आपको यह नहीं पता हो कि आप को कहाँ जाना है तो भला आप क्या करेंगे? इधर उधर भटकने में ही समय व्यर्थ हो जायेगा. इसी तरह इस जीवन में भी यदि आपने अपने लिए लक्ष्य नहीं बनाये हैं तो आपकी ज़िन्दगी तो चलती रहेगी पर जब आप बाद में पीछे मुड़ कर देखेंगे तो शायद आपको पछतावा हो कि आपने कुछ खास achieve  नहीं किया!! लक्ष्य व्यक्ति को एक सही दिशा देता है. उसे बताता है कि कौन सा काम उसके लिए जरूरी है और कौन सा नहीं.  यदि goals clear हों तो हम उसके मुताबिक अपने आप को तैयार करते हैं. हमारा subconscious mind हमें उसी के अनुसार act करने के लिए प्रेरित करता है. दिमाग में लक्ष्य साफ़ हो तो उसे पाने के रास्ते भी साफ़ नज़र आने लगते हैं और इंसान उसी दिशा में अपने कदम बढा देता है.









2. अपनी उर्जा का सही उपयोग करने
    के लिए यहां जाने के कैसे अपनी उर्जा का हम सही इस्तेमाल 


भागवान ने इन्सान को सीमित उर्जा और सिमित  समय दिया है. इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि हम इसका उपयोग सही तरीके से करें. लक्ष्य हमें ठीक यही करने को प्रेरित करता है. अगर आप अपने end-goal को ध्यान में रख कर कोई काम करते हैं तो उसमे आपका concentration और energy का  level कहीं अच्छा होता है. For Example: जब आप किसी  library में बिना किसी खास किताब को पढने  के मकसद से जाते हैं तो आप यूँ ही  कुछ किताबों को उठाते हैं और उनके पन्ने पलटते हैं और कुछ एक पन्ने पढ़ डालते हैं, पर वहीँ अगर आप कसी Project Report को पूरा करने के मकसद से जाते हैं तो आप उसके मतलब कि ही किताबें चुनते हैं और अपना काम पूरा करते हैं. दोनों ही cases में आप समय उतना ही देते हैं पर आपकी  efficiency में जमीन-आसमान का फर्क होता है. इसी तरह life  में भी अगर हमारे सामने कोई निश्चित लक्ष्य नहीं है तो हम यूँ ही अपना  energy  waste करते रहेंगे और नतीजा कुछ खास नहीं निकलेगा. लेकिन इसके विपरीत जब हम लक्ष्य को ध्यान में रखेंगे तो हमारी energy सही जगह उपयोग होगी और हमें सही results देखने को मिलेंगे.






3. सफल होने के लिए

जिससे पूछिए वही कहता है कि मैं एक सफल व्यक्ति बनना चाहता.पर अगर ये पूछिए कि क्या हो जाने पर वह खुद को सफल व्यक्ति मानेगा तो इसका उत्तर कम ही लोग पूर विश्वास से दे पाएंगे. सबके लिए सफलता के मायने अलग-अलग होते हैं. और यह मायने लक्ष्य द्वारा ही निर्धारित होते हैं. तो यदि आपका कोई लक्ष्य नहीं है तो आप एक बार को औरों कि नज़र में सफल हो सकते हैं पर खुद कि नज़र में आप कैसे decide  करेंगे कि आप सफल हैं या नहीं?  इसके लिए आपको अपने द्वारा ही तय किये हुए लक्ष्य को देखना होगा.










4. अपने मन के विरोधाभाष को दूर करने के लिए

हमारी life में कई opportunities  आती-जाति रहती हैं. कोई चाह कर भी सभी की सभी opportunities का फायदा नहीं उठा सकता. हमें अवसरों को कभी हाँ तो कभी ना करना होता है. ऐसे में ऐसी  परिस्थितियां आना स्वाभाविक है, जब हम decide  नहीं कर पाते कि हमें क्या  करना चाहिए. ऐसी situation  में आपका लक्ष्य आपको guide कर सकता है. जैसे मेरा और मेरी wife  का लक्ष्य एक  Beauty Parlour खोलने का है, ऐसे में अगर आज उसे एक ही साथ दो job-offers मिलें , जिसमें से एक किसी पार्लर से हो तो वह बिना किसी confusion के उसे ज्वाइन कर लेगी , भले ही वहां उसे दुसरे offer के comparison  में कम salary मिले. वहीँ अगर सामने कोई लक्ष्य ना हो तो हम तमाम factors को evaluate करते रह जायें और अंत में  शायद ज्यादा वेतन ही deciding factor  बन जाये.









दोस्तों  अर्नोल्ड एच ग्लासगो का कथन  “फुटबाल कि तरह ज़िन्दगी में भी आप तब-तक आगे नहीं बढ़ सकते जब तक आपको अपने लक्ष्य का पता ना हो.”  मुझे बिलकुल उपयुक्त लगता है. तो यदि आपने अभी तक अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित किया है तो इस दिशा में सोचना शुरू कीजिये.












जानकारी


मैं अपने एक colleague के साथ बैठा बातें कर रहा था .

बातों –बातों में उसने अपनी family के किसी great achiever के बारे में बताया और फिर थोड़ा उदास हो के कहा , “ मैंने अपने छोटे -छोटे सपने तो पूरे कर लिए …पर बड़े सपने बाकी हैं ?”

मैंने कहा , “ तुमने बड़े सपने अभी तक देखे ही कहाँ कि पूरे करोगे !!!”

Friends, ये बात दरअसल हममें से ज्यादातर लोगों पे लागू होती है …हम बड़े सपने देखते ही नहीं , पूरा करना तो दूर की बात है … आप सड़क पर चलते हुए कोई बंगला देखें और कहें की मेरे पास भी एक दिन ऐसा ही बंगला होगा …और फिर उस बारे में भूल कर आराम से सो जाएं तो ये कोई सपना नहीं हुआ….








Dr. A P J Abdul Kalam ने कहा है -

“Dreams are not those you have while sleeping, but those that don’t let you sleep.”

“सपने वो नहीं होते जो आप सोते  वक़्त देखते हैं, बल्कि वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते.”

एक आम Indian का बड़ा सपना बस इतना बड़ा ही होता है …एक अच्छी सी job, अपना घर , एक four wheeler…और ऐसी ही छोटी -मोटी चीजें …

जी हाँ , मैं इन्हें छोटी चीजें ही मानता हूँ …ये तो already करोड़ों लोग कर चुके हैं अगर आप भी अपनी पूरी ज़िन्दगी बस यही achieve करने में लगा देंगे तो कौन सा बड़ा काम कर लेंगे ?










अगर भौतिक सुख सुविधाएं जुटाने की ही बात है तो एक छोटे से घर की जगह एक बड़े से बंगले के बारे में सोचिये , या एक बड़ा सा अपार्टमेंट बनाने के ख्वाब देखिये , एक छोटी सी गाड़ी में घूमने की जगह luxury cars की fleet खड़ी करने के बारे में सोचिये … common man की तरह सोचेंगे तो common man की तरह ही ज़िन्दगी बिता देंगे …पैसा जोड़ते …खर्चे काटते और अपनी खुशियाँ sacrifice करते …




दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी यह पोस्ट मुझे आप बताएं और मैं आपको ऐसी ही जानकारी देता रहता हूं इसलिए मुझे फॉलो कीजिए फेसबुक यूट्यूब और इंस्टग्राम पर भी

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