दोस्तों इस पोस्ट में मैं आपको यह बताऊंगा के मां-बाप का क्या दर्जा है | चाहे आप मुसलमान हो हिंदू हो मां-बाप तो सभी के होते हैं | और उनका हमारे ऊपर क्या कर्ज है | apne maa baap ka dil na dukha अपने मां बाप का तू दिल न दुखा इस पोस्ट में मैं आपको यही बताऊंगा |
औलाद की पांच किस्में आप देखिए कि आप किस किस्म से हैं? Allah & Bhagwan
दोस्तों मैं इस पोस्ट में आज आपको बताऊंगा औलाद की पांच किस में क्या है और यह वीडियो में भी आप देख सकते हैं इसमें मौलाना तारिक जमील के बयान है | अपने मां बाप का तू दिल न दुखा
अगर हम मां बाप का हक अदा नहीं करेंगे तो, ब्रह्मांड हमें क्या सजा देता |
इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंग इसको ध्यानपूर्वक जरुर पढ़ें |
1, औलाद की पहली किस होती है | जो मां बाप की नाफरमानी होती है | मां बाप कुछ भी कहे वह मानती ही नहीं |
और नाफरमानी की तीन सजाएं याद रखिए
पहली सजा अगर वह सारी जिंदगी सजदे में पड़े रहे, Allah Bhagwanतो उनके ना नवाफिल, कबूल ना फ्राइज कबूल |
Allah Bhagwan उसको कभी माफ नहीं करता | और ना ही कभी वह स्वर्ग में जाता जो मां बाप का दिल दुखाता है |
दूसरी सजा Allah Bhagwan उनको पाक भी नहीं करेगा
यानी Allah Bhagwan उनको उस नजर से नहीं देखता जो
अपने खास खास भक्तों को देखता है | मां बाप तो भगवान का रूप होते हैं |
तीसरी सजा जन्नत इन लोगों पर हराम है | अगर वह बिना तोबा की है | मर गए तो और उनमें से एक है ना फरमान बेटा |
वह लोग कभी भी स्वर्ग में नहीं जाएंगे | बल्कि स्वर्ग उन पर नाजायज है | जब तक माफी नहीं मांगेंगे | मां बाप को राजी नहीं करेंगे |
दूसरी औलाद की किस्म
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2, दूसरी औलाद वह बात मानती तो है | पर किसी डर से कहीं घर से ना निकाल दिए जाएं | कहीं Proparty na मिले कोई और भी डर हो |
यह काम तो करते हैं, पर डर की वजह से इनको काम करने के बावजूद इनको कोई सवाब नहीं मिलता |
यह आजकल बहुत बड़ा मुद्दा है | बाबू आपकी बात मानते हैं तो हैं | पर हर धर्म में ही हर जगह है | शायद दुनिया में किसी डर की वजह से | ज्यादा जय जाट की वजह से | और किसी वजह से |
3, तीसरी औलाद यह बात तो मानत तो है लेकिन साथ में दुख भी देते हैं |
क्या हमने आपकी वह बात नहीं मानी थी | क्या मैंने आपका फला काम नहीं किया था | क्या मैंने आप पर जब खर्च नहीं किया था |
ऐसे बहुत से नालायक बेटे होते हैं | जो मां बाप को ऐसे ताने देते हैं | अरे एक बार तो सोचते जब तुम छोटे थे | उन्होंने तुम्हारे लिए क्या नहीं किया | तुम को पाल पोस कर बड़ा किया | तुम्हारी शादी की | और आज तुम उनको यह ताने देते हो | जब तुम रात को पेशाब कर देते थे | तो MAA तुमको सूखे में सुलाती | खुद गीले में सो जाती | तुम रात को लेट्रिन करते रात को सोती हुई तुमको Dhoti | तुम्हें अपना दूध पिलाती | खुद भूखी रहती है | तुमको खिलाती आज वही भूखी मां रहती है | और तुम खाते हो | कितनी अजीब बात है ना |
यह औलाद है जो काम तो करती है | लेकिन इस काम का उसको बदला नहीं मिलता बल्कि गुनाह मिलता है | क्योंकि वह काम के साथ-साथ एहसान जताती है |
यह वाला जो काम करती है | इसको इसका फल नहीं मिलता |
4, चौथी औलाद जो मां बाप कहते हैं तो हैं यह करती है दिल की खुशी से कहते हैं | अल्हम्दुलिल्लाह
Allah Bhagwan तू ने हमें हमारे मां बाप का एक हक तो अदा करने की तौफीक अता फरमाई | यही है वह औलाद अल्लाह के यहां बुलंद मुकाम हासिल करने वाली |
यही वह औलाद है जिससे Allah Bhagwan भगवान खुश होता है | जो भगवान के यहां एक बेहतरीन जगह पाने वाली है |
2, दूसरी औलाद वह बात मानती तो है | पर किसी डर से कहीं घर से ना निकाल दिए जाएं | कहीं Proparty na मिले कोई और भी डर हो |
यह काम तो करते हैं, पर डर की वजह से इनको काम करने के बावजूद इनको कोई सवाब नहीं मिलता |
यह आजकल बहुत बड़ा मुद्दा है | बाबू आपकी बात मानते हैं तो हैं | पर हर धर्म में ही हर जगह है | शायद दुनिया में किसी डर की वजह से | ज्यादा जय जाट की वजह से | और किसी वजह से |
काम के बावजूद कोई असर नहीं Allah Bhagwan के यहां
3, तीसरी औलाद यह बात तो मानत तो है लेकिन साथ में दुख भी देते हैं |
क्या हमने आपकी वह बात नहीं मानी थी | क्या मैंने आपका फला काम नहीं किया था | क्या मैंने आप पर जब खर्च नहीं किया था |
ऐसे बहुत से नालायक बेटे होते हैं | जो मां बाप को ऐसे ताने देते हैं | अरे एक बार तो सोचते जब तुम छोटे थे | उन्होंने तुम्हारे लिए क्या नहीं किया | तुम को पाल पोस कर बड़ा किया | तुम्हारी शादी की | और आज तुम उनको यह ताने देते हो | जब तुम रात को पेशाब कर देते थे | तो MAA तुमको सूखे में सुलाती | खुद गीले में सो जाती | तुम रात को लेट्रिन करते रात को सोती हुई तुमको Dhoti | तुम्हें अपना दूध पिलाती | खुद भूखी रहती है | तुमको खिलाती आज वही भूखी मां रहती है | और तुम खाते हो | कितनी अजीब बात है ना |
यह औलाद है जो काम तो करती है | लेकिन इस काम का उसको बदला नहीं मिलता बल्कि गुनाह मिलता है | क्योंकि वह काम के साथ-साथ एहसान जताती है |
यह वाला जो काम करती है | इसको इसका फल नहीं मिलता |
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4, चौथी औलाद जो मां बाप कहते हैं तो हैं यह करती है दिल की खुशी से कहते हैं | अल्हम्दुलिल्लाह
Allah Bhagwan तू ने हमें हमारे मां बाप का एक हक तो अदा करने की तौफीक अता फरमाई | यही है वह औलाद अल्लाह के यहां बुलंद मुकाम हासिल करने वाली |
यही वह औलाद है जिससे Allah Bhagwan भगवान खुश होता है | जो भगवान के यहां एक बेहतरीन जगह पाने वाली है |
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5, पांचवी औलाद जो मां बाप कहते नहीं बल्कि उनकी ख्वाहिश साथ होती हैं | लेकिन की तमन्ना होती है | वह जबान से नहीं कहते | लेकिन औलाद उनको बिना कहे ही पूरा कर दें | यह ही वह Oलाद h जो Allah Bhagwan को सबसे ज्यादा पसंद है | और यही वह औलाद है जो अल्लाह के सबसे बड़ा मर्तबा हासिल करने वाली है |
यह वह औलाद है | Allah Bhagwan जो भगवान के यहां सबसे बुलंद, सबसे ऊंचा, सबसे अच्छा, सबसे बेहतरीन, जगह पाने वाली है | जिससे भगवान खुश होकर अपने दूसरे भक्तों को लक्ष्मी देता है | यही वह OLAAD है जिससे सारे देवता खुश होते हैं | रश्क करते हैं ऐसी औलाद पर |
दोस्तों कैसी लगी हमारी मा बाप का हमारे ऊपर हक रखा है | यह पोस्ट हमें हमारे फेसबुक पर लाइक पेज पर लाइक करके एक बार जरुर बताएं
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