Jio Pipelines Cable submarine cable India, undersea internet cables, jio cable kya hai, jio kiya hai जानेंगे इस पोस्ट में
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आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा के Jio Pipeline Cabel क्यों दिखाई जा रही है। submarine cable india जिओ इस केबल पाइपलाइन को किस काम में यूज करेगा | इसका क्या बेनिफिट है, undersea internet cables किया है | submarine cable और क्या इसके नुकसान हैं|
Jio अब भारत की बहुत बड़ी टेलीकॉम कंपनी है इसलिए यह जानना अब हमें बहुत ज्यादा जरूरी है क्या यह, jio Pipeline cabel क्यों बिछुआ रही है
Jio Pipeline cabel क्या
Jio pipeline cabel लाइन क्या है सबसे पहले मैं आपको ही बता देता हूं जिओ ने एक छोटी रेड कलर की पाइप लाइन के साथ एक केबल बिछा रहा है और यह लगभग पूरे देश भर में बिछाई जा रही है | बस यही जिओ केबल पाइपलाइन है
jio Slow network speed kaise badhaye
आपके शहर में कितने फास्ट नेटवर्क स्पीड दे रहा है यह तो शायद आपको भी पता होगा लेकिन मैं आपको यहां बता रहा हूं । Slow network speed kaise badhaye jio, इसी समस्या को दूर करने के लिए हर टेलीकॉम कंपनी अपनी जी तोड़ मेहनत कर रही है । लगभग सारी टेलीकॉम कंपनियों में slow network speed की समस्या बनी हुई है। इसी को दूर करने के लिए jio cable pipeline बिछाई जा रही है । हालांकि इसका एक और रीजन भी है जो मैं आगे चलकर आपको बताऊंगाा.
Satellite खर्चा
हां आपने बिल्कुल सही सुना मैंने सेटेलाइट खर्चा ही कहा है । आपको शायद मालूम नहीं के जो आपके मोबाइल में नेटवर्क आता है वह telecom company को बहुत महंगा पड़ता है क्योंकि उसका खर्चा आधे से ज्यादा satellite में चला जाता है। यह भी एक और वजह है के telecom company अपनी खुद की. बछा रहे हैं जैसे यहां पर मैं आपको बता ही रहा हूं कि jio cable pipeline बिछा रही हैै .
Kya airtel भी साथ काम कर रही है
एयरटेल और जिओ दोनों भारत की अलग-अलग टेलीकॉम कंपनी है जो एक दूसरे से हमेशा आगे निकलने की होड़ में लगी हुई हैं jio cable pipeline
मैं एयरटेल उसके साथ नहीं है क्योंकि एयरटेल अपनी खुद की एक अलग से केवल बिछा रही है एयरटेल या नहीं चाहती कि वह जियो के साथ काम करें
submarine cable in hindi
इंटरनेट यूजर्स को सबमरीन डाटा (submarine cable) केबल के साथ हाई कैपेसिटी, हाई स्पीड सिस्टम की सुविधा मिलेगी। इस केबल सिस्टम के जरिए 200 टीबीपीएस की स्पीड से इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी। यह सबमरीन केबल सिस्टम 16 हजार किमी के दायरे में फैला होगा।
रिलायेंस जियो (रिलायंस जिओ) कंपनी (रिलायंस जिओ) भारत के इंटरनेट की गुणवत्ता की जांच करने के लिए सुनिश्चित करें। आईएक्स (आईईएक्स), आईईएक्स (आईईएक्स) प्रणाली शुरू हो जो इंटरनेट के कंज्यूमर्स को सामग्री और अच्छी तरह से तैयार हो।
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सबमरीन डेटा केबल सिस्टम क्या है
सबमरीन डेटा केबल (submarine cable) सिस्टम का मतलब है कि यह समुद्र के नीचे से गुजरता है। इस प्रणाली में केबलों को समुद्र के माध्यम से पारित किया जाता है। दूरसंचार संकेतों को ले जाने के लिए इन केबलों को दो स्थानों के बीच समुद्र के द्वारा बिछाया जाता है। केबल समुद्र और समुद्र के माध्यम से भूमि क्षेत्रों तक जाती है और इंटरनेट जैसी सुविधाएं प्रदान करती है।
क्या बदलेगा
इस submarine cable डेटा केबल सिस्टम को पनडुब्बी संचार केबल भी कहा जाता है। इस केबल के माध्यम से दुनिया के एक छोर से दूसरे छोर तक सूचना का संचार सेकंडों में होता है और काम इंटरनेट के माध्यम से होता है। Reliance Jio ने अपने यूजर्स को कम समय में इंटरनेट की सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केबल सिस्टम बिछाने का काम शुरू कर दिया है। जियो के 5जी मोबाइल नेटवर्क का भी ट्रायल चल रहा है। ट्रायल पूरा होने के बाद जल्द ही इस सेवा को शुरू किया जा सकता है। सबमरीन केबल सिस्टम इस काम में बहुत मदद करेगा क्योंकि अगला युग तेज इंटरनेट का है। सभी सुविधाएं किसी न किसी रूप में इंटरनेट से जुड़ने वाली हैं।
सिस्टम की शुरुआत
समुद्र के नीचे चलने वाले इस केबल सिस्टम की शुरुआत सबसे पहले 1850 में हुई थी। यह काम टेलीग्राम ट्रैफिक के लिए किया गया था। इस सिस्टम के शुरू होते ही टेलीग्राम के जरिए दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजी जाने वाली सूचनाएं बहुत तेज हो गईं। धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया और आज इंटरनेट की पूरी व्यवस्था इसी पर आधारित है। एक आंकड़े के मुताबिक इस समय पूरी दुनिया में करीब 426 पनडुब्बी केबल सेवाएं हैं। एक तरह से यह कहा जा सकता है कि समुद्र के भीतर इंटरनेट और डेटा केबल का पूरा नेटवर्क है।
पुराने केबल सिस्टम खत्म हो गए, नए शुरू हो गए
जैसे-जैसे इंटरनेट से जुड़ी यह तकनीक बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे पनडुब्बी डेटा केबल सिस्टम का दायरा भी बढ़ रहा है। समुद्र के नीचे पुराने केबल सिस्टम को हटाया जा रहा है और उनकी जगह नए सिस्टम जोड़े जा रहे हैं. इसलिए, हाल के दिनों में, पनडुब्बी डेटा केबल सिस्टम में अधिक गति होगी। पनडुब्बी केबल सिस्टम का काम बहुत महंगा और जटिल है, इसलिए सभी कंपनियां इसमें शामिल नहीं होती हैं।
केबल बिछाना भी मुश्किल
समुद्र में submarine cable केबल बिछाने के लिए समुद्र और महासागरों की पूरी मैपिंग करनी होती है। यह सर्वेक्षण बहुत कठिन कार्य है। इस पर बहुत सारे संसाधन और पैसा खर्च किया जाता है। यह भी एक लंबे दिन का काम है। सर्वेक्षण के बाद, समुद्र और समुद्र में एक रास्ता तय किया जाता है, जिसके माध्यम से केबल को कदमों पर चलाया जाता है। आजकल केबल को फाइबर ऑप्टिक तकनीक से बिछाया जाता है। रिलायंस जियो ने देश में इस तकनीक पर काफी खर्च किया और इसने पूरे देश में जियो फाइबर की सेवा शुरू कर दी है। दरअसल ये कांच के रेशे होते हैं जिनमें बिजली की गति से सूचना का संचार होता है। ग्लास फाइबर को प्लास्टिक कवर में लपेटा जाता है जिसे ऑप्टिकल फाइबर नाम दिया गया है।
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निष्कर्ष
मैं उम्मीद करता हूं jio cable pipeline, submarine cable, submarine cable india कि आप मेरे द्वारा दी गई हुई जानकारी से आप संतुष्ट अगर आपके मन में फिर भी कोई सवाल है तो कमेंट करके पूछ सकते हैं मैं पूरी कोशिश करूंगा आपको जवाब देने की
Nice information sir
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