आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारत के संपूर्ण इतिहास old history ncert, history of india in hindi के बारे में वैसे तो भारत का इतिहास बहुत ही गहरा और बहुत लंबा भी है।
भारत के इतिहास की शुरुआत हम शुरू से करेंगे कि भारत में सबसे पहले कौन लोग रहते थे। भारत का old history ncert सबसे पहले क्या था बड़े-बड़े विद्वान इसके बारे में क्या जानते हैं। इस कड़ी को हम आगे बढ़ने से पहले हमारी आप लोगों से गुजारिश है कि इस पोस्ट को फॉलो करें और शेयर करें ताकि जो आज old history ncert लोग जा रहे हैं, वह हमारा इतिहास नहीं है। हम आपको सही और सच्चा भारत का इतिहास बताने की कोशिश करेंगे।
history of India in hindi ~ कोल और द्रविड़ सभ्यता कोल कौन थे
ऐसा प्रतीत होता है कि द्रविड़ उत्तर-पश्चिम से भारत आए, फिर उन्होंने कोल को उप-मैदानी इलाकों से खदेड़ दिया और वे पहाड़ी क्षेत्रों और जंगलों में भाग गए। इसीलिए आज भी कोल लोग ऐसी जगहों पर पाए जाते हैं। कोलों के वंशज आजकल बंगाल, मद्रास, मध्य प्रदेश और नागपुर (बिहार) के पहाड़ी और जंगली इलाकों में पाए गए हैं। कोल की अनेक शाखाएँ होती हैं।
उनमें से कुछ तो एकदम असभ्य हैं। लेकिन कुछ लोग सभ्यता की दौड़ में आगे बढ़ गए हैं. कोल लोग कद में छोटे होते हैं, लेकिन नाक चपटी होती है।
"एक सामान्य धारणा है कि हिंदू धर्म और संस्कृति के सभी सर्वोत्तम तत्व आर्यों से प्राप्त हुए हैं, और इसमें जो कुछ भी प्यारा, अपमानजनक या अंधविश्वासी है वह इसमें मिश्रित आदिम अनार्य तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। यह दृष्टिकोण निश्चित रूप से गलत है ... और हमें यह स्वीकार करना होगा कि आर्यों के धार्मिक विचारों और मान्यताओं को प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉइड्स और द्रविड़ों द्वारा गहराई से संशोधित किया गया है
जिनके साथ वे भारत में संपर्क में आए थे।" -डॉ। आर.सी. मजूमदार कोल सभ्यता कोल लोगों की गिनती भारत की असभ्य जातियों में की जाती है। ये लोग मुंडा भाषा बोलते हैं और गांवों में रहते हैं। ये बहुत ही सरल स्वभाव और शांतिप्रिय होते हैं। वे अजनबियों से बहुत डरते हैं और उनसे दूर रहने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे परिचितों के साथ खुशी से रहना चाहते हैं। अब कोलों के जीवन का संक्षिप्त परिचय प्राप्त कर लेना आवश्यक है।
(1) जीविका के साधक को भारत के आदिव में यह लोग जानवरों का शिकार करता और प थे। परन्तु कालान्तर में यह लोग कृषि भी करने लगे और पशुओं को पालने धान तथा गन्ने की खेती किया करते थे और हाथियों को
(2) सहयोग का जीवन- कोल लोग संगठन बनाकर गांव में निवास करते थे। श
के लिये एक साथ जाया करते थे और भोजन भी यह लोग एक साथ ही किया करते थे।
यह लोग बड़े मेल-जोल के साथ रहते थे और एक-दूसरे की सहायता करने के लिये ना तैयार रहते थे।
कोल सभ्यता
(3) सामाजिक जीवन-कोल लोगों में जाति प्रथा नहीं थी और न उनमें कोई वर्ग-भेद था। समाज में ऊंच-नीच का कोई भेद-भाव ना था और सभी समान समझे जाते थे। कोल लोगों को अपने बच्चों की शिक्षा का बड़ा ध्यान रहता था। यह शिक्षा व्यवहारिक होती थी और गण के एक पदाधिकारी द्वारा दी जाती थी।
(4) दण्ड विधान- कोलों के अपने अलग नियम होते थे और इन्हीं नियमों के अनुसार अपराधियों को दण्ड दिया जाता था। जो लोग बड़े अपराध करते थे, वे गांव के बाहर निकाल दिये जाते थे।
(5) धार्मिक विचार-कोल लोग किसी सर्वशक्तिमान दयालु भगवान में विश्वास नहीं करते थे। वे केवल भूत-प्रेत में विश्वास करते थे और भय के कारण उनकी पूजा थे। उनका यह विचार था कि यदि प्रेत लोग अप्रसन्न हो जायेंगे तो उन्हें और अगर प्रसन्न रहेंगे तो उनका कल्याण करेंगे। अतएव हुन प्रेतों को प्रसन्न रखने के लि वे उन्हें मोटी रोटी, शहद तथा दूध चढ़ाया करते थे। उन्हें प्रसन्न रखने के लिये पशुओं तथा पक्षियों की बलि भी दिया करते थे। इन लोगों का विश्वास था कि भूत बड़े-बड़े पेड़ों में निवास करते हैं; अतएव यह लोग पेड़ों की पूजा किया करते थे।"
शव विसर्जन old history ncert
कोल लोग मृतक शरीर को फेंक दिया करते थे जो वायु तथा सूर्य के प्रकाश द्वारा नष्ट हो जाया करता था। कभी-कभी वे शव को पशु-पक्षियों को समर्पित कर देते थे, जो उन्हें खा जाया करते थे । यदा-कदा वे शव को गाड़ भी देते थे ।
द्रविड़ कौन थे? Who were Dravid?
कोलों के साथ-साथ भारतवर्ष में एक दूसरी जाति भी निवास करती थी, जो द्रविड़ कहलाती थी। यही लोग भारत के अत्यन्त प्राचीन निवासी माने जाते हैं। इनका कद छोटा, सिर बड़ा, नाक छोटी तथा चपटी और रंग काला होता था। जिस समय आर्य लोग भारतवर्ष में आये, उन दिनों द्रविड़ लोग भारत के विभिन्न भागों में निवास करते थे। आर्यों ने उन्हें अनार्य, दरयु आदि नामों से पुकारा है। आर्यों ने द्रविड़ को उत्तरी भारत से मार भगाया। फलतः द्रविड़ लोग दक्षिण भारत में भाग गये और वहीं पर स्थायी रूप से निवास करने लगे। Who were Dravid? यह कौन लोग थे यह सवाल भी आज तक बना नहीं हुआ है.
द्रविड़ों वड़ों का आदि देश The original country of the Dravidian clans
द्राविड़ लोग भारत के मूल निवासी थे अथवा अन्य जातियों की भांति यह लोग बाहर के भारत में आये थे, इस प्रश्न पर विद्वानों में बड़ा मतभेद है। कुछ विद्वानों के विचार में द्वादिष्ट लोग दक्षिण भारत के मूल निवासी थे;
परन्तु अधिकांश विद्वानों की यह धारणा है कि द्रविड़ लोग बाहर से भारत में आये थे। अब प्रश्न यह उठता है कि यह लोग किस मार्ग के इस देश में आये थे? कुछ विद्वानों का कहना है कि द्रविड़ लोग मंगोल जाति के थे और उत्तर-पूर्व के मार्ग से इस देश में आये थे ।
कुछ विद्वानों के विचार में हिन्द महासागर में लेमूरियां नाम का एक महाद्वीप था, जो पानी में डूब गया है। इन विद्वानों के विचार में द्रविड़ लोग इसी महाद्वीप के मूल निवासी थे और वहीं से भारतवर्ष में आये थे । अन्य लोगों के विचार में द्रविड़ लोग पश्चिम एशिया के आदी निवासी थे और बलूचिस्तान होते हुए उत्तर-पश्चिम के मार्गों से भारत में आये थे ।
द्रविड़ों का मूल स्थान चाहे जहां हो, इतना तो निर्विवाद है कि अन्त में यह लोग दक्षिण भारत में स्थायी रूप से निवास करने लगे और वहीं पर इनकी सभ्यता तथा संस्कृति का विकास हुआ। बहरहाल ये जो भी थे यह थे भारत के पुराने old history ncert के सबसे पहले लोगों में से इसके बारे में क्या राय है कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं
द्रविड़ सभ्यता ~Dravidian Civilization
घने विद्वानों की यह धारणा थी कि आर्य सभ्यता ही भारत की सबसे पुरानी सभ्यता है परन्तु अब यह सिद्ध कर दिया गया है कि द्रविड़ सभ्यता, आर्य सभ्यता से कहीं अधिक पुरानी है। आयों ने द्रविणों को दस्यु, दानव, राक्षस आदि नामों से पुकारा है-इससे ऐसा है कि द्रविड़ लोग बिल्कुल असभ्य थे; परन्तु वास्तव में ऐसी बात न थी। द्रविड़ लोग सभ्यता की दौड़ में काफी आगे बढ़ गये थे, जो निम्नलिखित विवरण से स्पष्ट हो जायेगा-
(1) निवास स्थान- Residence Location
द्रविड़ लोगों तथा नगरों में निवास करते थे। भारतवर्ष में नगरों का निर्माण सबसे पहले वों ने ही किया था। शत्रुओं से इन नगरों की रक्षा करने के लिये वे इनकी किलेबन्दी कर लिया करते थे, अतएव नगरीय जीवन तथा नगरीय सभ्यता का आरम्भ द्रविड़ों ने ही किया था।
(2) जीविका के साधन - means of livelihood
-चूंकि द्रविड़ लोग गांव तथा नगरों में निवास करते थे, अतएव कृषि तथा व्यापार इनकी जीविका के साधन थे। जो द्रविण गांवों में रहते थे, वे बड़े कुशल किसान होते थे और विभिन्न प्रकार की खेती किया करते थे। अपने खेतों को सींचने के लिये यह लोग नदियों में बांध बनाते थे। उन पर ये पुल भी बनाते थे,
जिससे वे उन्हें आसानी से पार कर सकें। कृषि के अलावा द्रविड़ लोग व्यापार भी करते थे। व्यापार में इन लोगों की बड़ी रुचि थी और शान्तिपूर्वक यह लोग विदेशों के साथ व्यापार करते थे। यह लोग बड़े चतुर नाविक होते थे और निकट के दीपों में इन लोगों ने अपने उपनिवेश स्थापित करने का प्रयत्न किया था।
(3) सामाजिक संगठन - social organization
-द्रविड़ों का समाज मातृक था और माता ही कुटुम्ब की प्रधान हुआ करती थी। इन लोगों में चचेरे भाई-बहनों में विवाह हो सकता था। यह प्रथा इन लोगों मैं अब भी प्रचलित है। जाति प्रथा का प्रचार इन लोगों में ना था। इनके समाज में केवल ब्राह्मण तथा शुद्र होते थे। क्षत्रिय तथा वैश्य इनके समाज में ना थे। अपने मुर्दों को वह लोग गाड़ते थे; परन्तु जब यह आर्यों के सम्पर्क में आये, तब उन्हें जलाने भी लगे।
(4) धार्मिक जीवन
-द्रविड़ों के धार्मिक विचार बड़े ही स्पष्ट थे। यह लोग पृथ्वी की पूजा किया करते थे। अपने देवी-देवताओं में सबसे अधिक प्रधानता इन लोगों ने माता देवी को दी थी। शिवलिंग की पूजा द्रविड़ों में प्रचलित थी। यह लोग पशुओं की भी पूजा किया करते थे। शिव को यह लोग पशुपति कहते थे। संभवतः यह लोग शेषनाग के भी उपासक थे।
प्राचीन काल के द्रविड़ प्रेतों की भी पूजा किया करते थे और उन्हें बलि दिया करते थे। पान, फल तथा फल से पूजा करने की विधि सम्भवः द्रविड़ों से ही आरम्भ हुई। अपने देवी-देवताओं की पूजा के लिये लोग मंदिर बनवाया करते थे।
यहां से आगे का दूसरा पार्ट बहुत जल्दी हम आप लोगों के लिए लेकर आएंगे। इसके लिए आप हमारे ब्लॉग को फॉलो कर सकते हैं। history of India भारत का यह इतिहास old history ncert आप लोगों को कैसा लगा, और यह पोस्ट कैसी लगी, आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।
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