Sunday, October 10, 2021

 अश्वगंधा, अश्वगंधा के फायदे, अश्वगंधा पाउडर, ashvgandha kya hai, Ashwagandha benefits, ashvgandha powder, side effect of ashvagandha अश्वगंधा एक पौधा है जो 3 से 5 फुट लंबा होता है । जिसको असगंध के नाम से भी जाना जाता है



आज की इस पोस्ट में आयुर्वेदिक से रिलेटेड अश्वगंधा ( Ashwagandha ) के रिव्यु के रूप में आज इस पोस्ट को आप देख सकते हैं अश्वगंधा बेनिफिट्स ( Ashwagandha benefit )  के बारे में पूरी डिटेल में मैं बताने की आज कोशिश करूंगा ।


Ashvgandha kya hai अश्वगंधा क्या है


अश्वगंधा एक पौधा है जो 3 से 5 फुट लंबा होता है । जिसको असगंध के नाम से भी जाना जाता है । यह आयुर्वेदिक का एक औषधीय पौधा है ‌। हिंदी में असगंध या अश्वगंधा मराठी में असंग बंगाली में अश्वगंधा तेलुगु में पनेरु गुजराती में आसन के नाम से यह पौधा जाना जाता है ‌। यह पौधा हिंदुस्तान के कुछ इलाकों में काफी मात्रा में पाया जाता है ‌। नगरा बीहिंद के तमाम इलाकों में मिलता है लेकिन बंगाल और असम में इसकी पैदावार नहीं मिलती ‌। इसकी जड़ काफी लंबी लंबी होती हैं इसकी टेनिया गोल होती है और पत्ते 3 इंच से 5 इंच तक लंबे होते हैं ‌। 2 इंच के आसपास चौड़ाई तक होते हैं ‌। इसके फूल गोल होते हैं ‌। इसके बीज रसभरी की तरह ही होते हैं यानी इसमें छोटी-छोटी गोल गोल गोली की तरह ‌।



Ashwagandha benefits अश्वगंधा के फायदे ‌ हिंदी


अश्वगंधा के बहुत सारे फायदे हैं ‌। यह एक औषधीय पौधा जो है ‌। इसको हर बीमारी में इस्तेमाल किया जा सकता है ‌। अश्वगंधा को और रसायन भी कहा जाता है ‌। रसायन उसको कहते हैं जो शरीर के हर हिस्से पर काम करती है ‌।

अश्वगंधा के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेट्री लिवर में होने वाली सूजन की समस्या दूर करने में सहायक होता है . यह सूजन कम करता है. अगर रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन किया जाए तो काफी फायदेमंद होगा. 

अश्वगंधा के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होने लगेगा.

अश्वगंधा के इस्तेमाल से यौन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. 

एक गिलास दूध में एक चम्मच अश्वगंधा और एक चम्मच शहद मिलाकर शाम को सोते समय पीने से आपकी समस्या दूर हो जाएगी. 

असगंध के इस्तेमाल से गठिया और लकवा जैसे समस्या को भी दूर किया जा सकता है. 
औरतों के लिए अश्वगंधा लिकोरिया को रोकने के लिए किया जाता है. 

अश्वगंधा से वजन भी घटा सकतें है इसका तरीका मेने इस पोस्ट में बताया है 


आंखों की ज्योति बढ़ाए अश्वगंधा Ashwagandha benefit in increase eyesight in Hindi


2 ग्राम अश्वगंधा 2 ग्राम आंवला और 1 ग्राम मुलेठी को आपस में मिलाकर पीसकर पाउडर बना लें । अब इसमें से एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को सुबह-शाम गर्म पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है । अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha benefits) के कारण आंखों को आराम मिलता है। इसके साथ आप एलो ज्योति प्लस Aloe Jyoti Plus IMC  ड्रॉप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 




गरभ  धारण करने में अश्वगंधा के लाभ (Ashwagandha powder helps in pregnancy problem in Hindi)


20 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 1 लीटर पानी तथा 250 मिलीग्राम गाय के दूध में मिला लें। इसे कम आंच पर पकाएं। जब इसमें केवल दूध बचा रह जाए तब इसमें 6 ग्राम मिश्री और 6 ग्राम गाय का घी मिला लें। इस क्रिया को आप मासिक धर्म के खत्म होने के बाद नहा धोकर अच्छी तरह 3 दिन बाद। लगातार तीन दिन तक ही करने से यह गरबा धारण में सहायक ( ashvgandha powder) होता है।

अश्वगंधा चूर्ण के फायदे गर्भधारण की समस्या मैं भी मिलते हैं। अश्वगंधा पाउडर को गाय के घी में मिला ले। मासिक धर्म खत्म होने के बाद हर दिन गाय के दूध के साथ या ताजा पानी के साथ 4 से 6 ग्राम की मात्रा में इसका सेवन लगातार एक माह तक करें। यह गरबा धारण में काफी हद तक सहायक होता है। 

अश्वगंधा और सफेद कटेरी की जड़ ले। इन दोनों में से आपको 10 10 मिलीग्राम रस निकालना है। इसका सेवन पहले महीने से लेकर पांचवे महीने तक की गर्भवती स्त्रियों को करने से गर्भपात नहीं होता है। यह काफी मजबूत तरीका है। हमारा भी आजमाया हुआ है।



लिकोरिया के इलाज में अश्वगंधा पाउडर के फायदे (Ashwagandha powder root benefit to likoria in Hindi)


अश्वगंधा की जड़ को आप बारीक पीस लें और उसका चूर्ण बना लें। अगर आपके पास पहले से ही अश्वगंधा पाउडर है (Ashwagandha powder benefits) है तो उसमें से दो से 4 ग्राम की मात्रा में ले। इसी के बराबर मिश्री भी लें। इसे आप गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लिकोरिया में लाभ होता है।



लिंग की कमजोरी दूर करें अश्वगंधा से (ashvgandha)


अश्वगंधा के चूर्ण को कपड़े से छानकर। उसमें उतनी ही मात्रा में खांड मिलाकर रख लें। एक चम्मच की मात्रा में लेकर गाय के ताजे दूध के साथ सुबह और शाम भोजन के 3 घंटा पहले सेवन करें।


अश्वगंधा की जड़ है बारीक पीस लें और उसका चूर्ण बना लें। रात के समय चूर्ण को चमेली के तेल में मिलाकर अच्छी तरह से घोट कर पेस्ट बना लें। इसको लिंग पर लेप करें। इससे नसों में फुर्ती और एनर्जी पैदा होती है। 


अश्वगंधा दालचीनी और कोर्ट को बराबर मात्रा में मिलाकर कूटकर छान लें। इसे गाय के मक्खन में मिलाकर सुबह और शाम शिशन (लिंग) के आगे का भाग छोड़कर शेष लिंग पर लगाएं‌। इसको 2 से 3 घंटे बाद धो लें पानी से गुनगुने से। इस विधि को आप 2 महीने तक करिए। अगर इसमें फास्ट रिजल्ट चाहते हैं तो टाइगर मेवाती ऑयल का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं यहां क्लिक कर।

यदि आप लिंग वृद्धि विधि या उत्पाद की कोशिश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसका तरीका इस ब्लॉग पर मिलेगा 



अश्वगंधा शरीर की कमजोरी को दूर करता है (Ashwagandha removes weakness of the body)


2-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को निर्धारित विधि से एक वर्ष तक सेवन करने से शरीर रोगमुक्त और बलवान बनता है।

10-10 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण, तिल और घी लें। इसमें तीन ग्राम आंवला मिलाकर सर्दियों में रोजाना 1-2 ग्राम सेवन करने से शरीर बलवान बनता है।

6 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री और शहद मिलाएं। इसमें 10 ग्राम गाय का घी मिलाएं। इस मिश्रण को 2-4 ग्राम सुबह-शाम सर्दियों में 4 महीने तक सेवन करने से शरीर को पोषण मिलता है।

पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को 3 ग्राम अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण ताजे दूध (कच्चे / धरोषना) के साथ लेना चाहिए। वात प्रकृति को शुद्ध तिल के साथ और कफ प्रकृति वाले व्यक्ति को एक वर्ष तक गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे शारीरिक दुर्बलता दूर होती है (अश्वगंधा की मुख्य क्रिया) और सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।

20 ग्राम असगंधा चूर्ण, 40 ग्राम तिल और 160 ग्राम उड़द लें। इन तीनों को बारीक पीसकर बड़ा करके एक महीने तक ताजा सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है।

अश्वगंधा और चिरायता की जड़ को बराबर भागों में मिलाकर अच्छी तरह मिला लें। इस चूर्ण को 2-4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ लेने से शरीर की कमजोरी (अश्वगंधा की मुख्य क्रिया) समाप्त हो जाती है।

एक ग्राम असगंधा चूर्ण में 125 मिलीग्राम मिश्री मिलाकर गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से वीर्य विकार दूर होता है और वीर्य मजबूत होता है और शक्ति बढ़ती है।


the side effect of ashvagandha hindi 


अश्वगंधा एक इतनी बड़ी औषधि है तो जाहिर सी बात है कि इसके साइड इफेक्ट भी जरुर होते होंगे। (Side effect of ashvagandha)  क्योंकि हर एक दवाई का कोई ना कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है। इसी तरह अश्वगंधा (ashvagandha) के भी कई साइड इफेक्ट है।


गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का लगातार सेवन नहीं करना चाहिए इससे गर्व खराब होने का चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं।


रक्तचाप के मरीजों को भी अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह पहले से ही गर्म मिजाज का होता है और उनका तो पहले से ही हाई रहता ही है।


अश्वगंधा के लगातार सेवन से आपको दस्त लग सकते हैं।

अश्वगंधा का ज्यादा सेवन आपको बुखार या मलेरिया जैसी बीमारी से ग्रस्त कर सकता है।

इसके लगातार सेवन से आपमें चिड़चिड़ापन आ सकता है।

इनके अलावा अश्वगंधा से और कोई भी साइड इफेक्ट देखने को मिलता नहीं है



मैं उम्मीद करता हूं. आप मेरे द्वारा दी गई इस जानकारी से संतुष्ट जरूर हुए होंगे जिसके लिए आप इस ब्लॉग पर आए थे|  अगर आपके मन में फिर भी कोई सवाल है तो आप मुझे कमेंट करके पूछ सकते हैं मैं जरूर कोशिश करूंगा आपको उत्तर देने की



Sunday, October 3, 2021

 Apricot kya hai खुबानी या (एप्रीकॉट हिंदी नेम) आडू या प्लम जैसा होता है, apricot fruit , apricot khane se kya hota hai, apricot scrub kya hai, आज की इस पोस्ट में हम यह सब  जानेंगे आज.

Apricot fruit



हाय मैं नासिर हुसैन और आप पढ़ रहे हैं हिंदी मेवाती ब्लॉग. इस पोस्ट में मैं आपको apricot के बारे में विस्तार से समझाने की कोशिश करूंगा. जैसे खूबानी की तासीर प्रेगनेंसी में खूबानी खाने के फायदे. खूबानी का दूसरा नाम.  खुबानी खाने का सही तरीका क्या है. खुबानी की कीमत क्या है. और खुबानी फल के फायदे क्या है. और खुबानी क्या है.


Apricot fruit benefits

Apricot आडू या पल्म जैसा होता है जिसका छिलका थोड़ा खुदरा और मुलायम जैसा होता है। आयुर्वेद के अनुसार एप्रीकॉट मीठा और गर्म तासीर का होता है। एप्रीकॉट के गुणों के कारण यह बात और कब को कम करने में काफी मददगार साबित होता है और साथ ही साथ कमजोरी को दूर करने में भी यह जबरदस्त माना जाता है।  एप्रीकॉट को स्किन के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। एप्रीकॉट की मदद से आप अपनी sex लाइफ को काफी मजबूत कर सकते हैं इसका तरीका मैं आपको आर्टिकल के लास्ट में बताऊंगा जो मैं भी यूज़ करता हूं. इसका मेरे पास बहुत से तजुर्बे। 


Abuot Apricot in hindi


हमारे आयुर्वेदिक आचार्य ने कुछ ऐसे विशिष्ट और लाभकारी पलों की खोज की है जिनमें अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। एप्रीकॉट (Apricot)  भी उन्हीं फलों में से एक फल है एप्रीकॉट (Apricotऔषधीय गुणों से भरपूर फल है। Apricot के नाम से आप इसको शायद बहुत कम जानते होंगे लेकिन खुबानी के नाम से यह बहुत ज्यादा फेमस है. इसी के नाम से ज्यादातर जाना जाता है। यह एक बीच युक्त फल है. इसके अंदर एक बीज निकलता है, जो बेर के जैसे दिखाई देता है.


 फोटो में देख सकते हैं यह यही है एप्रीकॉट (Apricot) का फल इसके अंदर छोटा सा बीज निकलता है इस बीच को आप मेवे के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लगभग 3000 वर्ष पुराना यह फल औषधीय गुणों के कारण पूरे विश्व में अपना नाम जमा चुका है इस पर बहुत सारे शोध (research) भी चलें हैं।



एप्रीकॉट फल और पौधा 


एप्रीकॉट (Apricot खुबानी ) का फल आडू या बेर की भांति दिखता है। एप्रीकॉट के फल का रंग हल्का लाल पीला नारंगी रंग का होता है। इस फल का स्वाद हल्का खट्टा मीठा होता है किंतु कभी-कभी इसका स्वाद तीखा भी देखने को मिलता है।Apricot की तासीर गर्म (hot) होती है इसलिए इसका उपयोग ठंडे मौसम में अधिक किया जाता है। 


Apricot fruit


एप्रीकॉट की पौधे की बात करें तो यह पौधा छोटा और आकर्षक होता है। इसकी लंबाई 8 से 10 मीटर होती है। ईस की पत्तियों की बात वह 5 से 9 सेंटीमीटर अंडाकार होती है। एप्रीकॉट के पौधे में गुच्छे दार फूल लगते हैं जो सफेद और गुलाबी रंग के होते हैं और देखने में काफी आकर्षक (Attractive) लगते हैं।



Apricot name all


Sanskrit-उरुमाण;


Hindi-जरदालू, खुबानी, चिलू;


Urdu-खुबानी (Khubani);


Kashmiri-गरडालू (Gardalu), जर्दालु (Jardalu), चेरकिश (Cherkish);


Nepali-खुर्पानी (Khurpani);


Panjabi-हरी (Hari), सरी (Sari), चुली (Chuli)।


English-कौमन एप्रीकोट (Common apricot);


Arbi-बिनकफक (Binkuk), किशानिश (Kishanish);


Persian-मिश-मिश (Mish-Mish), जरदालु (Zardalu)।



एप्रीकॉट सबसे पहले कहां मिला (Where was Apricot first found?) 


Apricot fruit की शुरुआती पैदावार और यह कहां पर मिला इसके बारे में काफी विवादित वरण सामने आए हैं। प्राचीन काल में आर्मेनिया में लंबे समय तक एप्रीकॉट की खेती की गई थी| 

इसलिए Apricot fruit की उत्पत्ति का श्रेय आर्मेनिया को दिया गया है। आर्मेनिया के गाने क्षेत्र में खुदाई के दौरान Apricot  के बीज मिले थे इसलिए एप्रीकॉट का वैज्ञानिक नाम पूर्नस आर्मेनियाका यानी (आर्मीनियाई बेर) रखा गया है। 

इसी तरह कुछ विदेशी वैज्ञानिकों का मानना है कि एप्रीकॉट की शुरुआत चीन में हुई थी तथा एप्रीकॉट का मूल केंद्र चीन ही है। कुछ अन्य तत्वों से ज्ञात हुआ है कि एप्रीकॉट की शुरुआत 3000 ईशा पूर्व भारत में हुई थी। 

इसके अलावा मिस्र इंग्लैंड तुर्की और पारस जैसे देश भी एप्रीकॉट के शुरुआत के बारे में अलग-अलग अपनी राय रखते हैं।



खुबानी (Apricot fruit) की पैदावार सबसे ज्यादा कहां होती है


एप्रीकॉट अर्थात खुबानी आर्मेनिया का राष्ट्रीय फल है किंतु विश्व भर में Apricot fruit का सर्वाधिक उत्पादन तुर्की में किया जाता है। तुर्की के अलावा ईरान एप्रीकॉट का उत्पाद के मामले में दूसरे नंबर पर आता है। 

इन दोनों देशों के अलावा यूरोप मिश्र चीन तथा भारत में भी अपरिकोट का उत्पादन किया जाता है। भारत में Apricot fruit फल हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड और कश्मीर के जैसे ठंडे इलाकों में पाया जाता है। इन पहाड़ी और ठंडे इलाकों में इन की पैदावार भी काफी ज्यादा मात्रा में होती है।



एप्रीकॉट में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in Apricot fruit)


एप्रीकॉट खुबानी अपने औषधीय गुणों के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है एवं अपरिकोट की प्रसिद्ध का कारण है वह सही है क्योंकि इसमें बहुत सारे विटामिंस मिनरल्स एक साथ पाए जाते हैं।

Apricot fruit में पाए जाने वाले खनिज मिनरल्स विटामिंस व विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व। बता दें कि एप्रीकॉट में पाए जाने वाले तत्व हैं, विटामिन ए,  विटामिन बी,  विटामिन सी,  विटामिन ई,  विटामिन के,  प्रोटीन, तांबा, (copper) कैल्शियम,  विटामिन बी 6,  मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, फाइबर, आयरन, सोडियम, क्लोराइड, कार्बोहाइड्रेट,  वसा,  नियासिन,  कैलोरी,  मैग्नीज,  जिंक, लोहा, यह सब पोषक तत्व एप्रीकॉट में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं| 

या आप कह सकते हैं कि यह इन सब का भरपूर भंडार है। आप अंदाजा लगा लो इतनी सारे पोषक तत्व अगर एक चीज में मिल रहे हैं| तो उसकी कीमत और उसका महत्व क्या होगा | इसीलिए इसका उपयोग आयुर्वेदिक में औषधि के रूप में किया जाता है।



एप्रीकॉट से खून की कमी को दूर करें (Remove anemia with Apricot)


शरीर में खून की कमी का होना एनीमिया रोग कहा जाता है। सरल भाषा में अगर मैं आपको समझाऊं तो anemia यानी खून का कम होना| किशोरावस्था और गर्भावस्था के दौरान सबसे ज्यादा पाया जाता है। खून की कमी के कारण महिलाओं में प्रसव के दौरान मृत्यु की सबसे अधिक संभावना होती है। खून की कमी के कई कारण होते हैं लेकिन सबसे जो मेन कारण होता है वह होता है लौह तत्व (iron) की कमी और calcium की कमी का होना।


Apricot frui anemia treament


iron और विटामिन ए तथ्य युक्त चीजों का सेवन करने से anemia रोग को ठीक किया जाता है। अगर आप किसी डॉक्टर के पास भी जाएंगे तो वह भी आपको यही दो चीजों की दवा देगा। 

इसके विपरीत एप्रीकॉट में लोह,  विटामिन ए,  तांबा, भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो खून की कमी को दूर करने में समर्थ होते हैं। एप्रीकॉट खून में मौजूद विषैले पदार्थों को भी नष्ट कर देता है। Apricot से खून साफ और स्वच्छ बनता है।


इन सबके अलावा Apricot में कैल्शियम की मात्रा भी काफी भरपूर मात्रा में मिलती है। एनीमिया के रोगी को Apricot के फल खिलाए पके हुए। एप्रीकॉट का जूस नहीं पिला सकते हैं। और उसके बीच का मेवा भी उसको खिला सकते हैं। इससे उसके अंदर विटामिन कैल्शियम और लौह तत्वों की पूर्ति हो जाएगी। जिससे उनकी खून की कमी दूर हो जाती है।



मोटापा कम करने के लिए एप्रीकॉट का सेवन। Consuming Apricot for Weight Loss

Consuming Apricot for Weight Loss


कई बार गलत खान-पान के कारण शरीर में वजन और चर्बी बढ़ जाती है। जिस को कम करने के लिए हम कई तरह के योगा या दवाई का सहारा लेते हैं। मोटापा कम करने के लिए चिकित्सक कम कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने की सलाह देते हैं, क्योंकि शरीर में कैलरी की मात्रा कम होने से वजन संतुलित हो जाता है। एप्रीकॉट में कैलरी की मात्रा अत्यंत कम होती है जो मोटापे को कम करने के लिए बेहद लाभकारी है। 

इसके विपरीत Apricot में पर्याप्त मात्रा में fiber पाया जाता है जो शरीर में होने वाले पानी के अवशोषण को बढ़ाता है। शरीर में जब पानी का लेवल बढ़ता है तो भूख कम लगती है। 

जिसकी वजह से बिना किसी दवाई योग या जिम करें आप अपना वजन धीरे-धीरे घटा सकते हैं। Weight Loss किस तरह से कम करना है इसके ऊपर मैंने स्पेशलिस्ट एक आर्टिकल लिखा है जो आप यहां से पढ़ सकते हैं।



एप्रीकॉट से आंखों का इलाज करें (treat eyes with apricot)


एप्रीकॉट से आंखों का इलाज भी किया जाता है। लेकिन उससे पहले मैं आपको बता दूं eyes में क्या क्या बीमारी होती है और वह किस कारण होती है। 


इंसान की सबसे बेशकीमती चीज और नाजुक अंग जो होती है वह होते हैं आंख। इसलिए इस कीमती उनका ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। eyes का सबसे कोमल हिस्सा होता है रेटीना। जिसकी मदद से हम दुनिया की इस चकाचौंध को देख पाते हैं। आंखों के अंदर ज्यादातर बीमारी इसी रेटीना के खराब होने की वजह से होती है। अगर बात की जाए विज्ञान की तो विज्ञान कहता है कि eyes को विटामिंस और पौष्टिक तत्वों से आंखों को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है।

आत्मविश्वास जोखिम लेने की क्षमता में क्या अंतर है हिंदी में,


आंखों में बीमारी क्यों होती है (Why does eye disease happen?)


आज के समय में अगर बात की जाए तो उम्र से पहले ही लोगों की आंखों में कई रोग होने लग जाते हैं। जैसे आंखों की रोशनी कम होना।  आंखों में सूजन होना । आंखों में जलन होना।  आंखों में लाल पन होना।  आंखों में फुला टाइप होना।  और बीमारी होती है।


मेरे डॉक्टर के अनुभव या कैरियर में जो मैंने एक्सपीरियंस किया है। इन बीमारियों के जो होने के मुख्य कारण होते हैं वह यह है। आंखों में धूल मिट्टी का जाना। रातों को देर तक जगना। पूरी नींद ना सोना। लंबे समय तक मोबाइल का देखना। किसी चीज को सरसरी तौर पर लंबे समय तक देखना और लगातार देखना। यह सब इसके आज के टाइम में मुख्य कारण है।


आंखों के इलाज की दवा (eye medicine)


आंखों से रिलेटेड इलाज में जिन दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है उनमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, पैरोडी नाइट, जैसे पोषक तत्व से बनी eye medicine का इस्तेमाल किया जाता है। एप्रीकॉट apricot में वही यह सब चीजें एक ही जगह पाई जाती हैं। पाई जाती नहीं बल्कि भरपूर मात्रा में पाई जाती हैं जो आंखों की समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं।



एप्रीकॉट से इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाएं (Increase apricot immunity system)


apricot fruit में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी इन्फ्लेमेटरी, गुण शरीर को जरूरी vitamin देते हैं। इसलिए कमजोर immunity system को मजबूत और बढ़ाने के लिए एप्रीकॉट का इस्तेमाल  जरूर । apricot के साथ-साथ आप हिमालय बेरी का अगर इस्तेमाल करेंगे.  तो आपकी इम्यूनिटी सिस्टम तो मजबूत होगी साथ में आपके शरीर के अंदर इतनी ताकत और फुर्ती देखने को मिलेगी जिसको मैं यहां बयां नहीं कर सकता हूं। इसका उपयोग मैंने कई अपने मरीजों पर किया है। यहां तक एक बार मैंने खुद भी इसका इस्तेमाल किया था। इनका इस्तेमाल कैसे करना है आप यहां से पढ़ सकते हैं।



एप्रीकॉट को स्किन केयर में भी किया जाता है इस्तेमाल


एप्रीकॉट में लगभग सभी आवश्यक तत्वों से भरपूर होती है। जो हमारी त्वचा को पहले से अधिक स्वास्थ्य बना सकती है। एंटी ऑक्सीडेंट स्किन के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। apricot fruit में anti oxidant की अच्छी मात्रा पाई जाती है। विटामिन सी, बी, एप्रीकॉट में पाया जाता है जो त्वचा के लिए काफी अच्छा होता है। अगर आप स्किन के लिए apricot का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसका प्रोडक्ट आप मेरी वेबसाइट से खरीद सकते हैं.  यहां से।




एप्रीकॉट के साइड इफेक्ट क्या है (Apricot fruit has side effects.)


कई ऐसे मामले हैं जिनमें Apricot fruit  नुकसानदायक हो सकता है।

एलर्जी:  अगर किसी को इस से एलर्जी है तो Apricot का सेवन नहीं करना चाहिए इससे त्वचा संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।

मधुमेह :  अगर कोई मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त है तो उन रोगियों को सूखे Apricot खुबानी का सेवन नहीं करना चाहिए एप्रीकॉट खाना उनके लिए हानिकारक होता है।

लो ब्लड प्रेशर: लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को Apricot का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

याद रखें एप्रीकॉट के बीजों में साइनाइड (cyanide) होता है जो अधिक मात्रा लेने पर बेहद हानिकारक (side effects) होता है। एप्रीकॉट खुबानी के केवल 30 बीजों का ही 1 दिन में खाया जा सकता है। इससे ज्यादा आप ना खाएं नहीं तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।


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Tuesday, September 28, 2021

 हाय आज मैं पारा के बारे में बताऊंगा पारा क्या है। para kya hai । सिंगुलफार क्या है, क्या इनके फायदे हैं। para kya hota hai, para khane se kya hota hai, para kya kaam aata hai



Para kya hota hai।  para kya kaam aata hai।  para kaise hota hai। इन सब बातों के बारे में आज मैं विस्तार से बताने की कोशिश करूंगा। पारा क्या है इन हिंदी में जाने की पूरी तरह से कोशिश करेंगे

Para kiya hai


para kya hai (पारा किया है)


द्रव रूप और चाँदी के समान चमकदार होने के कारण पुरातन युग से पारद ( पारा)para  कौतूहल का विषय रहा है। 
लगभग 1,500 ईसवी पूर्व में बने मिस्र के मकबरों में पारद ( पारा ) प्राप्त हुआ है। भारत में इस तत्व का प्राचीन काल से वर्णन हुआ है। 
चरक संहिता में दो स्थानों पर इसे 'रस' और 'रसोत्तम' नाम से संबोधित किया गया है। वाग्भट ने औषध बनाने में पारद ( पारा ) का वर्णन किया है। 
वृन्द ने सिद्धयोग में कीटमारक औषधियों में पारद का उपयोग बताया है। तांत्रिक काल (700 ई. से लेकर 1300 ई.) में पारद ( पारा ) का बहुत उल्लेख मिलता है।
 इस काल में पारद ( पारा ) para को बहुत महत्ता दी गई। पारद की ओषधियाँ शरीर की व्याधियाँ दूर करने के लिये संस्तुत की गई हैं। तांत्रिक काल के ग्रंथों में पारा para के लिये 'रस' शब्द का उपयोग हुआ है। 
इस काल की पुस्तकों के अनुसार पारद से न केवल अन्य धातुओं के गुण सुधर सकते हैं वरन् उसमें मनुष्य के शरीर को अजर बनाने की शक्ति है।

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para kya hai dhatu ya adhatu (पारा क्या है धातु या अधातु)



पारद ( पारा ) श्वेत रंग की चमकदार द्रव धातु है, जिसके मुख्य भौतिक गुण निम्नांकित हैं :

संकेत : Hg

परमाणुसंख्या : 70

परमाणुभार : 200.51

गलनांक : - 37.71 डिग्री सेंल्सियस

क्वथनांक : 353.57 डिग्री सेल्सियस

घनत्व : 13.583 ग्राम प्रति घन सेंमी. (२० डिग्री सेल्सियस पर)

क्रांतिक ताप : 1,860 डेग्री सेल्सियस

संगलन की गुप्त उष्मा : 2.7 कैलरी

परमाणुव्यास : 3.1 एंग्सट्राम

आयनीकरण विभव : 10.838 eV

विद्युत् प्रतिरोधकता : 15.1 माइक्रोओम-सेंमी. (० डिग्री सें. पर)

पारद para ( अनेक धातुओं से मिलकर मिश्रधातु बनाता है, जिन्हें अमलगम (amalgam) कहते हैं। सोडियम तथा अन्य क्षारीय धातुओं के अमलगम अपचायक (reducing agent) होने के कारण अनेक रासायनिक क्रियाओं में उपयोगी सिद्ध हुए हैं।

अब आप समझ गये para kya hai dhatu ya adhatu 


Para kya hota hai





पारा किया है in hindi


पारद (पारा) para वायु में अप्रभावित रहता है, परंतु गरम करने पर यह ऑक्साइड या (HgO) बनता है, जो अधिक उच्च ताप पर फिर विघटित हो जाता है। यह तनु नाइट्रिक अम्ल और गरम सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल में घुल जाता है। पारा किया है in hindi के दो संयोजकता (1 और 2) के यौगिक प्राप्त हैं। इसके लवणों का आयनीकरण न्यून मात्रा में होता है। इसके दो क्लोराइड यौगिक प्राप्त हैं। इनमें से एक मरक्यूरस क्लोराइड अथवा कैलोमेल, (Hg2Cl2) है, जिसका भारतीय ग्रंथों में 'कर्पूररस' और 'श्वेतभस्म' के नाम से वर्णन है। दूसरा मरक्यूरिक क्लोराइड, अथवा केरोसिव सब्लिमेट, (HgCl2), हैं, जो विषैला पदार्थ है। पारद (para पारा) के यौगिक अधिकतर विषैले होते हैं, परंतु न्यून मात्रा में औषध रूप में दिए जाते हैं।



पारद para के मरक्यूरस (1 संयोजकतावाले) और मरक्यूरिक (2 संयोजकता वाले), दोनों लवण, जटिल यौगिक (complex compunds) बनाते हैं। नेसलर का अभिकर्मक (Nessler's reagent) भी एक जटिल यौगिक है, जो मरक्यूरिक क्लोराइड, (HgCl2) पर पोटैशियम आयोडाइड, (KI), की प्रक्रिया से बनता है। यह अमोनिया की सूक्ष्म मात्रा के विश्लेषण में काम आता है।

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para kya kaam aata hai पारा खाने से क्या होता है


वैसे पारा के बहुत सारे फायदे हैं । मैंने आपको ऊपर बताया भी है । कि पारा को किसी भी दवा में इस्तेमाल किया जा सकता है उसकी दवा के मिलान कर। रही बात इसके फायदे की इस को सबसे ज्यादा नामर्दी, धात, सिर्घपतन, जैसी बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। पारा को वैसे भी शिव का विर्या ही माना जाता है ‌। शुगर बीपी हाई दिल के मरीजों के लिए भी पारा जबरदस्त दवा है। 

पारा का क्या ठोष खा सकते हैं

जी हाँ, पारा  को उसके गलनांक से भी कम तापमान पर ठंडा करके, ठोस रूप में लाया जा सकता है।

हालांकि पारा वैसे तो धातु है । और किसी बरतन में रखने पर द्रव रूप में रहता है । मगर स्वतंत्र रूप में ठोस अवस्था में ही रहता है।

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( सिंगुलफार क्या है hindi ) Singulfar kya hai


सिंगुलफार एक सफेद पत्थर है ‌। यह कुस्ता सिंगरफ की तरह ही है‌‌। बट यह वाइट कलर का होता है। इसको भी शुद्ध करके इस्तेमाल किया जाता है। इसको शुद्ध भी कई तरीके से किया जा सकता है जो मैं अगले किसी आर्टिकल में बताऊंगा। इसको भी आप वेट, बीपी, शुगर, पाइल्स, लकवा, सिर्घपतन, धातु रोग, सेक्स टाइप इनक्रीस जैसी सभी बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। पुरानी से पुरानी नामर्दी इससे 15 दिन में खत्म हो जाती है। सिर्घपतन की बीमारी में इसको बबूल के गुणों के पाउडर में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। जिससे आपका टाइम 15 से 20 मिनट तक आ जाता है। यह दवा डॉक्टर अशरफ मेवाती बनाते हैं।  और उसी की जानकारी से हम सिंगुलफार के बारे में लिख रहे हैं। 

वैसे सिंगुलफार एक कठोर पत्थर है। जो विदेश से आता है। इससे बेस्ट क्वालिटी की मेडिसिन तैयार होती है। इसके बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर अशरफ से संपर्क कर सकते हैं। 

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मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई पारा क्या है‌। पारा क्या होता है । पारा खाने के क्या फायदे हैं । इस जानकारी से आप संतुष्ट जरूर हुए होंगे । अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है । तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं । मैं आपको उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगा ।


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Saturday, September 25, 2021

फेस वाश के बारे में बताने से पहले आपको वह बताता हूं,  आई एम सी क्या है imc kya hai, और इसका प्रोडक्ट्स फेस वाश क्यों इतना पोपोलुर  होता जा रहा है.  कंपनी कहां पर है. आई ऍम सी की क्यों आज तक हमने अभी तक किसी बड़े एक्टर या सेलेबिरिटी से अड़ कियो नही देखि।  प्रोफाइल क्या है.Imc product face wash,  imc business जानेंगे इस पोस्ट में सब कुछ


imc product face wash bes



 What is imc (imc kya hai) company profile


आईएमसी को आईएमसी बिजनेस के नाम से भी जाना जाता है वही आई एम सी की फुल फॉर्म इंटरनेशनल मार्केटिंग कॉरपोरेशन International Marketing Corporation है

और इस अनुसार इस कंपनी का पूरा नाम इंटरनेशनल मार्केटिंग कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड है |
IMC  की शुरुआत 2007 में हुई थी |  जिसमें अशोक भाटिया इसके चेयरमैन और सत्यन भाटिया मैनेजिंग डायरेक्टर हैं |
आईएमसी का मुख्य ऑफिस लुधियाना पंजाब में है

आईएमसी के पास आज 450 प्लस प्रोडक्ट है लेकिन शुरुआत में उसके पास सिर्फ  एक ही प्रोडक्ट था. और वह था एलोवेरा।  एलोवेरा से ही उसने अपनी शुरुआत की थी.
आईएमसी नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी है।  जिसको हम डायरेक्ट सेलिंग से भी जानते हैं. mlm  नाम से भी इनको जाना जाता है. imc ki profile किया है. आप  जान चुके हैं. imc  kya hai समझ गये।  अब में प्रोडक्ट के बारे में भी आपको थोड़ी जानकरी  बता देता हूं. फिर बात करेंगे आई एम सी प्रोडक्ट फेस वॉश की 



आईएमसी प्रोडक्ट क्या है और लिस्ट  (imc products)



आईएमसी के पास बहुत सारे प्रोडक्ट है जो नीचे मैं आपको दे रहा हूं. इसमें लिस्ट वाइज प्रोडक्ट के प्राइस प्रोडक्ट की डीपी रेट क्या है. प्रोडक्ट पर बिजनेस वॉल्यूम क्या है. वह सब मैं आपको नीचे लिख रहा हूं. आप आसानी से देख कर पढ़ कर.



imc products list (Health And Nutrition)



                                     Total             MRP                DP             BV

1 ओमेगा 3-6-9 (मछली के तेल के कैप्सूल) 1121801                          30 कैप        690            510          195
इसबगोल के साथ 

2 त्रिफला टैबलेट 1122801                                                                30 टैबलेट                270         180             72

3 ग्लूकोसामाइन टैबलेट 1122901                                                     30 टैबलेट             450           345            140

4 सुपर हेल्थ कैप्सूल 1123001                                                          30 टैबलेट      650            515            220

5 अश्वगंधा और शिलाजीत गोलियाँ 1123101                                30 tb          645            495           225

6 गिलोय और पपीते की गोलियाँ 1123201                                    30 गोलियाँ             270            185             72

7 हर्बल हैंड सैनिटाइज़र 1408101                                                  500 मिली        250            210             50
1409001                                                                             60 मिली            30                 28           6        
1408901                                                                                        पीसी                   250              220                    50

8 दर्द दूर करने वाला तेल ११२१९०१ ५० मिली                            ११५           85              २५

9 एलो च्यवन गोल्ड (शुगर फ्री) ११२३४०१                 ५०० ग्राम              ३२५       २७५              ६०


10 एलो लोहवती टैबलेट 1130201                                             30 टैब                      360                    255          105


imc products face wash (Skin Care)



Total             MRP                DP             BV

1 एलो हल्दी क्रीम 1302801                                                                          60 ग्राम        190                145             55

2 एलो चारकोल फेस वाश 1303001                                                            100 जीएम     195               150             55

3 हर्बल फेस पैक 1408401                                                                           150 ग्राम       170               140             45

4 एलो क्लींजिंग मिल्क 1302701                                                               100 मिली    130                 100            30

5 एलो कैलामाइन लोशन 1302901                                                           100 मिली      190                165          60

6 एलो बेरी क्रीम 1408201                                                                         10 ग्राम          30                  25              7

7 एलो बेसन हल्दी फेस पैक (150 ग्राम) 1303101                                     150 ग्राम     170                 140          45

8 फेस टोनर 1303901                                                                              100 एमएल    225                180         60

9 एलो बादाम क्रीम (60 जीएम) 1410601                                                60 जीएम      85                   65           20


imc business products (Personal Care) (13)



 Total             MRP                DP             BV

1 एलो हेयर रिमूवल क्रीम 1407701                                                             60 ग्राम         180                 140           42

2 केशविन एंटी हेयरफॉल शैम्पू 1407801                                                   200 मिली      230                175          60

3 केशविन एंटी डैंड्रफ शैम्पू 1407901                                                         200 मिली        240               195           65

4 केशविन हेयर ऑयल 1408301                                                              100 मिली         160              125           42

5 केशविन हेयर कंडीशनर 1408701                                                          150gm            210              170          55

६ एलो चारकोल दंत मंजन १४०९६०१                                                      १०० जीएम      २००                155         ५०

7 मास्क का छिलका 1409701                                                                  60 ग्राम          135                110          35

8 एलो ग्लो पाउडर (50 ग्राम) 1409801                                                     50 ग्राम         105                80              25

9 चारकोल तुलसी और ककड़ी साबुन (75 ग्राम) 1409901                        75 जीएम       75              52              15

10 एलो आफ्टर शेविंग लोशन (100 एमएल) 1410001                            100 एमएल    165          135               40

11 एलो अमला हेयर ऑयल (100 एमएल) 1410301                                 100 एमएल    90           70              20

12 एलो डेंट क्रीम (100 ग्राम) 1410501                                                       100 जीएम     80          62            17

13 हर्बल एंटीसेप्टिक टैल्कम पाउडर (20 ग्राम) 1410701                            20 ग्राम         20           16             4



आईएमसी प्रोडक्ट फेस वॉश (imc product face wash)



हल्दी और चंदन के साथ एलो फेस वाश एक अनूठा सूत्र है जो आपके चेहरे को स्वस्थ और चमकदार रखता है। यह रोमछिद्रों को बंद करने और ब्लैकहेड्स को हटाने में मदद करता है, जिससे आपको त्वचा मिलती है 

जो स्वास्थ्य और सुंदरता को निखारती है। यह एलोवेरा, हल्दी, चंदन और अन्य प्राकृतिक जड़ी बूटियों के साथ एक आयुर्वेदिक उत्पाद है, जो आपकी त्वचा को उसके आंतरिक स्वास्थ्य को बाहर लाने में मदद करता है. 

और इस प्रकार इसे युवा और सुंदर रखता है। विशेष रूप से आपके लिए तैयार, इस उत्पाद का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और स्पष्ट, मुलायम और चमकती त्वचा के लिए हर दिन इसका उपयोग करना चाहिए।



IMC Products Aloe Face Wash Price (imc products price)




आईएमसी उत्पादएलो फेस वॉश हल्दी की कीमत. Price of IMC Products Aloe Face Wash Turmeric

Code    Net Vol MRP

1300501   100g             ₹ 250


कैसे इस्तेमाल करे (HOW TO USE) imc product face wash



आईएमसी प्रोडक्ट फेस वाश इस्तेमाल करना काफी आसान है अगर आपको इसका इस्तेमाल करने में कोई गड़बड़ होती है तो भी इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं
अपनी हथेली पर थोड़ी मात्रा में एलो फेस वॉश लें। थोड़े से पानी के साथ मिलाएं। गोलाकार गति में चेहरे और गर्दन की मालिश करें। पानी से अच्छी तरह धो लें।


How to use (HOW TO USE) imc product face wash



IMC product face wash is very easy to use, even if you do something wrong in using it, it has no side effects
Take a small amount of aloe face wash on your palm. Mix with some water. Massage face and neck in a circular motion. Wash off thoroughly with water.


INGREDIENTS imc products (face wash)


इस प्रोडक्ट यानि आई एम सी फैस वाश  में खीरा, एलोवेरा, हल्दी, और चंदन, इन 4 चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. और इन्हीं से मिलाकर इसको तैयार किया जाता है. 
इसीलिए इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. और इसका रिजल्ट भी काफी अच्छा देखने को मिलता है. लेकिन अब मैं आपको बताने वाला हूं इसका फास्ट रिजल्ट कैसे लें.



Imc product face wash best result 10 days




अगर आप आईएमसी प्रोडक्ट फैस वाश  (imc product face wash) का बेस्ट और अच्छा रिजल्ट लेना चाहते हैं. इसके लिए आपको मैं दो प्रोडक्ट बताऊंगा जो आप इसके  साथ उसको इस्तेमाल कर सकते हैं.  
अगर आप उनमें से दो को नहीं तो 1 को तो कम से कम साथ  साथ करें।  इस तरह से हम भी इस्तेमाल करते हैं. और हम अपने कई कस्टमर को भी यह तरीका बताते  हैं.   दोनों को एक साथ कॉन्बिनेशन बना कर देखे फिर रिजल्ट देखना | 

 उसे रिजल्ट अच्छा तो आता ही है और ना ही कोई साइड इफेक्ट्स का होता है जो इसका लगाने का तरीका है दोनों का एक ही है और दोनों प्रोडक्ट एक से बढ़कर एक है.
पहला प्रोडक्ट एप्रीकॉट में कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं. और खासकर फ्री रेडिकल इस  में पाए जाते हैं. जो हमें बुड्ढा होने से रोकते हैं. 

दूसरा प्रोडक्ट है मेवाती दवाखाना द्वारा तैयार किया गया प्रोडक्ट जिसका अभी तो कोई भी नहीं है. 
लेकिन उसका बहुत अच्छा रिजल्ट देखने को मिल रहा है. आप यह सोच रहे होंगे कि इन को मिलाने से क्या फायदा इनको तो अलग-अलग भी यूज करके हम काम में ले सकते हैं. बिल्कुल ले सकते हैं, लेकिन अगर आपको बेस्ट रिजल्ट चाहिए तो आई एम सी प्रोडक्ट फेसवास (imc product face wash) या फिर एप्रीकॉट प्रोडक्ट apricot product है. 
फेसवास उन दोनों को तो मिक्स करिए अगर इन दोनों को नहीं कर सकते तो आप मेवाती दवा खाने से संपर्क भी कर सकते हैं

 

निष्कर्ष (Conclusion)


आईएमसी प्रोडक्ट (Imc product ) फेस वॉश (face wash) को किस तरह से बेस्ट रिजल्ट इसका लेना है. आप समझ गए हैं 
अगर imc kya hai, imc business आपके मन में अभी भी कोई सवाल है या कोई डाउट है तो आप मुझसे कमेंट के जरिए पूछ सकते हैं. मैं पूरी कोशिश करूंगा आपको उत्तर देने कि आप मुझसे डायरेक्ट कांटेक्ट भी कर सकते हैं.
कांटेक्ट पेज पर जाकर या फिर मुझे सोशल मीडिया फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम पर भी फॉलो कर सकते हैं






 



Monday, September 20, 2021

मेवात की प्रचलित संस्कृति , मोटी डे भारत, अभयारणा | Mewati Culture, Mewati Food | Mewati Raja Hamsa Singh & Mewati Queen Asmi mewati asmina chanchal kon hai

 



इस पोस्ट को आप मेवात हिस्ट्री के रिव्यु के रूप में देख सकते हैं । Mewati asmina कौन है | amma singer Mewati कब आया था। Mewati song MP3 क्या है ‌। यह सब इस पोस्ट में मैं बताने की पूरी कोशिश करूंगा।

 

मेवात हिस्ट्री राजा भंवर सिंह



मेवात हिस्ट्री  (mewat haryana history)

 

मेव इतिहास

mewati asmina chanchal kon hai मेव या मेवाती (हिंदी: मेव) उत्तर-पश्चिमी भारत की एक प्रमुख मुस्लिम राजपूत जनजाति है। 1947 में आजादी के बाद बड़ी संख्या में मेव पाकिस्तान चले गए और अब उनके 12 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है। 

मेव इतिहास, मेवों ने अपनी विशिष्ट समूह पहचान और सांस्कृतिक परंपराओं को खो दिया है और अन्य मुस्लिम आबादी के साथ आत्मसात कर लिया है। मेवों ने मीना जनजाति के साथ भी विवाह किया है। 

राजस्थान और हरियाणा में मुस्लिम आबादी के सबसे बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हुए, मेवों की संख्या लगभग 10,000,000  के आंकड़ों के अनुसार) है। 

वे राज्य के पूर्वोत्तर भाग में अलवर और भरतपुर जिलों के साथ-साथ निकटवर्ती राज्य हरियाणा के मेवात जिले में भीड़भाड़ वाले हैं। जिन तीन जिलों में वे रहते हैं, उन्हें सामूहिक रूप से मेवात कहा जाता है, 

जो क्षेत्र में उनके वर्चस्व का एक संदर्भ है। मेव मेवाती बोलते हैं, जो इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के इंडो-ईरानी भाग के इंडो-आर्यन भाग की भाषा है, और एक जनजातीय संस्कृति में रहते हैं। 

बहुसंख्यक अशिक्षित है और वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत वर्गीकृत है।

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                          मेवाती कल्चर  किया है 

 



(mewati muslim history) की कुल जनसँख्या कितनी है


मेव

कुल जनसंख्या

45,000,000

महत्वपूर्ण आबादी वाले क्षेत्र

बोली

मेवाती • हिन्दी

धर्म

इसलाम

संबंधित जातीय समूह

चीता • मराट • कैमखानी • सिंधी-सिपाही •देशवाली • खानजादा• रंगहार•अहीर

इतिहास और उत्पत्ति

 


(mewati caste history)  इसका इतिहास किया है



मेव मेवात (मेवात) के निवासी हैं, एक क्षेत्रीय क्षेत्र जो दिल्ली, आगरा और जयपुर के महत्वपूर्ण शहरी केंद्रों के बीच आता है और इसमें हरियाणा के मेवात जिले और राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अलवर और भरतपुर जिलों के कुछ क्षेत्र शामिल हैं, 
जहां मेव एक सहस्राब्दी के लिए रहते हैं। वे थे राजपूत दो बी.के. लावानिया, डी. के सामंत, एस के मंडल और एन.एन. व्यास द्वारा संपादित पृष्ठ 986 से 990 लोकप्रिय प्रकाशन
हसन खान मेवाती ने 1526 में मुगल ज़हीर उद-दीन मुहम्मद बाबर के खिलाफ राणा संग्राम सिंह (राणा संघ) के साथ कंवाह की लड़ाई में मेवों का प्रतिनिधित्व किया। हसन खान और उनके मेव योद्धाओं ने एक बहादुर लड़ाई दी। 
हसन खान कंवाह की लड़ाई में मारा गया था जबकि उसके बेटे ताहिर खान को मुगलों ने पकड़ लिया था। बाद में ताहिर खान मुगल खेमे से भाग गया। 
मुगल बादशाह बाबर ने हसन खान मेवाती के बारे में अपनी आत्मकथा बाबरनामा में भी लिखा है। मुगलों के लिए मेवाती "विद्रोही" थे। बाद में ब्रिटिश नृवंशविज्ञानियों ने उन्हें "आपराधिक जनजाति" कहा।



मेवात हिस्ट्री राजा भंवर सिंह




मेवात हिस्ट्री x1



२०वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में पूर्वी राजस्थान के दो आधुनिकीकरण करने वाले रियासतों के लिए, हिंदू राष्ट्रवाद को गले लगाते हुए, वे मुसलमान थे। 
अंत में, इस्लामीकरण के लिए, पिटिस्ट मिशनरी आंदोलन, तब्लीगी जमात, जो आजादी के बाद से मेवात में फला-फूला, मेवाती पूर्व-इस्लामिक अरब के जहिलिय्याह थे, 
जिन्हें सुधार की तत्काल आवश्यकता थी। इस महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य योगदान में, शैल मायाराम रियासतों और तब्लीग शासनों की कहानी के साथ-साथ मेवाती प्रतिरोध की कहानी भी बताती हैं जो उन्हें पूरे समय मिलती है। 
वह यह समझने में एक महत्वपूर्ण योगदान देती है कि कैसे एक विशेष समूह को दूसरों द्वारा पहचाना जाता है, 
और खुद को "मुस्लिम" के रूप में पहचानने के लिए - एक आकस्मिक रूप से निर्मित और गहन रूप से आधुनिक, उत्पाद, राष्ट्रवाद के विपरीत नहीं। 

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(mewati asmina chanchal) 



मेवाती असमीना एक मेवात के कलाकार है। वह मेवाती कलाकारों के जन्मदाता इलाही की पत्नी भी है ‌। 2014 असमीना ने मेवाती कलाकार में एंट्री की थी ‌। mewati asmina chanchal  एक सुपरस्टार डांसर भी है। 


Mewati asmina



mewati asmina chanchal  एक सिंगर भी है जो खुद इलाही के साथ वीडियो में और ऑडियो में अपनी आवाज देती है। शुरुआत में मेवात के लोगों ने उसके साथ कुछ अच्छा व्यवहार नहीं किया था‌। 

लेकिन अब वह मेवात में हर एक की चाहेती है ‌। mewati asmina chanchal  के ऊपर में एक अलग से आर्टिकल लिखूंगा जो बाद में आएगा ‌।

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amma singer mewati kon hai


यह मेवात के राजस्थान बॉर्डर पर जिला खेड़ा गांव के रहने वाले हैं। 2020 में इसने मेवाती सिंगर में एंट्री की थी ‌। Amma singer Mewati ने आते ही मेवात हिस्ट्री में धूम मचा दी। हर कोई उसी का चाहने वाला है। 

मेवात में आज सबसे ज्यादा उन्हीं के सॉन्ग को सुना जाता है। यह दोनों तरह की आवाज में गाना गाता है। सबसे पहले मेवात हिस्ट्री में दोनों तरह की आवाज में इसी सिंगर ने ही गाना गाए थे। 

अब हालांकि कई और सिंगर आ चुके हैं जो दोनों तरह की आवाज में गाते हैं लेकिन फर्स्ट यही थे।

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मेवात हिस्ट्री raja bhanwar singh



मेवात हिस्ट्री में कई ऐसे राजा हुए जैसा मैंने ऊपर बताया राजा हसन खा मेवाती के बारे में ‌। उसके बाद भी और कई ऐसे राजा हुए थे जिन्होंने बड़े-बड़े महल बनवाए थे ‌। लेकिन अब मैं एक ऐसी हिस्ट्री बताने जा रहा हूं जो इन सब से अलग है ‌। राजा भंवर सिंह महाभारत के उन पांडवों के किले में जन्म लिया था ‌। जहां पांडवों ने आकर एक कुआं बनाया था एक महल भी बनाया था जो सिर्फ एक ही रात में बना दिया था ‌। यह आज भी स्थित है और यह है फिरोजपुर झिरका के समीप भोंड गांव में ‌। यह काला पहाड़ के बीच में स्थित है ‌।

पहाड़ी एरिया होने की वजह से वहां मीडिया कभी पहुंच नहीं पाई है ‌। लेकिन हम हिंदी मेवाती ने मेवात हिस्ट्री के लिए उस जगह को खोज निकाला है ‌। हम यहां आपको फोटो और वीडियो भी दिखाएंगे ‌। अब यह जगह मंदिर के ट्रस्ट के लिए दी गई है ‌। हालांकि यहां सिर्फ दो ही घर हिंदुओं के हैं ‌। फिर भी उन्हीं को यह ट्रस्ट दिया गया है । यह जगह बिल्कुल घूमने लायक है ‌। बहुत ही ज्यादा खूबसूरत भी है ‌। पहाड़ी इलाका होने की वजह से बरसात में यहां घूमने का मजा ही कुछ अलग होता ‌। 

इसके बारे में और ज्यादा जानने के लिए आप हमारे दूसरे ब्लॉक msmewati पर देख सकते हैं ‌‌। वैसे इस जगह पर घोड़चिली और मैवखा काफी लंबा चौड़ा इतिहास है जो मैं अगले आर्टिकल में कवर कर लूंगा ‌। घुडचली और मैवखा दोनों मेवात हिस्ट्री के मशहूर दो नाम है। यह दोनों अपने समय के माने हुए डकैत हुआ करते थे ‌‌।


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मेवात हिस्ट्री - राजा हसन खान मेवाती 


वह बहादुर नाहर द्वारा 1353 ई. में स्थापित मेवात साम्राज्य के सातवें शासक थे। उसके राज्य की राजधानी अलवर थी। हसन खान ने अलवर के उत्तर-पश्चिम में अरावली पर्वत श्रृंखला की चोटी पर एक मजबूत किले का निर्माण किया। इस किले की ऊंचाई करीब एक हजार फीट है, इसकी लंबाई तीन मील और चौड़ाई एक मील है। उसके किले में 15 बड़े और 52 छोटे गढ़ हैं। इस किले पर करीब तीन हजार पांच सौ कंगारू हैं। यह किला बाला किला के नाम से प्रसिद्ध है।

   फिरोज तुगलक के समय में कई राजपूत कुलों ने इस्लाम धर्म अपना लिया था, उनमें से सरहेटा राजस्थान के 'राजकुमार समरपाल' भी शामिल थे। समरपाल की पांचवीं पीढ़ी में 1492 में हसन खान के पिता 'अलावल खान' मेवात के राजा बने। इसलिए हसन खान 'जादु गोत्र' के हैं और मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद खान को जादू और खानजादा कहा जाता था। हसन खान 1505 में मेवात का राजा बना। 1526 ईस्वी में, जब मुगल सम्राट बाबर ने भारत पर हमला किया, इब्राहिम लोदी, राजा हसन खान मेवाती और दीगर राजाओं ने पानीपत में बाबर के खिलाफ लड़ाई लड़ी और राजा हसन खान के पिता अलावल खान शहीद हो गए।

  पानीपत की विजय के बाद, बाबर ने दिल्ली और आगरा पर अधिकार कर लिया, लेकिन भारत का सम्राट बनने के लिए, महाराणा संग्राम सिंह (मेवाड़) और हसन खान (मेवात) बाबर के लिए एक कठिन चुनौती के रूप में उसके सामने खड़े थे। बाबर ने हसन खान मेवाती को इस्लाम में शामिल होने के लिए दिया और राजा हसन खान के बेटे को बिना शर्त रिहा कर दिया, जिसे एक युद्ध में बंधक बना लिया गया था, लेकिन राजा हसन खान की देशभक्ति के सामने धर्म काम नहीं आया।

16 मार्च 1527 को राजा हसन खान मेवाती ने राणा सांगा के साथ 'खानवा' के मैदान में जमकर लड़ाई लड़ी, अचानक राणा सांगा के सिर पर एक बाण लग गया और वह हाथी की पोजीशन से नीचे गिर गया, जिसके बाद सेना के पैर बिखरने लगे। इसलिए राजा हसन खान मेवाती ने स्वयं सेनापति का झंडा अपने हाथ में ले लिया और बाबर की सेना को चुनौती देते हुए उस पर जोरदार हमला किया। राजा हसन खान मेवाती के 12 हजार घुड़सवार सैनिक बाबर की सेना पर टूट पड़े, इस दौरान एक तोप का गोला राजा हसन खान मेवाती के सीने में लग गया और उसके बाद 17 मार्च 1527 को अंतिम मेवाती राजा की हमेशा के लिए मृत्यु हो गई।

   शहीद राजा हसन खान मेवाती का शव उनके बेटे ताहिर खान, करीबी रिश्तेदार जमाल खान और फतेहजंग खानजादा द्वारा लाया गया था, उसके बाद राजा हसन खान का शव अलवर शहर के उत्तर में सौंप दिया गया था। यहां राजा हसन खान के नाम पर एक स्मारक छत्र बनाया गया था। लेकिन 1947 में देश के सबसे बुरे दौर में, इस महान स्वतंत्रता सेनानी राजा हसन खान की स्मारक छतरी को भी बदमाशों ने नष्ट कर दिया।



what is mewat (मेवात हिस्ट्री)



मेवात
हरियाणा में जिला
नूंह जिला भारतीय राज्य हरियाणा के 22 जिलों में से एक है। इस जिले में चार उप-मंडल हैं: नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुनाहना और ताओरू। इसका क्षेत्रफल 1,860 वर्ग किलोमीटर है और 2011 में इसकी आबादी 1.09 मिलियन थी। विकिपीडिया
क्षेत्र: 1,860 किमी²
जनसंख्या: 10.9 लाख (2011)

तहसीलें: 1. नूंह, 2. फिरोजपुर झिरका, 3. पुनाहना, 4. ताओरू, 5. नगीना
संभाग: फरीदाबाद
मुख्यालय: नुहु
विश्वविद्यालय: एसएचकेएम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज
स्थल



 Nishkarsh


उम्मीद करता हूं कि आप मेरे द्वारा दी गई हुई इस जानकारी मेवात हिस्ट्री राजा भगत सिंह और मेवाती असमीना  Mewati asmina chanchal मेवाती इतिहास क्या है. राजा हसन खान मेवाती  आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे अगर फिर भी कोई मन में सवाल है तो आप मुझे कमेंट करके पूछ सकते हैं मैं पूरी कोशिश करूंगा उत्तर देने की।


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