हाय आज मैं पारा के बारे में बताऊंगा पारा क्या है। para kya hai । सिंगुलफार क्या है, क्या इनके फायदे हैं। para kya hota hai, para khane se kya hota hai, para kya kaam aata hai
Para kya hota hai। para kya kaam aata hai। para kaise hota hai। इन सब बातों के बारे में आज मैं विस्तार से बताने की कोशिश करूंगा। पारा क्या है इन हिंदी में जाने की पूरी तरह से कोशिश करेंगे
para kya hai (पारा किया है)
लगभग 1,500 ईसवी पूर्व में बने मिस्र के मकबरों में पारद ( पारा ) प्राप्त हुआ है। भारत में इस तत्व का प्राचीन काल से वर्णन हुआ है।
चरक संहिता में दो स्थानों पर इसे 'रस' और 'रसोत्तम' नाम से संबोधित किया गया है। वाग्भट ने औषध बनाने में पारद ( पारा ) का वर्णन किया है।
वृन्द ने सिद्धयोग में कीटमारक औषधियों में पारद का उपयोग बताया है। तांत्रिक काल (700 ई. से लेकर 1300 ई.) में पारद ( पारा ) का बहुत उल्लेख मिलता है।
इस काल में पारद ( पारा ) para को बहुत महत्ता दी गई। पारद की ओषधियाँ शरीर की व्याधियाँ दूर करने के लिये संस्तुत की गई हैं। तांत्रिक काल के ग्रंथों में पारा para के लिये 'रस' शब्द का उपयोग हुआ है।
इस काल की पुस्तकों के अनुसार पारद से न केवल अन्य धातुओं के गुण सुधर सकते हैं वरन् उसमें मनुष्य के शरीर को अजर बनाने की शक्ति है।
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para kya hai dhatu ya adhatu (पारा क्या है धातु या अधातु)
पारद ( पारा ) श्वेत रंग की चमकदार द्रव धातु है, जिसके मुख्य भौतिक गुण निम्नांकित हैं :
संकेत : Hg
परमाणुसंख्या : 70
परमाणुभार : 200.51
गलनांक : - 37.71 डिग्री सेंल्सियस
क्वथनांक : 353.57 डिग्री सेल्सियस
घनत्व : 13.583 ग्राम प्रति घन सेंमी. (२० डिग्री सेल्सियस पर)
क्रांतिक ताप : 1,860 डेग्री सेल्सियस
संगलन की गुप्त उष्मा : 2.7 कैलरी
परमाणुव्यास : 3.1 एंग्सट्राम
आयनीकरण विभव : 10.838 eV
विद्युत् प्रतिरोधकता : 15.1 माइक्रोओम-सेंमी. (० डिग्री सें. पर)
पारद para ( अनेक धातुओं से मिलकर मिश्रधातु बनाता है, जिन्हें अमलगम (amalgam) कहते हैं। सोडियम तथा अन्य क्षारीय धातुओं के अमलगम अपचायक (reducing agent) होने के कारण अनेक रासायनिक क्रियाओं में उपयोगी सिद्ध हुए हैं।
अब आप समझ गये para kya hai dhatu ya adhatu
पारा किया है in hindi
पारद (पारा) para वायु में अप्रभावित रहता है, परंतु गरम करने पर यह ऑक्साइड या (HgO) बनता है, जो अधिक उच्च ताप पर फिर विघटित हो जाता है। यह तनु नाइट्रिक अम्ल और गरम सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल में घुल जाता है। पारा किया है in hindi के दो संयोजकता (1 और 2) के यौगिक प्राप्त हैं। इसके लवणों का आयनीकरण न्यून मात्रा में होता है। इसके दो क्लोराइड यौगिक प्राप्त हैं। इनमें से एक मरक्यूरस क्लोराइड अथवा कैलोमेल, (Hg2Cl2) है, जिसका भारतीय ग्रंथों में 'कर्पूररस' और 'श्वेतभस्म' के नाम से वर्णन है। दूसरा मरक्यूरिक क्लोराइड, अथवा केरोसिव सब्लिमेट, (HgCl2), हैं, जो विषैला पदार्थ है। पारद (para पारा) के यौगिक अधिकतर विषैले होते हैं, परंतु न्यून मात्रा में औषध रूप में दिए जाते हैं।
पारद para के मरक्यूरस (1 संयोजकतावाले) और मरक्यूरिक (2 संयोजकता वाले), दोनों लवण, जटिल यौगिक (complex compunds) बनाते हैं। नेसलर का अभिकर्मक (Nessler's reagent) भी एक जटिल यौगिक है, जो मरक्यूरिक क्लोराइड, (HgCl2) पर पोटैशियम आयोडाइड, (KI), की प्रक्रिया से बनता है। यह अमोनिया की सूक्ष्म मात्रा के विश्लेषण में काम आता है।
para kya kaam aata hai पारा खाने से क्या होता है
वैसे पारा के बहुत सारे फायदे हैं । मैंने आपको ऊपर बताया भी है । कि पारा को किसी भी दवा में इस्तेमाल किया जा सकता है उसकी दवा के मिलान कर। रही बात इसके फायदे की इस को सबसे ज्यादा नामर्दी, धात, सिर्घपतन, जैसी बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। पारा को वैसे भी शिव का विर्या ही माना जाता है । शुगर बीपी हाई दिल के मरीजों के लिए भी पारा जबरदस्त दवा है।
पारा का क्या ठोष खा सकते हैं
जी हाँ, पारा को उसके गलनांक से भी कम तापमान पर ठंडा करके, ठोस रूप में लाया जा सकता है।
हालांकि पारा वैसे तो धातु है । और किसी बरतन में रखने पर द्रव रूप में रहता है । मगर स्वतंत्र रूप में ठोस अवस्था में ही रहता है।
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( सिंगुलफार क्या है hindi ) Singulfar kya hai
सिंगुलफार एक सफेद पत्थर है । यह कुस्ता सिंगरफ की तरह ही है। बट यह वाइट कलर का होता है। इसको भी शुद्ध करके इस्तेमाल किया जाता है। इसको शुद्ध भी कई तरीके से किया जा सकता है जो मैं अगले किसी आर्टिकल में बताऊंगा। इसको भी आप वेट, बीपी, शुगर, पाइल्स, लकवा, सिर्घपतन, धातु रोग, सेक्स टाइप इनक्रीस जैसी सभी बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। पुरानी से पुरानी नामर्दी इससे 15 दिन में खत्म हो जाती है। सिर्घपतन की बीमारी में इसको बबूल के गुणों के पाउडर में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। जिससे आपका टाइम 15 से 20 मिनट तक आ जाता है। यह दवा डॉक्टर अशरफ मेवाती बनाते हैं। और उसी की जानकारी से हम सिंगुलफार के बारे में लिख रहे हैं।
वैसे सिंगुलफार एक कठोर पत्थर है। जो विदेश से आता है। इससे बेस्ट क्वालिटी की मेडिसिन तैयार होती है। इसके बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर अशरफ से संपर्क कर सकते हैं।
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मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई पारा क्या है। पारा क्या होता है । पारा खाने के क्या फायदे हैं । इस जानकारी से आप संतुष्ट जरूर हुए होंगे । अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है । तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं । मैं आपको उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगा ।
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