परिचय: bharat ka itihas 2010 से 2024** के बीच एक उल्लेखनीय दौर रहा है, जिसमें देश ने राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे। इस समयावधि में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को और मजबूत किया और कई चुनौतियों का सामना करते हुए अनेक उपलब्धियां भी हासिल कीं।
2010 से 2014: विकास और चुनौतियाँ
bharat ka itihas 2010 to 2024 के बीच कई महत्वपूर्ण घटनाओं और परिवर्तनों का गवाह रहा है। इस अवधि में राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ आर्थिक विकास भी देखा गया, लेकिन साथ ही कई मुश्किल चुनौतियों का भी सामना भी करना पड़ा। आइए इस अवधि के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें।
Political scenario
2010 से 2014 के बीच भारत में यूपीए ((United Progressive Alliance)) सरकार के नेतृत्व में राजनीतिक स्थिरता बनी रही। इस दौरान डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। UPA की सरकार 2004 में मनमोहन के Prime Minister बनते ही शुरू हुई।
पर इस सरकार में कुछ घटनाएँ भी हुई जिनकी वजह से UPA government मुश्किलों में आगयी। यहाँ मौका मिला BJP सरकार को अपना वर्चस्य बनाने का, इस मोके का BJP ने पूरा फायदा भी उढ़ाया। अगले 4 साल तक कांग्रेस गवरमेंट की जनता के सामने रत्ती भर भी इज्जत न रही। 2014 इलेक्शन में BJP ने बड़ी जीत दर्ज करके अपनी सरकार बना ली.
मुख्य राजनीतिक घटनाएँ:
2G spectrum scam; भ्रष्टाचार के मामले: इस समयावधि में कई बड़े भ्रष्टाचार के मामले सामने आए, जैसे 2G स्पेक्ट्रम घोटाला और कोयला घोटाला। इन घोटालों ने UPA government की साख को बुरी तरह प्रभावित किया और जनता के बीच आक्रोश पैदा किया। तब जेक लिखा गया bharat ka itihas 2010 to 2024 का एक नया अध्याय।
अन्ना हजारे का आंदोलन: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाया। उनका जन लोकपाल विधेयक की मांग ने सरकार पर दबाव बढ़ाया और भ्रष्टाचार के खिलाफ सशक्त कानून बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए।
इस आंदोलन का भी BJP government को सीधा फायदा हुआ। पहले से ही मुश्किलों में घिरी हुई थी UPA government. ऊपर से अन्ना हजारे जैसे सामाजिक कार्यकर्ता ने एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया जो UPA government के बुरी तरह से पतन का कारण बना. Bharat Ka Itihas 2010 2011 की ये ऐतिहासिक घटना थी.
Economic Development Bharat Ka Itihas 2010
2010 से 2014 के बीच कई आर्थिक घटनाएं हुई. जिनका सीधा फायदा बीजेपी गवर्नमेंट को मिला। वह कहावत है ना [ जब ऊपर वाला देता है तब झप्पर फाड़ के देता है ] बस वही काम हुआ थाबीजेपी के साथ चलो इन घटनाओं के बारे में थोड़ा डिटेल से जानते हैं.
मुख्य आर्थिक घटनाएँ: Main economic events:
आर्थिक सुधार; ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इस अवधि के दौरान UPA government ने कोई भी आर्थिक सुधार के लिए कदम नहीं उठाया, इस अवधि में सरकार ने कई आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिससे निवेश का माहौल बेहतर हुआ और विदेशी निवेशकों का विश्वास भी बढ़ा।
इस समय जो गवर्नमेंट के सामने सबसे मुश्किल समस्या थी वह थी महंगाई, इस पर UPA government काबू नहीं कर पाई. जिससे लोगों के ऊपर बोझ बढ़ने लगा. अपने घर को खर्चको चलाने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करने पड़ी। इस समयावधि में महंगाई एक बड़ी समस्या बनी रही। खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से आम जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
रुपये की गिरावट: 2013 में भारतीय रुपये की कीमत में भारी गिरावट देखी गई, जिससे देश के व्यापार संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। रुपये की इस गिरावट ने आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ा दीं और मुद्रास्फीति में वृद्धि की। एक तो पहले ही महगाई काफी थी ऊपर से ये रुपया। bharat ka itihas गवाह है के इसने कांग्रेस को अगली बार विपक्छ में बैठने पर मजबूर कर दिया।
Social change
bharat ka itihas 2010 से 2014 के बीच कई महत्वपूर्ण घटनाएँ और आंदोलनों ने देश को झकझोरा और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में अहम कदम उठाए गए।
मुख्य सामाजिक घटनाएँ:
Nirbhaya incident:: 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और सरकार को कठोर कानून बनाने पर मजबूर किया।
निर्भया के इस कांड में BJP government ने आग में घी डालने का काम किया। Congress government पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही थी, जैसे ही यह कांड उभर के सामने आया तो उसकी रही सही साख भी चली गयी। यह बीजेपी के लिए एक नए सवेरे की शुरुआत थी।
महिला सशक्तिकरण: महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कानून बनाए गए और योजनाओं की शुरुआत की गई। इसके तहत महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए विशेष ध्यान दिया गया।
पर यह सारे कानून कांग्रेस सरकार के काम नहीं आये, क्योंकि निर्भया जैसे और ज्यादा बढ़ गए थे जिससे महिलाओं के लिए उठाए गए सारे ठोस कदम और कानून बोने साबित हुए. बीजेपी नेअपने प्रचार कैंपियन में यह कहना शुरू कर दिया कि वह महिलाओं के लिए एक सेफ ठोस और जबरदस्त कानून लेकर आएंगे। जिससे महिलाओं का पूरा ध्यान बीजेपी की तरफ चला गया और कांग्रेस पूरी तरह से बेवकूफ पर आ गई.
Bharat Ka Itihas 2010 संक्षेप में
bharat ka itihas 2010 से 2014 के बीच का समय भारत के लिए मिश्रित अनुभवों का रहा। इस दौरान देश ने कई क्षेत्रों में प्रगति की, लेकिन साथ ही कई चुनौतियों का भी सामना किया। राजनीतिक स्थिरता के बावजूद भ्रष्टाचार के मामलों ने सरकार की साख को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया।
वहीं आर्थिक सुधारों के बावजूद महंगाई और रुपये की गिरावट जैसी बड़ी समस्याएँ बनी रहीं। सामाजिक दृष्टिकोण से, इस अवधि में हुए महत्वपूर्ण आंदोलनों और घटनाओं ने देश को जागरूक और मजबूत बनाया। bharat ka itihas 2010 से 2014 यह अपने आप में एक काफी रोमांचक इतिहास भी है. जो इससे पहले भारत में शायद कभी नहीं लिखा गया होगा क्या पता शायद आने वाले कल मैं भी कभी ना लिखा जाए।
इस समयावधि ने भारत को आत्मनिरीक्षण का मौका दिया और भविष्य की दिशा में सुधार के लिए प्रेरित किया। Bharat Ka Itihas 2010 एक ऐसा समय रहा, जिसमें देश ने विकास और चुनौतियों दोनों का सामना किया और उनसे उबरने की कोशिश की।
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