Kutub Minar: 1 ऐतिहासिक Greatest Anciant धरोहर

Kutub Minar



Kutub Minar भारत के दिल्ली शहर में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है। यह मीनार न केवल अपनी ऊंचाई के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके अद्वितीय वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जानी जाती है। कुतुब मीनार की नींव 12वीं सदी में कुतुब-उद-दीन ऐबक ने रखी थी, जो दिल्ली सल्तनत के पहले सुल्तान थे।


इस मीनार की कुल ऊंचाई लगभग 73 मीटर के (Around)है. और यह लाल बलुआ पत्थर से बनाई गई है। मीनार में पाँच मंजिलें हैं, जिनमें से प्रत्येक मंजिल पर सुंदर नक्काशी और कुरान की आयतें लिखी गई हैं। पहली तीन मंजिलें लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं, जबकि चौथी और पाँचवीं मंजिलें संगमरमर और बलुआ पत्थर से निर्मित की गई हैं।

Kutub Minar के निर्माण का उद्देश्य विजय स्तंभ के रूप में था, जो दिल्ली सल्तनत की जीत और मुस्लिम शासन की स्थापना का प्रतीक है। मीनार के परिसर में कई अन्य महत्वपूर्ण स्मारक भी हैं, जैसे कि कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद और अलाई दरवाजा।

कुतुब मीनार की वास्तुकला में इस्लामी, हिन्दू और जैन शैलियों का संगम देखा जा सकता है, जो इस समय की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। यह मीनार यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है और हर साल हजारों पर्यटक इसे देखने आते हैं।

कुतुब मीनार न केवल एक ऐतिहासिक इमारत है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक अमूल्य हिस्सा भी है। इसके भव्य स्वरूप और ऐतिहासिक महत्व के कारण, कुतुब मीनार भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।


कुतुब मीनार कहां है?

Kutub Minar 
इतिहास और संस्कृति से जुड़ा जब भी कोई नाम लिया जाता है तो सबसे पहले सवाल आता है कि आखिर यह जगह कहां है। बहुत से लोग जब “Kutub Minar history in Hindi” पढ़ते हैं तो उनके मन में यह जिज्ञासा भी रहती है कि कुतुब मीनार कहां स्थित है। इसका उत्तर बेहद सरल है। कुतुब मीनार भारत की राजधानी दिल्ली में, महरौली क्षेत्र के भीतर स्थित है। यह इलाका न केवल दिल्ली का प्राचीनतम हिस्सा माना जाता है, बल्कि यहाँ कई और ऐतिहासिक धरोहरें भी देखने को मिलती हैं।

महरौली का क्षेत्र दिल्ली का दक्षिणी भाग है, जहाँ कुतुब मीनार का परिसर फैला हुआ है। यह परिसर लगभग 5 हेक्टेयर में फैला है और इसके चारों ओर अन्य महत्वपूर्ण स्मारक जैसे कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, अलाई दरवाजा, लौह स्तंभ (Iron Pillar) और अलाई मीनार भी स्थित हैं। यही वजह है कि जब कोई पर्यटक कुतुब मीनार देखने आता है तो उसे केवल मीनार ही नहीं, बल्कि पूरा ऐतिहासिक परिसर घूमने का मौका मिलता है।

पर्यटन की दृष्टि से कुतुब मीनार का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल्ली शहर के मुख्य आकर्षणों में गिनी जाती है। यदि आप दिल्ली घूमने की योजना बना रहे हैं, तो यहां तक पहुँचना भी बहुत आसान है। नज़दीकी मेट्रो स्टेशन “कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन” है, जो येलो लाइन पर स्थित है। इसके अलावा दिल्ली हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से भी महरौली का यह इलाका आसानी से पहुँचा जा सकता है।

दिल्ली के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे हुमायूँ का मकबरा, लाल किला, इंडिया गेट और जामा मस्जिद से भी यह स्थान अधिक दूर नहीं है। इसीलिए देशी और विदेशी पर्यटक जब भी दिल्ली आते हैं, तो उनकी सूची में सबसे ऊपर कुतुब मीनार का नाम होता है।

संक्षेप में कहा जाए तो कुतुब मीनार केवल दिल्ली की पहचान नहीं है, बल्कि यह भारत के गौरव का प्रतीक भी है। महरौली के शांत वातावरण में स्थित यह मीनार हर किसी को अतीत की उस दुनिया में ले जाती है जहाँ से दिल्ली सल्तनत की नींव पड़ी थी। इसीलिए जब भी आप “Kutub Minar history in Hindi” पढ़ते हैं या सर्च करते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि यह धरोहर दिल्ली के महरौली इलाके में मौजूद है।



कुतुब मीनार का पुराना नाम क्या था?



Kutub Minar का निर्माण 1199 ई. में कुतुबुद्दीन ऐबक ने प्रारंभ किया था, पर 1210ई. मैं उसकी मृत्यु हो गई और काम अधूरा रह गया। इसके बाद इल्तुतमिश ने इस काम को आगे बढ़ाया। और 1230–31 में इल्लतुतमिश ने पूरा करवाया । कुतुब मीनार का पूराना नाम सूफी संत कुत्बुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर पड़ा । कुतुब मीनार का निर्माण मुअज्जिन की अज़ान देने के लिए किया गया था लेकिन बाद में इसे विजय स्मारक (कन्नौज विजय) के रूप में जाना गया।



कुतुब मीनार की ऊंचाई कितनी है?



कुतुब मीनार की ऊंचाई लगभग (Around 73 मीटर (240 फीट) है, जो इसे विश्व की सबसे ऊंची ईंट से बनी मीनारों में से एक बनाती है।

विस्तृत विवरण:
- कुल ऊंचाई:
कुतुब मीनार की कुल ऊंचाई 72.5 मीटर (238 फीट) है। यह मीनार पाँच मंजिलों में विभाजित है, और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई अलग-अलग है।

- प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई:


1. पहली मंजिल की ऊंचाई: यह मंजिल Around 29 मीटर (95 फीट) ऊंची है।
2. दूसरी मंजिल की ऊंचाई: इस मंजिल की ऊंचाई लगभग 14 मीटर (46 फीट) Anound है।
3. तीसरी मंजिल की ऊंचाई: इसकी ऊंचाई (Around 12 मीटर 39 फीट) है।
4. चौथी मंजिल की ऊंचाई: यह मंजिल लगभग 9 मीटर (Around 30 फीट) ऊंची है।
5. पाँचवीं मंजिल की ऊंचाई: सबसे ऊपर की मंजिल है और इस मीनार की अंतिम मंजिल भी है। यह लगभग 8 मीटर (26 फीट) Around ऊंची है।

कुतुब मीनार निर्माण में इस्तेमाल सामग्री:
कुतुब मीनार को मुख्य रूप से लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जबकि चौथी और पाँचवीं मंजिल में संगमरमर और बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। यह मिश्रण इसे एक अद्वितीय और भव्य रूप प्रदान करता है।

कुतुब मीनार की ऊंचाई उस समय के निर्माण कौशल और वास्तुकला की उत्कृष्टता को दर्शाती है। यह मीनार दिल्ली सल्तनत की विजय का भी प्रतीक है। और इसकी ऊंचाई की वजह इसे दूर से भी देखा जा सकता है।

कुतुब मीनार में कितनी सीढ़ियां हैं

कुतुब मीनार में कितनी सीढ़ियां हैं?



कुतुब मीनारकी ऊंचाई 73 मीटर के आसपास है। इसका निर्माण भी मध्यकालीन भारत में हुआ यानी आज से लगभग 800 साल पहले। उसे समय लिफ्ट की उत्पत्ति नहीं हुई थी सीडीओ से ही आया जाया करते थे। 73 मीटर ऊंची लंबी इमारत में कितनी सीढ़ियां आएगी एक बार आप खुद सोचिए। कुतुब मीनार के अंदर 379 सीढ़ियाँ हैं, जो शीर्ष तक पहुंचने के लिए बनाई गई हैं।

- इसकी ऊंचाई के कारण, मीनार का उपयोग कई बार विजेताओं और शासकों द्वारा एक प्रतिष्ठित प्रतीक के रूप में किया गया था, और यह मुस्लिम शासन की शक्ति और धार्मिक प्रगति का प्रतीक भी है।

कुल मिलाकर, कुतुब मीनार की ऊंचाई न केवल इसे वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर में भी एक विशेष स्थान रखती है।


कुतुब मीनार के बारे में 10 लाइन



1. कुतुब मीनार भारत के Dehli City के महरौली क्षेत्र में स्थित है।
2. इसकी ऊंचाई लगभग 73 मीटर (240 फीट) है, जो इसे विश्व की सबसे ऊंची ईंट से बनी मीनारों में से एक बनाती है।
3. कुतुब मीनार का निर्माण 1193 में (Kutubuddin-aibak) कुतुब-उद-दीन ऐबक ने शुरू किया था और इसे इल्तुतमिश ने पूरा किया।
4. कुतुब मीनार लाल बलुआ पत्थर से बनी है, जबकि चौथी और पाँचवीं मंजिल संगमरमर से बनी हैं।
5. मीनार में पाँच मंजिलें हैं, जिनमें सुंदर नक्काशी और कुरान की आयतें लिखी गई हैं।
6. कुतुब मीनार को एक विजय स्तंभ के रूप में बनाया गया था, जो दिल्ली सल्तनत की जीत का प्रतीक है।
7. कुतुब मीनार परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद और अलाई दरवाजा जैसे अन्य महत्वपूर्ण स्मारक भी हैं।
8. कुतुब मीनार यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
9. कुतुब मीनार के अंदर 379 सीढ़ियाँ हैं, जो शीर्ष तक पहुंचने के लिए बनाई गई हैं।
10. कुतुब मीनार Indian History और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और हर साल हजारों पर्यटक इसे देखने आते हैं।


कुतुब मीनार निष्कर्ष


कुतुब मीनार भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है वैसे तो हमने इसके बारे में ऊपर आपको डिटेल से बात ही दिया है फिर भी अगर आपका कोई सवाल या क्वेश्चन बाकी है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर पूछ सकते हैं।


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