Friday, December 4, 2020

what is love  प्यार क्या है what is love  Pyar Kiya hai - प्यार क्या होता है... pyar kiya hota hai प्यार की परिभाषा.. pyar ki pribhansha, love kiya ha

 


Love प्यार की परिभाषा 


इस आर्टिकल में मैं आपको एक सच्ची कहानी बताऊंगा जो लगभग हर किसी के साथ गुजरती है और इसी तरह में मेरे साथ भी गुजरी ‌। 
मैं अपने विचार यहां पर शेयर कर रहा हूं 

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what is love - प्यार क्या है 

what is love
pyar kiya hai


हमारी जिंदगी में love की बहुत महत्वता है। लेकिन  what is love  प्यार क्या है ? इसका अर्थ क्या है? इस बारे में हम लोगों की अपनी-अपनी विचारधारा है। जिस व्यक्ति के जैसे विचार होते हैं उसे love का वैसा ही अर्थ मिलता है। माता-पिता, दोस्त, भाई-बहन, अध्यापक आदि सबसे हमें प्यार मिलता है। ये हमारी सोच ही है कि हम इसे किस नजरिये से देखते हैं। इसी तरह मैंने भी अपनी विचारधारा से प्रेरित होकर प्यार love पर एक कविता लिखी है- प्यार की परिभाषा ।


प्यार क्या होता है - pyar kiya hota hai


अंधेरों में भटके जो कोई या रह न जाये कोई आशा, हाथ बढ़ा कर साथ दे कोई यही है प्यार की परिभाषा ।
जब टूट जाये हिम्मत सारी चिंता का बोझ लगे भारी, तनहाई हर पल साथ रहे और मन में रहे जिम्मेदारी, तब वक़्त भागता जाता है और डर भविष्य का खाता है, बन कर फरिश्ता ऐसे वक़्त में शख्स जो कोई आता है, देता है उम्मीद नई फिर ताकत और दिलासा, हाथ बढ़ा कर साथ दे कोई यही है प्यार की परिभाषा ।


साया जो हर पल साथ रहे जिसके रहने से विश्वास रहे, दुनिया क्या बिगाड़े की उनका खुशियों को उनकी तलाश रहे, अनुभव उनका कुछ ऐसा है जो कभी न गिरने देता है, बुरी नजर का साया भी राह अपना बदल लेता है, माँ-बाप के आशीर्वाद से ही होती है दूर निराशा, हाथ बढ़ा कर साथ दे कोई यही है प्यार की परिभाषा ।



सच्चा वही जो संग तेरे है जब दौर मुसीबत का साथ रहे, कितनी भी आंधी हो कहर की तेरे हाथ में उसका हाथ रहे, हर ओर से जब धिक्कार पड़े तेरे लिए सबसे वो हर बार लड़े, तेरे कंधों को मजबूत वो करके तुझे जल्द से जल्द वो खड़ा करे, तेरे हर पल आगे बढ़ने की जब हो किसी को अभिलाषा, हाथ बढ़ा कर साथ दे कोई यही है प्यार की परिभाषा ।



कविता पढ़ने के बाद प्यार के बारे में अपने विचार जरूर दें। और ये कविता शेयर करे। धन्यवाद।
प्यार भरी रचनाएँ-



   Kawita 2  Kahani 2


खुद पर विस्वास करने वाला हमेशा सफल होता है...

बुलाकी एक बहुत मेहनती किसान था। कड़कती धूप में उसने और उसके परिवार के अन्य सदस्यों ने रात दिन खेतों में काम किया और परिणाम स्वरूप बहुत अच्छी फ़सल हुई। अपने हरे भरे खेतों को देख कर उसकी छाती खुशी से फूल रही थी क्योंकि फसल काटने का समय आ गया था। इसी बीच उसके खेत में एकचिड़िया ने एक घौंसला बना लिया था। उसके नन्हें मुन्ने चूज़े अभी बहुत छोटे थे।




एक दिन बुलाकी अपने बेटे मुरारी के साथ खेत पर आया और बोला, “बेटा ऐसा करो कि अपने सभी रिश्तेदारों को निमन्त्रण दो कि वो अगले शनिवार को आकर फ़सल काटने में हमारी सहायता करें।” ये सुनकर चिड़िया के बच्चे बहुत घबराए और माँ से कहने लगे कि हमारा क्या होगा। अभी तो हमारे पर भी पूरी तरह से उड़ने लायक नहीं हुए हैं। चिड़िया ने कहा, तुम चिन्ता मत करो. अगले शनिवार को जब बाप बेटे खेत पर पहुचे तो वहाँ कोई भी रिश्तेदार नहीं पहुँचा था। दोनों को बहुत निराशा हुई बुलाकी ने मुरारी से कहा कि लगता है हमारे रिश्तेदार हमारे से ईर्ष्या करते हैं, इसीलिए नहीं आए।




सभी दोस्तों को निमंत्रण


अब तुम सब मित्रों को ऐसा ही निमन्त्रण अगले हफ़्ते के लिए दे दो। चिड़िया और उसके बच्चों की वही कहानी फिर दोहराई गई और चिड़ियाने वही जवाब दिया। अगले हफ़्ते भी जब दोनों बाप बेटे खेत पर पहुचे तो कोई भी मित्र सहायता करने नहीं आया तो बुलाकी ने मुरारी से कहा कि बेटा देखा तुम ने, जो इन्सान दूसरों का सहारा लेकर जीना चहता है उसका यही हाल होता है और उसे सदा निराशा ही मिलती है।



खुद काटने का लिया फैसला


अब तुम बाज़ार जाओ और फसल काटने का सारा सामान ले आओ,कल से इस खेत को हम दोनों मिल कर काटेंगे। चिड़िया ने जब यह सुना तो बच्चों से कहने लगी कि चलो, अब जाने का समय आ गया है. जब इन्सान अपने बाहूबल पर अपना काम स्वयं करने की प्रतिज्ञा कर लेता है तो फिर उसे न किसी के सहारे की ज़रूरत पड़ती है और नही उसे कोई नहीं रोक सकता है। इसी को कहते हैं बच्चो कि, “अपना हाथ जगन्नाथ।” इससे पहले कि बाप बेटे फसल काटने आएँ, चिड़िया अपने बच्चों को लेकर एक सुरक्षित स्थान पर ले गई।



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