साल 2014 भारत के इतिहास के लिए एक महत्तवपूर्ण साल था। इस साल बना Prime Minister Narendra Modi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियाँ भारतीय राजनीति के इतिहास में एक **सुनहरा अध्याय** मानी जाती हैं, जिसमें विकास, समृद्धि और बदलाव की एक अनूठी गाथा लिखी गई है।
आज बात करेंगे Prime Minister Narendra Modi की इन नीतियों के बारे में। किया ये नीतियाँ केवल कागज पर ही सफल है या जमीनी सतर पर भी हैं. या फिर सिर्फ बल्कि जनता के दिलों में उतरने वाले *सपनों की ताबीर* हैं।
मेक इन इंडिया: आत्मनिर्भरता की ओर कदम
मेक इन इंडिया अभियान की सुरुवात 25 सितंबर 2014 को हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उद्योग और निर्माण क्षेत्र को एक नई दिशा देने के लिए इस महत्वाकांक्षी कदम की शुरुआत की। यह पहल केवल एक सरकारी योजना नहीं थी, बल्कि एक सपना था, जो हर भारतीय की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की आकांक्षा को साकार करने का एक मत्तापूर्ण पहलु था।
विदेशी निवेश को आकर्षित करना।
इस विदेशी निति निवेश तहत Prime Minister Narendra Modi ने कई ठोस कदम उठाये थे जिनमे शामिल है ये,
1, उद्योगों को बढ़ावा देना।
2, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।
3, प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करना।
इस पहल ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विकास के पंख दिए और उसे नवोन्मेष की ऊँचाइयों तक पहुँचाने का प्रयास किया।
उद्योगों को बढ़ावा देने: के लिए Prime Minister Narendra Modi ने इसके कई नियम में कुछ ढील दी गयी. क्योंकि लघु उद्योग हमारे लिए काफी आवश्यक है क्योंकि इसके जरिये देश कि परम्परागत प्रतिभा और कला की भी रक्षा हो जाती है. इसके साथ ही निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना और निर्यात के क्षेत्र में भी इसकी अहम् भूमिका होती है. भारत से निर्यात होने वाले लगभग आधे से ज्यादा माल इन्ही उद्योगों द्वारा निर्मित या उत्पादित किए जाते हैं।
रोजगार सृजन को बढ़ावा देना
उद्योगों को बढ़ावा देने के बाद Prime Minister Narendra Modi की यह एक अगली नीति थी. भारत को आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल 1.4.2016 से प्रधान मंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) शुरू की गई थी इसका उपदेश था. लोगों के लिए नए अवसरों को खोजा जाए ताकि भारत के अंदर रह रहे पढ़े-लिखे युवा जिनको नौकरी न मिल रही हो अपना स्वयं का स्वरोजगार कर सकें। जिससे वह अपने रोजी-रोटी के अलावा अपने घर के खर्च को सही से चला सके.
रोजगार सृजन किया है।
यह तो जान लिया गया के रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया गया लेकिन यह तो अपने जाना ही नहीं की रोजगार सृजन है. यह सवाल आपको भी परेशान कर रहा होगा। चलिए अभी हम पहले इसी उलझन को दूर कर देते हैं रोजगार सृजन यह होता है।
इसमें हमें Prime Minister Narendra Modi की सरकार के द्वारा या किसी ऐसी संस्था के द्वारा छोटे-छोटे रोजगारों के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। और यह ट्रेनिंग फ्री होती है इसका पूरा खर्चा सरकार उठाती है. जिससे गांव या शहरों के अंदर लोगों को स्किल मिल सके. जिससे हम खुद को आत्मनिर्भर बना सकते हैं। पर इसके कुछ नियम भी हैं।
प्रौप्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करना
प्रौप्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करना। का भी Prime Minister Narendra Modi गवर्नमेंट ने अहम काम इसमें किया था प्रौप्रौद्योगिकी और नवाचार दोनों अलग-अलग चीज हैं जिनको यहां समझना थोड़ा मुश्किल है। इनके ऊपर अलग से पूरी विस्तृत से जानकारी प्रस्तुत करेंगे। जो किसी अगले आर्टिकल में होगी। इसका कारण यह है कि ये लंबा होगा जिसको यहां आप समझ नहीं पाएंगे पर थोड़ी जानकारी इसकी यहां हम जरूर देंगे। ताकि इन दोनों शब्दों को आप संछेप में समझ सकें।
प्रौद्योगिकी शब्द का अर्थ
प्रौद्योगिकी शब्द का अर्थ ; ऐसे प्रयासों से उत्पन्न होने वाले उत्पाद भी हो सकते हैं, जैसे बर्तन या मशीन जैसे मूर्त उपकरण और सॉफ्टवेयर जैसे अमूर्त उपकरण दोनों शामिल हैं। इसके अलावा साइंस, इंजीनियरिंग और रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
नवाचार शब्द का अर्थ
नवचार शब्द का अर्थ होता है [नव + आचार ] का अर्थ किसी उत्पाद या फिर सिंपल भाषा में समझे तो इसमें कुछ नया और उपयोगी तरीका अपनाया जाता है, जैसे- नयी विधि, नयी तकनीक, नयी कार्य-पद्धति, नयी सेवा, नया उत्पाद आदि। नवचार भले ही आपको यह लगे कि इससे किया प्रगति होगी।
लेकिन आपकी जानकारी के लिए वर्ल्ड वाइड हिस्ट्री बता दे नवाचार शब्द के बिना किसी भी देश की प्रगति में अहम रोल होता है. और साथ ही हम जैसे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में तो उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। नवाचार शब्द ऊपर भी हम जल्द ही एक अलग से आर्टिकल लेकर आएंगे क्योंकि आज हमारा में मोटिव है Policies of Prime Minister Narendra Modi.
स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता की अलख
स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता की अलख 2 अक्टूबर 2014 को, महात्मा गांधी की 145वीं जयंती के अवसर पर, Prime Minister Narendra Modi ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य न केवल भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना था, बल्कि लोगों के जीवन में स्वच्छता को एक आदत के रूप में शामिल करना भी था। यह एक ऐसा आंदोलन था जिसने हर भारतीय के दिल में सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की अलख जलाई।
:
- खुले में शौच मुक्त (ODF) भारत बनाना।
- स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- स्वच्छता अवसंरचना का विकास करना।
स्वच्छता के प्रति व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना।
इस अभियान ने हर नागरिक को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदार और सजग बनने के लिए प्रेरित किया। साथ ही Prime Minister Narendra Modi की सरकार ने भी पूरा पूरा सहयोग दिया। जैसे;
खुले में शौच मुक्त भारत
इस अभियान का एक प्रमुख लक्ष्य खुले में शौच को समाप्त करना था। इसके तहत: लाखों शौचालयों का निर्माण किया गया। गांवों में और शहरों में स्वच्छता अवसंरचना का विकास किया गया। स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए शैक्षिक कार्यक्रम चलाए गए।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता
स्वच्छ भारत अभियान ने सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रचार कार्यक्रम और अभियान चलाए। इसमें शामिल थे:
- स्कूलों और कॉलेजों में स्वच्छता अभियान।
- सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता रैलियाँ।
- सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से स्वच्छता संदेश।
- व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी
इस अभियान ने हर भारतीय को यह महसूस कराया कि स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का भी कर्तव्य है। इसके तहत:
- स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक समूहों ने स्वच्छता अभियान में भाग लिया।
- महिलाओं और बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।
- समुदाय आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से सामूहिक स्वच्छता को प्रोत्साहित किया गया।
सफलता की कहानियाँ
स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत कई सफलताएँ हासिल की गईं। उदाहरण के लिए: कई गाँवों और शहरों ने खुद को खुले में शौच मुक्त घोषित किया। स्कूलों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी। सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता में सुधार हुआ।
इस अभियान से मोदी गवर्नमेंट ने बहुत वाह-वाही लूटी थी. पर इसके कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिले जिनके बारे में हम जल्दी अगले किसी आर्टिकल में लिखेंगे।
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