Friday, November 1, 2024

 Planing, जैसा कि हम सभी जानते हैं, भविष्य के बारे में सोचने और लक्ष्य निर्धारित करने की प्रक्रिया है। योजना Planing छोटी या लंबी अवधि के लिए की जा सकती है और इसे किसी के दिमाग में, कागज पर, पत्रिका में, छोटी नोटबुक में या योजनाकार में किया जा सकता है। Planing समूहों में, एक व्यक्ति द्वारा या एकांत में किया जा सकता है। भविष्य के लिए Planing बनाना एक महत्वपूर्ण कौशल है जो जीवन के कई पहलुओं में मदद कर सकता है, खासकर जब यह शुरू करने की बात आती है


types of planning



Planning kya hai (what is planning)  types of planning


 जब हम किसी चीज या बिजनेस या काम को हम करने वाले हैं। अभी उसको हमने स्टार्ट किया नहीं है सिर्फ अभी उसके बारे में सोच रहे हैं विचार कर रहे हैं।   या फिर हम कोई काम (work) कर रहे हैं. हम उसके बारे में सोचते हैं या विचार करते हैं कि हमें वह काम कैसे करना है। 

उदाहरण:-  में समझ लीजिए कि हमने कोई काम किया था। तो वह काम क्यों किया था। उसमें मेरा इतना प्रॉफिट हुआ या इतना नुकसान हुआ यह सब चीजें इसमें आती है। यानी हम जो विचार करते हैं उसी को हम प्लानिंग कहते हैं। यह क्यों जरूरी है और कैसे करना है वह मैं अभी आपको बताऊंगा लेकिन जरूरी है


और करना है यह बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है। अगर आप अभी तक नहीं समझे हैं तो मैं आपको कुछ उदाहरण के तौर पर बताता हूं। देखिए यह लाइफ के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। किसी भी बिजनेस या काम में आप सक्सेस होना चाहते हैं। उसके लिए जरूरी है प्लानिंग। इसके बिना आप सक्सेज हो ही नहीं सकते हैं। बशर्ते अगर कुदरत आपको छप्पर फाड़ के ही देना चाहती है तो वह बात अलग है मैं यहां उसकी बात नहीं कर रहा हूं। 



उदाहरण:- प्लानिंग क्या है (IMC kya hai)


देखिए इसके उदाहरण में मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं आईएमसी में काम करता हूं। काम करने से पहले तो मैं उसमें काम नहीं करता था ना। एक दिन एक दोस्त ने मुझे उस में ज्वाइन करा दिया क्योंकि जॉइनिंग फ्री होती है, और मैं ज्वाइन हो गया।

मैं ज्वाइन हो गया कोई बात नहीं अभी तक आप समझेंगे नहीं लेकिन यहां से आगे जो मैं आपको बताऊंगा वह काफी इंपोर्टेंट है. और आप ध्यान से पढ़ आएंगे या सुनेंगे तो आप जान जाएँगे प्लानिंग किया  है। 

यह चीज आप अच्छी तरह से समझ जाएंगे। फिर मैंने सोचा (imc kya hai) के बारे में। जब मैं इस काम को कर ही रहा हूं, तो मुझे इसकी नॉलेज होनी चाहिए। आई बात समझ में, क्योंकि मुझे अब इसमें आगे बढ़ना है। मुझे आईएमसी में सक्सेस होना है आईएमसी में में सक्सेस कैसे हो आईएमसी प्लान क्या है। मुझे इसमें अपना कैरियर बनाना है। 

इन सब चीजों के बारे में अपने विचार करता हूं. यानी प्लानिंग करता हूं। इसी को ही हम प्लानिंग क्या है, के नाम से जानते हैं। अब आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे यह मैं समझता हूं। अब हम आगे बढ़ते हैं अगले टॉपिक पर how to Planing यानी प्लानिंग कैसे करें

IMC kya hai फुल जानकारी जाने यहां से



How to Planing प्लानिंग कैसे करें।


प्लानिंग कैसे करें अब मैं आपको बताने वाला हूं। क्योंकि अभी तक आप यह तो समझ गए कि प्लानिंग क्या है। क्योंकि जब तक हम किसी चीज के बारे में यह नहीं समझेंगे कि वह है। तो उसके बारे में हम यह भी नहीं जान पाएंगे कि कैसे करें। 

प्लानिंग कैसे करते हैं, इसमें कई चीजें होती हैं। जैसे हम कोई काम कर रहे हैं तो उसके बारे में जानना पहले है कि वह क्या है। फिर उसके बारे में हमें नॉलेज भी हासिल करनी होती है, कि उसे हमें कैसे फायदा उठाना है। और इसी को ही हम कहते हैं प्लानिंग कैसे करें। समझे नहीं


Planing




उदाहरण:-  प्लानिंग कैसे करें आईएमसी (IMC) 


यहां भी मैं आपको आईएमसी का ही उदाहरण दूंगा। अब मैं आईएमसी में सक्सेस होने के लिए ने प्लानिंग करता हूं, कि मुझे आईएमसी में सक्सेस होना है। किस तरह से होना है। और मुझे क्या-क्या करना चाहिए। इस पर मैं अकेला खुद से भी सोच विचार करता हूं। या मैं अपने किसी दोस्त या अपने लीडर से इसके बारे में पूछता हूं, या जानकारी लेता हूं। या फिर मैं कहीं सोशल मीडिया यूट्यूब गूगल ब्लॉग आर्टिकल कहीं से भी मैं इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करता हूं। क्योंकि इन सब चीजों को इकट्ठा करके मैं एक प्लान बनाने की कोशिश करूंगा। ताकि भविष्य में मैं कामयाब हो जाऊं यानी सक्सेस। एक बात खास तौर पर याद रखेगा। आप जिस भी फील्ड में काम कर रहे हैं। उसके बारे में आपको जितनी हो सकती है जानकारी इकट्ठी करनी चाहिए।


अब मैं एक पेन काफी लेता हूं और उस पर लिखना शुरू करता हूं। के कल मुझे दो लोगों से मिलना है। कल सुबह में 9:00 बजे मुझे मोहम्मद शरीफ से मिलना है और दोपहर 2:00 बजे मुझे डॉक्टर अशरफ से मिलना है। यह आप समझ गए कि प्लानिंग कैसे बनाते हैं। अब यह क्यों जरूरी है। और क्यों  जरूरी है।  तीसरा टॉपिक तो यही था ना। Why planning नेटवर्क मार्केटिंग क्या है

Penis size increase | land ka size Kaise badhaye ~ sarso ke tel se


प्लानिंग क्यों जरूरी है (why planning)


यह मेन टॉपिक है। और मेरे बताने का भी सबसे बड़ा कारण यही है।  यही तो मैं आप को समझाना चाहता हूं। इसीलिए तो आप यहां तक आए हैं। 2 सिलेबस (topic planning) जान चुके हैं लास्ट का जानना  है। वह मैं अब आपको बता ही रहा हूं। देखिए किसी भी फील्ड में सक्सेस होने के लिए उसकी प्लानिंग करना जरूरी ही है। प्लानिंग हर फील्ड की अलग-अलग तरीके से होती है। जैसे हर फील्ड में


3 P होती हैं3 P Kya hai 


1,  P - Profile

2,  P - Product

3,. P - Plan


Not: Plan और Planning फर्क होता है। 


प्लान आप तभी कर पाएंगे तब आप यह 3p समझ जाएंगे। आपकी कोई भी फील्ड हो।  अगर आप यहां तक आए हैं, तो मेरा फर्ज बनता है, आपको पूरी डिटेल के साथ समझाने का।  जहां पर आप काम कर रहे हैं।  या बिजनेस कर रहे हैं। उसके बारे में आपको P - Profile प्रोफाइल की पूरी जानकारी होनी चाहिए।  उदाहरण के लिए मैं आपको आईएमसी की ही बताता हूं।


IMC Profile kya hai


IMC इंटरनेशनल मार्केटिंग कॉरपोरेशन  कंपनी है। यह नेटवर्क मार्केटिंग की डायरेक्ट सेलिंग कंपनी है। इसको आप MLM Company कंपनी भी कह सकते हैं। इस कंपनी ने डायरेक्ट सेलिंग से ही स्टार्टिंग की थी। साल 2007 में यह कंपनी लांच हुई थी। इस के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डायरेक्ट अशोक भाटिया जी और सत्यम भाटिया हैं। यह दोनों बाप बेटे हैं या पिता पुत्र भी कह सकते हैं। इस तरह की प्रोफाइल जानकारी जरूरी है। 

आईएमसी की फुल फाइल जाना यहां से


Not: अपनी प्रोफाइल के हिसाब से आप यह भी जान लेकर क्या वह रजिस्टर्ड है या नहीं है। अगर है तो उसके पास कौन कौन से सर्टिफिकेट हैं। अगर यह आप नहीं जान पाएंगे तो आपको आने वाले समय में दिक्कत परेशानी हो सकती है।





P - Product kya hai


जैसे आपने प्रोफाइल के बारे में जानकारी इकट्ठी की।  जाना के प्रोफाइल से क्या मतलब होता है। इसी तरह अब प्रोडक्ट की जानकारी भी आपको जरूरी ही है। उदाहरण के तौर पर मैं आपको दो प्रोडक्ट (Products)  के बारे में बताऊंगा. 

मान लो आप की कपड़े (clothes) की दुकान (store)  है। आप उस पर किसी भी कंपनी का ब्रांडेड जींस सेल करते हैं। उस जींस की कीमत है। ₹999 आपको उसकी नॉलेज नहीं है। ना ही आप उसके बारे में जानते हैं। आपने उसको बैच दिया ₹199 में। आपका नुकसान हुआ गया ना। इसी तरह वह जींस ₹199 का था। आपने उस जींस की इतनी तारीफ है कि कस्टमर के सामने बहुत ज्यादा।  आपने उसको बैच दिया ₹999 में। आपको प्रॉफिट तो हुआ लेकिन कल कस्टमर फिर वापस आया उसी जींस को लेकर। क्योंकि वह खराब हो चुका था। क्योंकि वह लोकल था। क्योंकि आपको उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। अगर होती तो आप उसकी तारीफ नहीं करते। आप कस्टमर को सही जानकारी देते। जिससे आपका कस्टमर आज फिर वापिस आपकी दुकान पर उस फटी जींस को वापस नहीं लाता। अगर अभी भी आप नहीं समझे हैं तो मैं आपको एक हेल्थ Product के ऊपर और उदाहरण दे रहा हूं। 



Himalayan Berry Juice


हिमालयन बेरी जूस आयुर्वेदिक प्रोडक्ट। यह आईएमसी कंपनी का  है। यह शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने पर काम करता है। हमारे शरीर में बीमारी से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है सिंपल भाषा में समझले। अगर आपको इसके बारे में सही नॉलेज है। यानी सही जानकारी है। तो आप इसको इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने में ही इस्तेमाल करेंगे। 

अगर आपको नॉलेज नहीं है। और आपने इसे इस्तेमाल किया खांसी जुखाम में। क्या आपने सही किया नहीं ना।



इस प्रोडक्ट के और बारे में जानने के लिए देखें


अब मैं उम्मीद करता हूं कि आप प्रोडक्ट की जानकारी क्यों होनी जरूरी है यह आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे। अगर आप अभी भी नहीं समझे हैं तो आप मुझे मेरे यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं और सुन सकते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि आप वहां जरूर समझ जाएंगे।



P - Plan प्लान क्या है (Plan Kya hai) what is plan


प्लान होता है बेसिक सी जानकारी। प्लान और प्लानिंग में ज्यादा फर्क नहीं है। प्लानिंग हम खुद से करते हैं। और प्लान हमें कंपनी देती। कंपनी हमें प्लानिंग करके ही प्लान देती है। आई बात समझ में। प्लान हर फील्ड के अलग-अलग होते हैं। मुझे नहीं पता आप किस फील्ड के लिए यहां पर आए थे। लेकिन मैं उम्मीद करता हूं, कि आप जिस भी लिए यहां आए थे। वह आप समझ कर यहां से जाएंगे। जर्नली कई बार आपने सुना होगा या आपने कहा भी होगा। कई बार क्या होता है हम कहीं घूमने जा रहे होते हैं। या कोई काम करने जा रहे होते हैं।  या कर रहे होते हैं। तो कोई भी हमसे आकर पूछ लेता है। प्लान क्या है (plan kya hai). 

इसके बारे में आप या तो कहते हैं, यह सुनने को मिलता है। 

हां प्लान है।

कोई प्लान नहीं है।


यह दो उत्तर आपको सुनने को मिलेंगे। प्लान के बारे में मैं आपको ज्यादा नहीं बताऊंगा। ऊपर भी कह चुका हूं कि प्लान हर फील्ड के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। जिनको यहां पर कहना या लिखना मुमकिन नहीं है। मेन टॉपिक था प्लान क्यों जरूरी है और इसी पर ही चर्चा चल रही थी। 



प्लानिंग इसलिए है जरूरी


इंटरनेट पर इसके बारे में आपको बहुत सारे आर्टिकल मिलेंगे. बहुत सारी यूट्यूब पर वीडियो भी आपको मिलेंगी। मेरी जानकारी में आपको कुछ अलग मिलेगा तभी तो आप यहां तक आए हैं। प्लान आपको इसलिए जरूरी है ताकि आप अपने काम में सक्सेस पा सके। प्लानिंग करने के दो तरीके हैं। जिनमें से एक तरीका मैंने आपको ऊपर से लेकर यहां तक समझा दिया है। 

मुझे उम्मीद है इस तरीके को आप समझ  जरूर गए होंगे। 



मैं उम्मीद करता हूं कि आप मेरे द्वारा दी गई इस जानकारी से plan kya hai, how to Planing, why planning, समझ जरूर गए होंगे। अगर आपके मन में अभी भी कोई डाउट है, या सवाल है। तो आप कमेंट करके मुझे पूछ सकते हैं। मैं आपको उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगा। और साथ ही साथ मुझे आप कमेंट में यह भी पूछ सकते हैं, कि मुझे दूसरा तरीका आर्टिकल कब लिखना चाहिए।

what is mewat, mewat kya hai



Thursday, October 17, 2024

Prime Minister Narendra Modi


साल 2014 भारत के इतिहास के लिए एक महत्तवपूर्ण साल था।  इस साल बना Prime Minister Narendra Modi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियाँ भारतीय राजनीति के इतिहास में एक **सुनहरा अध्याय** मानी जाती हैं, जिसमें विकास, समृद्धि और बदलाव की एक अनूठी गाथा लिखी गई है।

आज बात  करेंगे Prime Minister Narendra Modi  की  इन नीतियों के बारे में। किया ये नीतियाँ केवल कागज पर ही सफल है या जमीनी सतर पर भी हैं. या फिर सिर्फ बल्कि जनता के दिलों में उतरने वाले *सपनों की ताबीर* हैं।

मेक इन इंडिया: आत्मनिर्भरता की ओर कदम

मेक इन इंडिया अभियान की सुरुवात 25 सितंबर 2014 को हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उद्योग और निर्माण क्षेत्र को एक नई दिशा देने के लिए इस महत्वाकांक्षी कदम की शुरुआत की। यह पहल केवल एक सरकारी योजना नहीं थी, बल्कि एक सपना था, जो हर भारतीय की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की आकांक्षा को साकार करने का एक मत्तापूर्ण पहलु था।

विदेशी निवेश को आकर्षित करना।

इस विदेशी निति निवेश तहत Prime Minister Narendra Modi ने कई ठोस कदम उठाये थे जिनमे शामिल है ये,

1, उद्योगों को बढ़ावा देना।

2, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।

3, प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करना।

इस पहल ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विकास के पंख दिए और उसे नवोन्मेष की ऊँचाइयों तक पहुँचाने का प्रयास किया।

उद्योगों को बढ़ावा देने: के लिए Prime Minister Narendra Modi ने इसके कई नियम में कुछ ढील दी गयी. क्योंकि लघु उद्योग हमारे लिए काफी आवश्यक है क्योंकि इसके जरिये देश कि परम्परागत प्रतिभा और कला की भी रक्षा हो जाती है. इसके साथ ही निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना और निर्यात के क्षेत्र में भी इसकी अहम् भूमिका होती है. भारत से निर्यात होने वाले लगभग आधे से ज्यादा माल इन्ही उद्योगों द्वारा निर्मित या उत्पादित किए जाते हैं।

रोजगार सृजन को बढ़ावा देना

रोजगार सृजन

उद्योगों को बढ़ावा देने के बाद Prime Minister Narendra Modi की यह एक अगली नीति थी. भारत को आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल 1.4.2016 से प्रधान मंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) शुरू की गई थी इसका उपदेश था. लोगों के लिए नए अवसरों को खोजा जाए ताकि भारत के अंदर रह रहे पढ़े-लिखे युवा जिनको नौकरी न मिल रही हो अपना स्वयं का स्वरोजगार कर सकें। जिससे वह अपने रोजी-रोटी के अलावा अपने घर के खर्च को सही से  चला सके.

रोजगार सृजन किया है।

 

यह तो जान लिया गया के रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया गया लेकिन यह तो अपने जाना ही नहीं की रोजगार सृजन है. यह सवाल आपको भी परेशान कर रहा होगा। चलिए अभी हम पहले इसी उलझन को दूर कर देते हैं रोजगार सृजन यह होता है।

इसमें हमें Prime Minister Narendra Modi की सरकार के द्वारा या किसी ऐसी संस्था के द्वारा छोटे-छोटे रोजगारों के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। और यह ट्रेनिंग फ्री होती है इसका पूरा खर्चा सरकार उठाती है. जिससे गांव या शहरों के अंदर लोगों को स्किल मिल सके. जिससे हम खुद को आत्मनिर्भर बना सकते हैं। पर इसके कुछ नियम भी हैं।

प्रौप्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करना

प्रौप्रौद्योगिकी और नवाचार

प्रौप्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करना। का भी Prime Minister Narendra Modi  गवर्नमेंट ने अहम काम इसमें किया था प्रौप्रौद्योगिकी और नवाचार दोनों अलग-अलग चीज हैं जिनको यहां समझना थोड़ा मुश्किल है। इनके ऊपर अलग से पूरी विस्तृत से जानकारी प्रस्तुत करेंगे। जो किसी अगले आर्टिकल में होगी। इसका कारण यह है कि ये लंबा होगा जिसको यहां आप समझ नहीं पाएंगे पर थोड़ी जानकारी इसकी यहां हम जरूर देंगे। ताकि इन दोनों शब्दों को आप संछेप में समझ सकें।

प्रौद्योगिकी शब्द का अर्थ

प्रौद्योगिकी शब्द का अर्थ ; ऐसे प्रयासों से उत्पन्न होने वाले उत्पाद भी हो सकते हैं, जैसे बर्तन या मशीन जैसे मूर्त उपकरण और सॉफ्टवेयर जैसे अमूर्त उपकरण दोनों शामिल हैं। इसके अलावा साइंस, इंजीनियरिंग और रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल  प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

नवाचार शब्द का अर्थ

नवचार शब्द का अर्थ होता है [नव + आचार ] का अर्थ किसी उत्पाद या फिर सिंपल भाषा में समझे तो इसमें कुछ नया और उपयोगी तरीका अपनाया जाता है, जैसे- नयी विधि, नयी तकनीक, नयी कार्य-पद्धति, नयी सेवा, नया उत्पाद आदि। नवचार भले ही आपको यह लगे कि इससे किया  प्रगति होगी।

लेकिन आपकी जानकारी के लिए वर्ल्ड वाइड हिस्ट्री बता दे नवाचार शब्द के बिना  किसी भी देश की प्रगति में अहम रोल होता है. और साथ ही हम जैसे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में तो उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। नवाचार शब्द ऊपर भी हम जल्द ही एक अलग से आर्टिकल लेकर आएंगे क्योंकि आज हमारा में मोटिव है Policies of Prime Minister Narendra Modi.

स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता की अलख

स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता की अलख 2 अक्टूबर 2014 को, महात्मा गांधी की 145वीं जयंती के अवसर पर, Prime Minister Narendra Modi ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य न केवल भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना था, बल्कि लोगों के जीवन में स्वच्छता को एक आदत के रूप में शामिल करना भी था। यह एक ऐसा आंदोलन था जिसने हर भारतीय के दिल में सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की अलख जलाई।

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य था:

 

  • खुले में शौच मुक्त (ODF) भारत बनाना।
  • स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
  • स्वच्छता अवसंरचना का विकास करना।

स्वच्छता के प्रति व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना।

इस अभियान ने हर नागरिक को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदार और सजग बनने के लिए प्रेरित किया। साथ ही Prime Minister Narendra Modi की सरकार ने भी पूरा पूरा सहयोग दिया। जैसे;

खुले में शौच मुक्त भारत

इस अभियान का एक प्रमुख लक्ष्य खुले में शौच को समाप्त करना था। इसके तहत: लाखों शौचालयों का निर्माण किया गया। गांवों  में और शहरों में स्वच्छता अवसंरचना का विकास किया गया। स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए शैक्षिक कार्यक्रम चलाए गए।

स्वच्छता के प्रति जागरूकता

 

स्वच्छ भारत अभियान ने सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रचार कार्यक्रम और अभियान चलाए। इसमें शामिल थे:

  • स्कूलों और कॉलेजों में स्वच्छता अभियान।
  • सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता रैलियाँ।
  • सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से स्वच्छता संदेश।
  • व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी

इस अभियान ने हर भारतीय को यह महसूस कराया कि स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का भी कर्तव्य है। इसके तहत:

  • स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक समूहों ने स्वच्छता अभियान में भाग लिया।
  • महिलाओं और बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।
  • मुदाय आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से सामूहिक स्वच्छता को प्रोत्साहित किया गया।

सफलता की कहानियाँ

 

सफलता की कहानियाँ

स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत कई सफलताएँ हासिल की गईं। उदाहरण के लिए: कई गाँवों और शहरों ने खुद को खुले में शौच मुक्त घोषित किया। स्कूलों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी। सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता में सुधार हुआ।

इस अभियान से मोदी गवर्नमेंट ने बहुत वाह-वाही लूटी थी. पर इसके कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिले जिनके बारे में हम जल्दी अगले किसी आर्टिकल में लिखेंगे


Wednesday, September 25, 2024

BJP Government 2014 Great History Of World


साल 2014 भारत के इतिहास में एक खास ऐतिहासिक साल था। इस साल भारत में बड़ी लीड के साथ पहली बार BJP government 2014 ने अपनी सरकार बनाई थी। 2014 से 2019 तक का समय भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस समय में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्र सरकार में एक प्रमुख भूमिका निभाई। आइए, आज हम इस समय का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, और समझेंगे कि इस कालखंड में क्या-क्या महत्वपूर्ण घटनाएँ और नीतियाँ लागू हुईं।

2014 का आम चुनाव: मोदी लहर की शुरुआत 2014 General Election: Beginning of Modi Wave

2014 का साल भारतीय राजनीति के आकाश पर एक **सुनहरा सूरज** लेकर चमक में आया, जिसकी चमक ने देशभर को आलोकित कर दिया। यह वह समय था जब **नरेंद्र मोदी** के रूप में एक नया नायक BJP government 2014 के साथ-साथ भारतीय जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं का प्रतीक बनकर उभरा। इस आम चुनाव में **मोदी लहर** एक ऐसी बयार बनकर आई, जिसने हर ओर एक नई ऊर्जा और विश्वास का संचार किया।

BJP government 2014 के आम चुनाव से पहले भारत का इतिहास 2010 के बाद एक ऐसी आंधी चली जिसके सामने बड़ी-बड़ी चट्टानें भी छोटी पड़ गई. और इस आंधी का नाम तो था ही '''नरेंद्र मोदी'''। [नरेंद्र मोदी] नाम के इस तूफान ने कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को बिलकुल [किसी गली लकड़ी के माफिक] मिट्टी में मिला दिया। UPA government का इतना बुरा हाल था, के लगातार तीसरी बार हार का मुँह देखना पड़ा.

BJP government 2014 आशाओं का सागर**

BJP Government 2014 Great History


देश की जनता, जो लंबे समय से किसी **परिवर्तन** की प्रतीक्षा कर रही थी, पर समस्या यह थी की नेता किसको चुने। फिर उदय हुआ Narendra Modi का। नरेंद्र मोदी में जनता को वह मसीहा दिखा, जो उनके सपनों को साकार कर सकता था। Narendra Modi ने BJP government 2014 के अलावा हर व्यक्ति के दिल में एक **नया जोश** भर दिया था, एक नई उम्मीद थी।

नरेंद्र मोदी ने अपने **शब्दों की शक्ति** से, और अपने **विकास के वादों** से लोगों के दिलों में घर बना लिया। वह बार गुजरात मॉडल का जिक्र किया करते थे, तो शायद जनता को लगा के यही हमारा वह [मसीहा] है जिसकी हमें काफी लंबे समय से तलाश थी. ऊपर से जनता कांग्रेस के घोटाले से भी परेशान हो ही चुकी थी जिनको हमने पिछली पोस्ट में लिखा था। एक बार जाकर आप उनको भी पढ़ सकते हैं.

BJP government 2014 प्रचार की कला

2014 का चुनाव प्रचार भी एक **महाकाव्य** की तरह था। BJP government 2014 हर सभा, हर रैली में **मोदी का करिश्मा** लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता था। सोशल मीडिया से लेकर गाँव की गलियों तक, हर जगह मोदी की गूंज थी। Narendra Modi को ऐसे पेश किया जाता जैसे वह न केवल एक **नेता** थे, बल्कि एक **कहानी** थे, एक **प्रेरणा** थे। उन्होंने हर व्यक्ति को यह विश्वास दिलाया कि बदलाव संभव है, कि एक नया भारत संभव है।

अपने प्रचार में नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को तीखे हाथों से लिया। और हर आदमी को यह सपना दिलाया कि कांग्रेस के तमाम काले धन को वापस लाकर वो हर एक को बांट देगा, जिससे हर एक के हिस्से में काम से कम 15 लख रुपएआएंगे। साथ-साथ वह अपने हर प्रचार के चुनावी कैंपियन में यह भी प्रचार करते हैं कि वह महंगाई को बिल्कुल कम कर देंगे और खासकर पेट्रोल और डीजल तो 30 से ₹35 पर लीटर मिलेगा। और यह ट्रिक नरेंद्र मोदी के जबरदस्त साबित हुई.

**कांग्रेस विरोधी लहर Anti-Congress wave

कांग्रेस सरकार के खिलाफ बढ़ते **असंतोष** ने भी BJP government 2014 की {narendar modi lahar { इस लहर को और ताकत दी। भ्रष्टाचार, घोटालों और अराजकता से तंग आ चुकी जनता ने **भाजपा** को एक मजबूत विकल्प के रूप में देखा। लोगों ने अपने **क्रोध** और **निराशा** को मोदी के समर्थन में बदल दिया।

2G घोटाला, और चारा घोटाला, के अलावा -निर्भया- जैसे बड़े कांड भी इस सरकार में लोगों केदूर होने के उनके एक कारण थे। इसके अलावा {UPA government} महगाई को भी काबू नहीं कर पा रही थी. जिससे लोगों में कांग्रेस के खिलाफ काफी आक्रोश पैदा हुआ। पर कुदरत की मार यहाँ कहां रुकने वाली थी इन सब के बाद एक और समस्या उत्पन्न हुई। रूपए में भारी गिरावट। जो मोदी लहर को और मजबूती प्रदान कर गयी।

**सपनों का साकार realization of dreams

नरेंद्र मोदी ने हर मंच से **विकास** और **सशक्तिकरण** की बात की। उन्होंने हर भारतीय के दिल में यह विश्वास जगाया कि उनका भी भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। उनका नारा, "सबका साथ, सबका विकास," एक **जुमला** नहीं, बल्कि एक **वादा** था, जो हर व्यक्ति के दिल को छू गया।

2014 का आम चुनाव केवल एक राजनीतिक घटना नहीं थी, यह एक **जनआंदोलन** था, जिसमें हर व्यक्ति ने भाग लिया। मोदी की लहर ने देश को एक नई दिशा दी, एक नया मार्ग दिखाया। यह वह समय था जब भारत ने अपने **संविधान की आत्मा** को फिर से जीवंत होते देखा, जब हर नागरिक ने अपने भीतर एक **नई ऊर्जा** को महसूस किया।

BJP government 2014 का यह चुनाव एक **कविता** की तरह था, जिसमें हर पंक्ति, हर शब्द, हर वाक्य ने देश को एक नई उम्मीद दी, एक नया सपना दिया। नरेंद्र मोदी की लहर ने देश के कोने-कोने में **विश्वास** और **उल्लास** का संचार किया, जिससे भारत का भविष्य एक **नई रौशनी** में चमक उठा।

BJP government 2014 धर्म की राजनीति

BJP Government 2014


BJP government 2014 में विकास के तो नारे दिए साथ ही थे। साथ ही उसने ब्लैक मनी, जनता को बाँटना, और कांग्रेस के घोटालों से मुक्ति के साथ-साथ एक और नारा दिया जो था धर्म की राजनीति। बीजेपी ने कहा अगर हमरी सरकार आयी तो हम अयोध्या में राम मंदिर बनवाएंगे। जिससे हिन्दू समाज एक साथ हो उठा।

अयोध्या का मामला भारतीय राजनीती में हमेशा एक बड़ा चर्चा का विषय होता था, जिसको बीजेपी ने भरपूर भुनाया भी। बीजेपी ने Ram Mandir के मामले को कुछ ऐसे उठाया के पुराने इतिहास में फेर बदल करके अपने प्रचार कैंपेन में इस तरीके से दिखाया। [मुस्लिम शासको ने जबरदस्ती यहां पर मस्जिद बनाई और साथ ही हिंदुओं के साथ बड़े अत्याचार किए]. जिससे जनता को लगा कि हमें सच में आजादी BJP government 2014 के साथ ही मिलेगी।

निष्कर्ष BJP government 2014

BJP government 2014 के ऊपर हमारी यह पोस्ट आपको कैसी लगी आप हमें एक बार कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। वर्ल्ड वाइड हिस्ट्री इतिहास के पन्नों से खास आपके लिए कुछ खास लाती है. इस पोस्ट को आप अपने दोस्तों के शेयर करें। और कमेंट सेक्शन में यह बताने कोशिश करें कि यह पोस्ट किस तरीके से थी, और इसमें क्या कमी थी. और इसको किस तरीके से और ज्यादा better बनाया जा सकता था. History of Ranthambore


Thursday, September 5, 2024

bharat ka itihas 2010


परिचय: bharat ka itihas 2010 से 2024** के बीच एक उल्लेखनीय दौर रहा है, जिसमें देश ने राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे। इस समयावधि में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को और मजबूत किया और कई चुनौतियों का सामना करते हुए अनेक उपलब्धियां भी हासिल कीं।

2010 से 2014: विकास और चुनौतियाँ

bharat ka itihas 2010 to 2024 के बीच कई महत्वपूर्ण घटनाओं और परिवर्तनों का गवाह रहा है। इस अवधि में राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ आर्थिक विकास भी देखा गया, लेकिन साथ ही कई मुश्किल चुनौतियों का भी सामना भी करना पड़ा। आइए इस अवधि के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें।

Political scenario

Political scenario

2010 से 2014 के बीच भारत में यूपीए ((United Progressive Alliance)) सरकार के नेतृत्व में राजनीतिक स्थिरता बनी रही। इस दौरान डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। UPA की सरकार 2004 में मनमोहन के Prime Minister बनते ही शुरू हुई।

पर इस सरकार में कुछ घटनाएँ भी हुई जिनकी वजह से UPA government मुश्किलों में आगयी। यहाँ मौका मिला BJP सरकार को अपना वर्चस्य बनाने का, इस मोके का BJP ने पूरा फायदा भी उढ़ाया। अगले 4 साल तक कांग्रेस गवरमेंट की जनता के सामने रत्ती भर भी इज्जत न रही। 2014 इलेक्शन में BJP ने बड़ी जीत दर्ज करके अपनी सरकार बना ली.

मुख्य राजनीतिक घटनाएँ:

2G spectrum scam

2G spectrum scam; भ्रष्टाचार के मामले: इस समयावधि में कई बड़े भ्रष्टाचार के मामले सामने आए, जैसे 2G स्पेक्ट्रम घोटाला और कोयला घोटाला। इन घोटालों ने UPA government की साख को बुरी तरह प्रभावित किया और जनता के बीच आक्रोश पैदा किया। तब जेक लिखा गया bharat ka itihas 2010 to 2024 का एक नया अध्याय।

अन्ना हजारे का आंदोलन: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाया। उनका जन लोकपाल विधेयक की मांग ने सरकार पर दबाव बढ़ाया और भ्रष्टाचार के खिलाफ सशक्त कानून बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए।

इस आंदोलन का भी BJP government को सीधा फायदा हुआ। पहले से ही मुश्किलों में घिरी हुई थी UPA government. ऊपर से अन्ना हजारे जैसे सामाजिक कार्यकर्ता ने एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया जो UPA government के बुरी तरह से पतन का कारण बना. Bharat Ka Itihas 2010 2011 की ये ऐतिहासिक घटना थी.

Economic Development Bharat Ka Itihas 2010

2010 से 2014 के बीच कई आर्थिक घटनाएं हुई. जिनका सीधा फायदा बीजेपी गवर्नमेंट को मिला। वह कहावत है ना [ जब ऊपर वाला देता है तब झप्पर फाड़ के देता है ] बस वही काम हुआ थाबीजेपी के साथ चलो इन घटनाओं के बारे में थोड़ा डिटेल से जानते हैं.

मुख्य आर्थिक घटनाएँ: Main economic events:

आर्थिक सुधार; ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इस अवधि के दौरान UPA government ने कोई भी आर्थिक सुधार के लिए कदम नहीं उठाया, इस अवधि में सरकार ने कई आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिससे निवेश का माहौल बेहतर हुआ और विदेशी निवेशकों का विश्वास भी बढ़ा।

इस समय जो गवर्नमेंट के सामने सबसे मुश्किल समस्या थी वह थी महंगाई, इस पर UPA government काबू नहीं कर पाई. जिससे लोगों के ऊपर बोझ बढ़ने लगा. अपने घर को खर्चको चलाने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करने पड़ी। इस समयावधि में महंगाई एक बड़ी समस्या बनी रही। खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से आम जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

रुपये की गिरावट: 2013 में भारतीय रुपये की कीमत में भारी गिरावट देखी गई, जिससे देश के व्यापार संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। रुपये की इस गिरावट ने आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ा दीं और मुद्रास्फीति में वृद्धि की। एक तो पहले ही महगाई काफी थी ऊपर से ये रुपया। bharat ka itihas गवाह है के इसने कांग्रेस को अगली बार विपक्छ में बैठने पर मजबूर कर दिया।

Social change

bharat ka itihas 2010 से 2014 के बीच कई महत्वपूर्ण घटनाएँ और आंदोलनों ने देश को झकझोरा और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में अहम कदम उठाए गए।

मुख्य सामाजिक घटनाएँ:

Nirbhaya incident:: 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और सरकार को कठोर कानून बनाने पर मजबूर किया।

Nirbhaya incident

निर्भया के इस कांड में BJP government ने आग में घी डालने का काम किया। Congress government पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही थी, जैसे ही यह कांड उभर के सामने आया तो उसकी रही सही साख भी चली गयी। यह बीजेपी के लिए एक नए सवेरे की शुरुआत थी।

महिला सशक्तिकरण: महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कानून बनाए गए और योजनाओं की शुरुआत की गई। इसके तहत महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए विशेष ध्यान दिया गया।

पर यह सारे कानून कांग्रेस सरकार के काम नहीं आये, क्योंकि निर्भया जैसे और ज्यादा बढ़ गए थे जिससे महिलाओं के लिए उठाए गए सारे ठोस कदम और कानून बोने साबित हुए. बीजेपी नेअपने प्रचार कैंपियन में यह कहना शुरू कर दिया कि वह महिलाओं के लिए एक सेफ ठोस और जबरदस्त कानून लेकर आएंगे। जिससे महिलाओं का पूरा ध्यान बीजेपी की तरफ चला गया और कांग्रेस पूरी तरह से बेवकूफ पर आ गई.

Bharat Ka Itihas 2010 संक्षेप में

bharat ka itihas 2010 से 2014 के बीच का समय भारत के लिए मिश्रित अनुभवों का रहा। इस दौरान देश ने कई क्षेत्रों में प्रगति की, लेकिन साथ ही कई चुनौतियों का भी सामना किया। राजनीतिक स्थिरता के बावजूद भ्रष्टाचार के मामलों ने सरकार की साख को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया।

वहीं आर्थिक सुधारों के बावजूद महंगाई और रुपये की गिरावट जैसी बड़ी समस्याएँ बनी रहीं। सामाजिक दृष्टिकोण से, इस अवधि में हुए महत्वपूर्ण आंदोलनों और घटनाओं ने देश को जागरूक और मजबूत बनाया। bharat ka itihas 2010 से 2014 यह अपने आप में एक काफी रोमांचक इतिहास भी है. जो इससे पहले भारत में शायद कभी नहीं लिखा गया होगा क्या पता शायद आने वाले कल मैं भी कभी ना लिखा जाए।

इस समयावधि ने भारत को आत्मनिरीक्षण का मौका दिया और भविष्य की दिशा में सुधार के लिए प्रेरित किया। Bharat Ka Itihas 2010 एक ऐसा समय रहा, जिसमें देश ने विकास और चुनौतियों दोनों का सामना किया और उनसे उबरने की कोशिश की। 


Saturday, August 10, 2024

परिचय: Sayyid dynasty Mubarak Shah का शासनकाल 1421 से 1434 तक एक महत्वपूर्ण अवधि थी, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तन हुए। इस युग ने क्षेत्र के भविष्य की दिशा को आकार दिया। आइए इस प्रभावशाली नेता के जीवन और शासनकाल पर गौर करें और उनके स्थायी प्रभाव को समझें। Mubarak Shah कोण थे चले जानते।

प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि

सय्यद वश Mubarak Shah का जन्म एक उच्च कुलीन परिवार में हुआ था, उसके पिता खिज्र खां का दिल्ली का सुल्तान था जिसने सैयद वंश की नीव डाली थी। Mubarak Shah का पालन-पोषण कठोर शिक्षा और प्रशासन, युद्ध और कूटनीति में प्रशिक्षण के साथ हुआ
उसकी इस कठोर शिक्षा और दीक्षा के लिए एक ही कारण था, ताकि वह आगे चलकर दिल्ली की सत्ता को बखूबी संभाल सके इसी वजह से खिज्र खां ने उसके साथ कठोर नीति अपनाई थी.

सत्ता में आगमन

मुबारक शाह ने जब सत्ता संभाली तब दिल्ली सल्तनत में अराजक बहुत फैली हुई थी। उसके पिता खिज्र खां की अचानक मृत्यु ने एक दिल्ली एक शक्ति शून्य रह गयी थी. Mubarak Shah ने कुशलता से अपने प्रमुख सहयोगियों के समर्थन और रणनीतिक चालों के माध्यम से भरा। उनका सत्ता में आगमन बिना विरोध के नहीं था, लेकिन उनकी राजनीतिक समझ ने उनकी प्रभुता सुनिश्चित की।
उनके पिता Khizr Khan तैमूर वंश के सावंत के रूप में काम करते थे लेकिन उनकी death के बाद मुबारक शाह ने सबसे पहले काम यह किया कि उन्होंने अपने आप को independent कर लिया।

Political landscape

1421 में, Delhi's politics पूरी तरह से बिखरा हुआ था, जिसमें कई साम्राज्य सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे थे। दिल्ली के आस-पास क्षेत्रीय गतिशीलताएँ भी काफी जटिल थीं, जिसमें गठबंधन और प्रतिद्वंद्विता शामिल थी. जिन्हें Mubarak Shah ने कुशलता से संभाला। उनके शासन की शुरुआत सत्ता को समेकित करने और उनके राज्य को स्थिर करने के काम के साथ हुई।

पर कहा जाता है ना, एक महत्वाकांक्षी शासक वही होता है जो मुश्किल Circumstances में अपने आप को बिखरने ना दें, बल्कि उन मुश्किल Situation में ही अपने आप को सुधरेऔर फिर उठ खड़े होकर उन मुश्किल हालातो को वापस उन्हें की तरफ लौटा दे. और यही काम किया था मुबारक शाह ने भी.

Military campaigns

Military campaigns

Mubarak Shah ने अपने जीवन में कई सैन्य अभियानों का सहारा लिया। बल्कि कई सैन्य अभियानों का नहीं बल्कि हर बार उसे सैन्य अभियान ही करना पड़ता था।
जिस तरह उनके पिताने अपनी सारी जिंदगी जंग के मैदान में ही गुजार दी थी. उसी तरह Mubarak Shah को भी हर बार Military campaigns का ही सहारा लेना पड़ता था.

जैसे खिज्र खां को बहुत से विद्रोह का दामन करना पड़ा और हर बार उसे भी राजस्व वसूली के लिए नियमित सैनिक यात्रा करनी पड़ती थी. ठीक उसी तरह अपने शासनकाल में मुबारक शाह को भी हर बार राजस्व वसूलने के लिए कड़ा Military campaigns करना पड़ता।

विद्रोहों का दमन Suppression of rebellions

दिल्ली सल्तनत में कोई भी सुल्तान ऐसा नहीं था जिसे विद्रोहों का सामना न करना पड़ा हो. जिस सल्तनत की नीव कुतबुद्दीन ऐबक १२०६ में राखी वह हर बार अपने सुल्तान के मरने के बाद कमजोर होती, और इसी का फायदा उठाते वीर राजपूत जो अपने आपको सल्तनत से सवतंत्र कर लेते, फिर हार जाते और दिली सल्तनत में मिल जाते.

ऐसे ही विद्रोहों का सामना करना पड़ा अपने शासनकाल में मुबारक शाह को भी, भटिंडा एवं दोआब में हुए इन विद्रोहों को Mubarak Shah बड़ी सफलतापूर्वक दबा दिया था. परंतु खोखर जाति के [नमक की पहाड़ी] के नेता दशरथ द्वारा किए गए विद्रोह को दबाने में मुबारक शाह unsuccessful रहा था.

कूटनीति और गठबंधन Diplomacy and Alliances

कूटनीति मुबारक शाह की रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पड़ोसी राज्यों के साथ महत्वपूर्ण गठबंधन किए, विवाह, संधियों और वार्ताओं का उपयोग करके अपने राज्य की स्थिति को सुरक्षित किया। इन कूटनीतिक प्रयासों ने न केवल संघर्षों को रोका, बल्कि व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी सुविधाजनक बनाया।

सांस्कृतिक योगदान Cultural Contributions

< >मुबारक शाह के संरक्षण में, कला और संस्कृति का उत्थान हुआ। उन्होंने कलाकारों, कवियों और विद्वानों का समर्थन किया, जिससे साहित्य और कला में पुनर्जागरण हुआ। उनके युग की वास्तुकला उपलब्धियाँ, जैसे भव्य महल और मस्जिदें, उनके सांस्कृतिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। उसने अपने नाम का [मुबारकाबाद] नमक city भी बसाया, जो उसकी मौत का कारन भी बना।

चुनौतियाँ और विवाद Challenges and Controversies

उनकी उपलब्धियों के बावजूद, मुबारक शाह का शासन चुनौतियों और विवादों से रहित नहीं था। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी गुटों का विरोध किया और आंतरिक कलह का सामना किया। उनकी कुछ नीतियों को, हालांकि प्रगतिशील, प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिससे कई महत्वपूर्ण विवाद उत्पन्न हुए।

व्यक्तिगत जीवन Personal Life

अपने सार्वजनिक जीवन के अलावा, मुबारक शाह का एक समृद्ध व्यक्तिगत जीवन भी था। उनकी कई रानियाँ थीं और कई बच्चे थे जिन्होंने उनके प्रशासन में भूमिका निभाई। उनकी रुचियों में साहित्य, संगीत और कला शामिल थे, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाते हैं।

शासन का अंत End of Reign

मुबारक शाह का शासन 1434 में समाप्त हुआ, जिसके हालात ऐतिहासिक बहस का विषय बने हुए हैं। उनकी मृत्यु के बाद सत्ता का हस्तांतरण हुआ, जिसमें उनके उत्तराधिकारी को उनके शासन के दौरान प्राप्त स्थिरता और सौरये को बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ा।

the Delhi Sultanate

१४३४ में जब वह अपने नाम के बसाये गए [मुबारकाबाद] का निरीक्छण कर रहे थे, उसके वजीर सरवर-उल-मुल्क पड़यंत्र रच कर धोखे से मोत के घाट उतार दिया। जिससे दिल्ली सल्तनत के एक महान शासक का अंत हो गया।

निष्कर्ष Sayyid Dynasty Mubarak Shah

Sayyid dynasty Mubarak Shah का 1421 से 1434 तक का शासनकाल परिवर्तन की एक उल्लेखनीय अवधि थी। उनके दूरदर्शी नेतृत्व, प्रशासनिक, सैन्य और सांस्कृतिक योगदानों ने एक ऐसी विरासत छोड़ी है जिसे याद किया जाता है और अध्ययन किया जाता है। उनके क्षेत्र पर उनका प्रभाव उनके कौशल और उनके लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

FAQs
1. सय्यद वश मुबारक शाह द्वारा लागू किए गए प्रमुख सुधार क्या थे?

  • सय्यद वश मुबारक शाह ने प्रशासन, कराधान और सामाजिक कल्याण में सुधार लागू किए। उन्होंने नौकरशाही का पुनर्गठन किया, कुशल कर प्रणालियों को लागू किया, और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया।

2. मुबारक शाह ने अपने क्षेत्र का विस्तार कैसे किया?

  • मुबारक शाह ने अपने क्षेत्र का विस्तार रणनीतिक सैन्य अभियानों के माध्यम से किया, नवीन रणनीतियों और एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित सेना का उपयोग किया। उनके कूटनीतिक प्रयासों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें गठबंधन और संघर्षों की रोकथाम शामिल थी।

3. मुबारक शाह ने सांस्कृतिक योगदान कैसे दिया?

  • Mubarak Shah कला के संरक्षक थे, उन्होंने कलाकारों, कवियों और विद्वानों का समर्थन किया। उनके शासनकाल में साहित्य और कला में पुनर्जागरण हुआ, और उन्होंने महल और मस्जिदों जैसे भव्य वास्तुशिल्प परियोजनाओं का निर्माण कराया।

4. मुबारक शाह की आर्थिक नीतियों ने क्षेत्र को कैसे प्रभावित किया?

  • उनकी आर्थिक नीतियों ने वाणिज्य को बढ़ावा दिया और कृषि उत्पादन में सुधार किया, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए धन में वृद्धि हुई। उनके व्यापार नीतियों ने वाणिज्य की सुविधा प्रदान की और क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि में योगदान दिया।

5. मुबारक शाह की धार्मिक नीतियों का स्वभाव क्या था?

  • Mubarak Shah की धार्मिक नीतियाँ प्रगतिशील थीं और उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया। उन्होंने विभिन्न धार्मिक संस्थानों के निर्माण का समर्थन किया और धार्मिक नेताओं के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाए।
  • History Of Ranthumbhore

Wednesday, July 10, 2024

The Great History of the Delhi Sultanate:


सांस्कृतिक संगम और सैन्य कौशल का प्रतीक Delhi Sultanate, एक ऐसे युग का प्रमाण है, जहाँ प्रेम और युद्ध ने इतिहास की दिशा तय करने के लिए एक दूसरे से जुड़े रहे हैं. कहा जाता है दिल्ली सल्तनत के लिए भी नामुमकिन नहीं था।

1206 से 1526 तक तीन शताब्दियों तक फैले इस काल के इतिहास में ऐसी कहानियाँ भरी पड़ी हैं, जो भावनाओं के एक अलग दायरे को जगाती हैं - रोमांटिक जुनून की ऊंचाइयों को छूने से लेकर दुखद पीड़ा और नुकसान की गहराई तक। यह लेख Delhi Sultanate, को परिभाषित करने वाली कहानियों पर नजर डालता है, मानवीय अनुभवों के जटिल ताने-बाने की खोज करता है, जिसने भारतीय उपमहाद्वीप पर एक अग्रिम छाप छोड़ी।



Tuesday, June 25, 2024

History of Ranthambore


The history of Ranthambore is a heroic history and it is the best history in Indian history, especially the history of the Chauhan Rajput empire. Ranthambore had such a history that even the Delhi Sultanate had to chew iron grams to break it.

Except for Ranthambore Fort, most of the Rajputs of Rajasthan had made a treaty with the Delhi Sultanate, after that, they also made a treaty with the British, but Ranthambore was not as easy for the Delhi Sultanate as it was for the British.

Hi, I am Doctor Sheikh Nasir. I had never introduced myself in any article before this. I have always been going by the name of World Wide History. But this is the history of such a brave and great man whose name is Hammer Chauhan, in this context, it is necessary for me to introduce myself. If I do not introduce myself even for such a valiant and brave man, then it would be disrespectful to this brave man.

The history of Ranthambore revolved around Chauhans for a long time, but the most powerful and mighty king of Ranthambore was Hammer Chauhan. I am writing this article in special reference to this, although this article will be completed by combining many articles because its history is very long, due to which it is very difficult to write it in one article.

This article should be considered the first article of this series, in which I will try to tell in detail about the Durga of Ranthambore, its establishment, its geographical location, and fort architecture you can also see this article as a review of the History of Ranthambore.

Ranthumbore fort


Ranthambore Fort: Establishment, Geographical Location, and Fort Architecture

At present, Ranthambore Fort is a major historical tourist destination for all the tourists of the country and abroad, along with this, due to the Ganesh temple located inside it, it is also maintaining its identity as a major religious place.

The route to Ranthambore fort is no less than a thrilling journey. Passing through dense forests between high and low hills, this route becomes even more charming during the rainy season.

Lush green trees with monkeys jumping on them, herds of deer running here and there. Waterfalls flowing at some places, rainwater flowing from the road at some places, a straight climb at some places, a steep slope at some places, etc., this route itself thrills the one who sees it. When we were passing through this route, we felt as if nature had left the whole world and had come and sat in our lap.

Except for Ranthambore, most of the dynasties of Rajasthan had accepted the rule of the kings of Delhi and after that, they had made treaties with the British. Somehow or the other, they saved their existence till the independence of India through the History of Ranthambore. As long as the last rites were present in this fort, no one had the status to know about this fort. However, after Rao Hamir, it never became such a big betting center again.

History of Ranthambore Fort, while maintaining its originality, the temples, palaces, and other buildings of that time in their dilapidated state still tell the story of Rao Hammir's sacrifice, martyrdom, and courage. This fort is a witness to the valor of those thousands of brave women who happily merged forever in the burning flames of today.

History of Ranthambore is a witness to Hammir Hathi's innocent daughter Devalde who, after paying her last respects to the land of death, ends her life by putting a ring in Padma Sarovar. This fort reminds us of that heart-rending day of July 1301 AD when the blood spread on each step giving proof of the bravery, sacrifice, and martyrdom of the Rajput soldiers.

Establishment of Ranthambore Fort

There is a lot of disagreement among historians about the building and construction art of Ranthambore Fort. There is an ancient belief that before the construction of this fort, there was an ashram of Padam Rishi at this place. Near the ashram, there was a big pond which was called Padam Sarovar. It is said that once two princes named Jayant and Randhir came here while hunting and they met Padam Rishi. With the inspiration of the sage, they built a fort named Ran Ranstambhpur at this place. Even today the pond present in this fort is called Padmala Talab. Before the construction of the fort, the idol of Lord Shri Ganesha was also installed which is famous all over Rajasthan today.

At the same time, some other historians are of the opinion that Ratti Dev, the cousin of Chandravanshi King Hasti, built this fort. At the same time, some other historians believe that this fort was built by Chauhan King Ranthan in 944 AD, and according to his name, it was named Ranthambpur. Which later became Ranthambore. According to the history of Ranthambore, Hammir Raso written by Jodharat and Mahesh Kavi, the foundation of this fort was probably laid in 1110 AD. 1053 AD.

After considering all the opinions, we can conclude that the foundation of the fort may have been laid by anyone, but the credit for bringing it to the historical platform can be given only to the kings of the Chauhan dynasty. It is estimated that this fort must have been built around the eighth century, but it cannot be said with certainty.

This fort existed during the time of the famous king of the Chauhan dynasty, Prithviraj Singh Chauhan I, and was also under his control. It is believed that Prithviraj Singh Chauhan I offered a golden urn to a Jain temple built here. The reign of Prithviraj Singh Chauhan I is believed to be between 1090 AD and 1110 AD.

Most likely It is believed that this fort must have been under the rule of the Chauhan dynasty since its construction, either directly or indirectly. There may be differences of opinion on the actual construction date of Ranthambore Fort, but it is true that by the tenth century, this fort had come into existence and by the 12th century this fort became so famous under the leadership of Chauhan rulers that the geographical and combined date of this fort is mentioned in almost all the historical records of that time.

Conclusion History of Ranthambore

This is our first post on the History of Ranthambore and till now we have known a little about how the fort was established. We request you all to read more. Later on, you will know which battles took place between the Delhi Sultanate and Ranthambore and how they happened.


Featured

Break

Contact form

Name

Email *

Message *

Search This Blog

Nasir Buchiya

Nasir Buchiya
Hello, I am Nasir Buchiya. I am a history writer. Ancient Indian History, Gurjar Gotra, Rajputana History, Mewat History, New India etc.,
3/related/default

Home Ads

Facebook

ttr_slideshow

Most Recent

Recent Posts

recentposts

Popular Posts